उसने कहा था.....
कि लिखते रहना...
उसे कैसे बताऊँ की..
तुम्हारे बिन लिखना...
इतना आसान नही है...
आसान नही था..
उन लम्हों को लिखना,
जो कभी गुजरे ही नही....
आसान नही था...
उस ख़ामोशी को लिखना..
जो इक अरसे से...
हमारे बीच आ गयी है...
आसान नही था...
उन राहो को लिखना..
जिनको मंजिल कभी..
मिली ही नही...
आसान नही था...
उन यादो को लिखना...
जो सिर्फ तारीखों में सिमटी है....
आसान नही था...
उस एहसास को लिखना..
जो पहली बार छुआ था तुमने....
आसान नही था...
उन आखों को लिखना...
जो सिर्फ मुझे देखती थी...
आसान नही था...
उन रातो को लिखना..
जो तुमसे बाते करते गुजरी है...
आसान नही था...
उन पलों को लिखना..
जो तुम्हारे इन्तजार में गुजरे है....
उससे कहना...मुस्किल था..
कुछ भी आसान नही था..तुम्हारे बिन...
मैंने तो हर पल में..
तुम्हे लिखा है....
आसान नही था...तुमको लिखना.....!!!
कि लिखते रहना...
उसे कैसे बताऊँ की..
तुम्हारे बिन लिखना...
इतना आसान नही है...
आसान नही था..
उन लम्हों को लिखना,
जो कभी गुजरे ही नही....
आसान नही था...
उस ख़ामोशी को लिखना..
जो इक अरसे से...
हमारे बीच आ गयी है...
आसान नही था...
उन राहो को लिखना..
जिनको मंजिल कभी..
मिली ही नही...
आसान नही था...
उन यादो को लिखना...
जो सिर्फ तारीखों में सिमटी है....
आसान नही था...
उस एहसास को लिखना..
जो पहली बार छुआ था तुमने....
आसान नही था...
उन आखों को लिखना...
जो सिर्फ मुझे देखती थी...
आसान नही था...
उन रातो को लिखना..
जो तुमसे बाते करते गुजरी है...
आसान नही था...
उन पलों को लिखना..
जो तुम्हारे इन्तजार में गुजरे है....
उससे कहना...मुस्किल था..
कुछ भी आसान नही था..तुम्हारे बिन...
मैंने तो हर पल में..
तुम्हे लिखा है....
आसान नही था...तुमको लिखना.....!!!
वाह...
ReplyDeleteअच्छी कविता !
अनुलता
आसान नहीं है दिल की बात को हु बहु उतारना ....बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteन्यू पोस्ट हिमालय ने शीश झुकाया है !
न्यू पोस्ट अनुभूति : लोरी !
वाह क्या बात है . .....बेहतरीन रचना
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