Saturday 25 May 2013

इस बार लिख दूंगी.....!!!


जब भी कलम उठाती हूँ,सोचती हूँ...                                            
इस बार लिख दूंगी.....
सब उद्गार अपने दिल के 
इन शब्दों से मिल के .....


जब भी कलम उठाती हूँ,सोचती हूँ....
इस बार लिख दूंगी.... 
जीतने के सब गुण 
हार से मिल के...... 

जब भी कलम उठाती हूँ,सोचती हूँ....
इस बार लिख दूंगी.... 
हकीकत में बदलने की तरकीबे 
सपनो से मिल के.... 

जब भी कलम उठाती हूँ,सोचती हूँ...
इस बार लिख दूंगी.... 
इस बार अपने हौसलों की उचाईयां 
आसमा से मिल के.......!!!