मैने लिखा है,
बहुत कुछ, जिंदगी,प्यार,मिलना-बिछड़ना ,
सब ही लिख दिया..
फिर भी बहुत कुछ है ऐसा मेरे दिल मेँ,
जो मैने अभी लिखा नही..!!
मैने लिखी है,
समंदर की गहराई,पर्वत की ऊँचाई,
लहरे भी कुछ कहती है...
जो मैने अभी लिखा नही...!
मैने लिखा है,
मौसम की बहार को,सुदंरता और सिंगार को,
पतझङ भी कुछ कहता है..
जो मैने अभी लिखा नही ...!
मैने लिखा है,
दिल को अरमानो को,होठो पर बिखरी मुस्कान को,
आँखो की उदासी भी कुछ कहती है..
जो मैने अभी लिखा नही...!
मैने लिखा है,
तेरी मेरी उन बातो को,उन अहसासो और जज़बातो को,
ख़ामोशी भी कुछ कहती थी...
जो मैने अभी लिखा नही!
मैने लिखा है,
कविताओं को,मन के भावो को,
फिर भी लगता है कि बहुत कुछ ऐसा है मेरे दिल मेँ
जो मैने अभी लिखा नही..!!
और शायद मैं कभी लिख भी न पाउंगी...!!