Wednesday 20 June 2018

बोगनवेलिया......!!!

बोगनवेलिया...ये नाम पहली बार,
तुम्हारी जुबां से सुना था,
पता नही क्यों तुम जितनी बार ये नाम लेते थे,
मुझे उतना ही सुनना अच्छा लगता था..
सच कहूं तो तुमसे ही जाना था,
इस फूल के बारे में,
बहुत ही खूबसूरत फूलो के,
गुच्छे से लदी इसकी डलिया थी,
जैसे मन को अपनी तरफ खिंचती थी,
सच कहूं जब तुम नही होते थे,
तब भी मैं घंटो इन फूलों में,
तुमको देखा करती थी,
सोचती थी ये इतनी खूबसूरत है कि,
तुम्हारी नजरो अपनी तरफ खींच लेती है,
तुम कैसे इन्हें जी भर कर देखा करते थे..
तुम्हे पता है सोचती थी कि,
इस जन्म में मैं तुम्हारे साथ हूँ,
गर अगले जन्म में...
मैं तुम्हारी साथ ना भी रही तो बस,
मैं तुम्हारे आंगन में बोगनवेलिया बन कर,
तुम्हारे घर को सजाती रहूं,
तुम यूँ ही जी भर कर मुझे देखते रहना...
और धीरे से अपने मन मे मेरा नाम पुकार लेना...बोगनवेलिया...!!!