Friday 29 April 2011

'कवि'

सब जगह से निराश होकर,
 आज तुम्हारे पास आई हूँ...!!
क्यों की मैंने सुना है,
 जब सब सो जाते है,
 तब भी कवि जागता  रहता है....!!
कैसे किसी के होठों पे एक छोटी सी मुस्कान दे, 
कैसे किसी के दर्द को थोडा सा बाँट ले,
कलम हाथ में लेकर ये सोचता रहता है...
खामोश रातो में उसकी अधखुली आखों में,
 जाने किसका सपना जगता रहता है, 
अपने ख्यालो को अपने एहसासों,
 को वो शब्दों  में बंधता  रहता है ....!!!

                    

Tuesday 26 April 2011

तुम्हारा हो......!!!


तुम जियो उस प्यार मे जो
 मैने तुम्हे दिया है,
उस तन्हाई मेँ नही
 जिसे मैने खुद मे छिपा लिया है....!
तुम खुश रहो उस खुशी मेँ
 जो मैने तुम्हारे लिये चुनी है,
उस पीर मेँ नही
 जो मैने खुद मे समेट ली है....!
तुम बढो उस मंजिल की तरफ
 जिनकी राहे मैने तुम्हारे लिये बनाई है,
चुन लिया सब काँटो को फूलो से राहे सजायी है....!
तुम छुओ उस आकाश को
 जो मैने तुम्हारे लिए तारो से  सजाया है,
उस अँधेरे को नही जिसे मैने खुद मेँ छिपाया है....!
तुम्हे मंजिल तक पहुँचाने का
 एकमात्र उद्देश मेरा हो,
वहाँ का आकाश,
वहाँ की खुशी,
वहाँ का सवेरा सिर्फ तुम्हारा हो
  तुम्हारा  हो......... !!!


तेरे सजदे मे सर है झुका,तु इबादत तु ही दुआ...!!!


           


Monday 18 April 2011

मेरी जिन्दगी.....!!!

जब भी जिन्दगी में लगा की सब 
कुछ खत्म हो गया, 
तभी एक उम्मीद सी दिल में जगती है 
की शायद यही शुरुआत  है...! 
जब भी बिना आह के  दिल टूट कर बिखर गया,
मैं मुस्कराती रही....!! 
मेरी मुस्कराहट के पीछे धीरे-धीरे से,
एक दर्द का तूफान गुजर गया..!!! 
पता नही मैंने जिन्दगी को बदल दिया 
या जिंदगी ने मुझे बदल दिया, 
पर जिन्दगी की राहे जब भी खत्म हुई 
मैंने रास्ता बदल दिया...!!! 
एक उलझन ही रही मेरी जिंदगी, 
मैं जिन्दगी के हर मोड़ पर जीने के बहाने ढूँढती रही,
पर जिन्दगी को हर बार मुझे हराने के बहाने मिलते रहे... 
कुछ कमी थी शायद मेरी कोशिशो में 
की जिन्दगी हर बार  जीत गयी अपनी साजिशो में .....!!!
                                                  

Tuesday 12 April 2011

हमको तो आगे जाना होगा.....!!!

ये रात अँधेरी है कल का सूरज ना जाने कैसा होगा 
हर याद दिल में बसी है 
अब इन यादो  के  सहारे ही जीना  होगा 
इस दिल में तूफ़ान बहुत 
अब इन तुफानो से ही गुजरना होगा 
आखों में होगे आंसू मगर  
इन होटों से मुस्कराना होगा 
तन्हा ना कटेगा सफ़र कभी
 किसी ना किसी को अपना बनाना होगा 
टूटेंगे  ख्वाब हर पल यहाँ
 फिर भी आखों में एक नया सपना सजाना होगा 
टूट जायेगी हर उम्मीद यहाँ
 ना जीने का कोई बहाना होगा 
रुक जाये जिंदगी तो क्या 
हमको तो आगे जाना होगा..!!!
 



Friday 8 April 2011

जिँदगी तुझे सब कुछ बताना चाहती हूँ मै.....!!!


जिँदगी तुझे सब कुछ बताना चाहती हूँ मै,
 वो राज जिसका जिक्र सिर्फ मैने अपनी तन्हाई मेँ किया है,
 जिंदगी तुझे उस राज का हमराज बनाना चाहती हूँ मै.!
 वो सपने जो आँखोँ मेँ ही रह गये,
 वो अहसास जो मेरे दिल ने किसी के लिये महसूस किये थे,
 हर वो याद जो आज भी मेरी मुस्कान की वजह बनी हुई है,
 हर वो बात जो अब तक किसी से कही नही,
 जिँदगी तुझे वो सब कुछ बताना चाहती हूँ मै...!!
 अकेले तय किया बहुत लम्बा सफर,
 अब राह मिलती नही,
 आ गयी हूँ उस मोङ पर,
 कि अब जिँदगी तेरा हाथ पकङ कर मँजिल तक जाना चाहती हूँ मै..!!

..

Tuesday 5 April 2011

लहरें....!!!

तन्हा सागर के किनारे मैं बैठी थी,
लहरों को अपनी तरफ आते देख रही थी...!
एक पल दिल ने कहा की काश!
ये लहरें हमें भी अपने साथ ले जाये,
कही भी जाये,
पर हमें यहाँ अकेले ना छोड़े अपने साथ ले जाये ...
पर ये क्या?
पलक झपकते ही मैं लहरों को  वापस जाते देख रही थी,
वो फिर आएगी मुझको लेने इस उम्मीद में,
मैं लहरों को आते-जाते देख रही थी...! 
एक हलचल सी थी दिल में मेरे, 
कुछ कहना था उन लहरों से ,
वो मेरे पास आती थी,
मैं खुद पे उनको  मुस्कराते देख रही थी..
कभी तो सुनेगी वो मेरी बाते ..
इस उम्मीद में, 
मैं तन्हा बैठी  लहरों को आते-जाते देख रही थी..... !! 


Sunday 3 April 2011

शुभ नवरात्रि..!!!!

या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:!!!


या देवी सर्वभुतेषू विष्णु मायेती शब्दिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः!!!


या देवी सर्वभुतेषु चेतनेत्यभिधियते
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः!!!


या देवी सर्वभुतेषु बुद्धिरुपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः!!!



या देवी सर्वभुतेषु निद्रारुपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः!!!

या देवी सर्वभुतेषु क्षुधारुपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः!!!