Saturday 5 September 2020

इक रात ऐसी भी है...!!!

इक रात ऐसी भी है,जब नींद नही थी आखो में,
सब कुछ था,साथ भी था..
फिर भी एक अकेलापन,बेचैनी थी मन मे,
क्या इसी रात के लिए मैं अब तक भागे जा रही थी, जवाब कोई नही मिला...
सन्नटा था खामोशी थी,सारे जवाब भी शायद सो रहे थे,बस मुझे छोड़ कर...
मुझे पता कल दिन आज से बेहतर होगा,
शायद मैं भूल भी जाउंगी इस रात को कि मैं बहुत अकेली थी...पर इक टीस रहेगी मन मे...
एक भी शख्स नही मिला जीवन मे....
जो ये मेरी रात साथ जाग के गुजार देता..
नींद अगर नही थी मेरी आँखों मे,वो सोता नही ...
चाँद तारो की बाते करता...
बस बातो में रात गुजर जाती.....
इक रात ऐसी भी है...!!!

Friday 4 September 2020

सब कुछ झूठा था....!!😢

सब कुछ झूठा था,
वो प्यार तुम्हारा जूठा था,वो साथ तुम्हारा झूठा था..
वो सात वचन तुम्हारे झूठे थे,वो बाते तुम्हारी झूठी थी,
जो बहुत कुछ कहती थी वो आँखे तुम्हारी झूठी थी,
वो ख्वाब तुम्हारे झूठे थे....
सब  रिश्ते झूठे हो गए...
झूठा था जीवन तुम्हारे साथ...
तुम्हारा छोड़ कर जाना ही सच्चाई है,
मेरी तो पूरी दुनिया ही झूठी हो गयी है...आहुति