Thursday 30 June 2011

मेरे साथ चल कर देखना .....!!!

कभी जो वक़्त मिले तो
मेरे साथ चल कर देखना 
मेरे साथ इन टेढ़ी मेढ़ी राहो से गुज़र कर 
अपने हाथो में मेरा हाथ थाम कर
कुछ दूर सम्हल कर देखना....!

तुम्हारे ख्वाब,
तुम्हारी ख्वाइशे
मुझमे सब कुछ तुम्हारा ही है
एक बार अपने दिल को
मेरे दिल से बदल कर देखना...!
कभी जो वक़्त मिले तो
मेरे साथ चल कर देखना.......!!!

Wednesday 29 June 2011

डॉ. किरण मिश्रा जी .... एक पूर्ण व्यक्तित्व...!!

                                                     
  कभी-कभी हम किसी ऐशे शख्स से मिलते है जो हमारे जीवन में एक छाप छोड़ जाते है अपने आप में एक पूर्ण व्यक्तित्व होते  है मैं भी इन्ही दिनों एक ऐसे ही आसाधारण व्यक्तित्व  की धनी सख्सियत से मिली आपका  परिचय डॉ. किरण मिश्रा कानपुर में के के गर्ल्स डिग्री कालेज में प्राचार्य पद पर कार्यरत है..
आपको पहले मैंने आपके ब्लॉग पर पढ़ा था और फिर आपसे मिलने का मौका भी मिला... 

मैं जब आपसे मिलने जा रही थी सामान्यता जो हर कोई सोचता है की डिग्री कालेज में प्राचार्य है तो बहुत सख्त होगी लेकिन मैं गलत थी,आपसे एक मुलाकात ने मेरी जीवन को एक नयी राह,नयी उम्मीद दे गयी..! आपकी शालीनता,सरलता और जिन्दगी में खुश रहने की इतनी सारी वजह किसी को भी प्रभावित कर सकती है..
आपसे मिलकर मुझे लगा की कोई भी पद किसी की पहचान नही बनाता बल्कि उसका व्यक्तित्व उसकी पहचान को पूर्ण करता है मैं जब आपसे  मिली तो बहुत डर रही थी पता नही मैं ठीक से बात कर भी पाउंगी की नही? पर आपसे  मिलने के बाद आपके असाधारण व्यक्तित्व से परिचय हुआ..
आपने  इस तरह जिन्दगी की छोटी छोटी बातो में खुशियों को तलाश करना उनमे जीने की कला को समझाया..आपके अंदर मैंने एक गुरु,एक दोस्त,एक मार्गदर्शक  को देखा... 

आपसे मिलने के बाद जो मैंने महसूस किया उन्हें शब्दों में उतरने की एक छोटी सी कोशिश की है,फिर भी बहुत कुछ था आपके व्यक्तित्व में जिसे कहने के लिए मुझे शब्द नही मिल पाए जो सिर्फ महसूस किये जा सकते  है ..आपका व्यक्तित्व किसी की भी जिन्दगी में एक साकारात्मक सोच को विकसित कर सकता है...
मेरे विचार से आप एक पूर्ण व्यक्तित्व की धनी है आपसे  मिलने के बाद मैं ही नही मेरे जैसी हजारो लडकिया  आपके  जैसा बनाना चाहेंगी.....!!

 ब्लॉग... kirankiduniya.blogspot.com` 

Sunday 19 June 2011

ये बारिश की बूँदे....!!!

ये ठण्डी हवाये ये बारिश की बूँदे
जरा देखा इन्हे गौर से तो,
इनमे अक्स तुम्हारा दिखने लगा...!

इन हवाओ के साथ, 
तुम्हारे साथ बीती हुई अनछुई यादो का सिलसिला ,
बनके खुशबू मेरी सांसो मे घुलने लगा....!

 इन बूँदो का स्पर्श,
तुम्हारे प्यार का अहसास दिलाने लगी,
इक पल मुझे यूँ लगा कि
ये मौसम,ये फुहार
मुझे तुमसे मिलाने लगी...!


Sunday 12 June 2011

बस एक आरजू है मेरे दिल की....!!!

कभी तुम्हे देखू तो देखती रहूँ 
कभी तुम्हे सोचूं तो सोचती रहूँ 
बस एक आरजू है मेरे दिल की 
एक शाम हो तुम्हारे साथ 
तुम कहते रहो और मैं सुनती रहूँ.!

तुम्हारे ख्वाब अपनी आँखोँ में बुनती रहूँ 
बस एक आरजू है मेरे दिल की 
तुम चलो जिस राह पर 
तुम्हारे हाथो को थाम 
मैं तुम्हारे साथ चलती रहूँ.!

तुम्हारी मुश्किलो को आसान मैं करती रहूँ 
बस एक आरजू है मेरे दिल की 
तुम्हारे बिना कोई सफ़र तय
मैं न करूँ 
तुमसे शुरु हर आगाज़,हर बात 
तुम पर ही ख़त्म अंजाम करती रहूँ....!!!

Wednesday 1 June 2011

अभी बाकी है....!!!

बहुत बाते की है तुमसे                                 
पर बहुत कुछ कहना
अभी बाकी है...!

तुम्हारे एहसासों में बहुत कुछ लिखा है 
पर कुछ एहसास ज्जबात ऐसे भी है 
जिन्हें शब्दों में उतारना
अभी बाकी है....!

बहुत राते गुजारी है तुम्हारी यादो के साथ 
पर एक रात तुम्हारे साथ
तारो को देखते हुए गुजारना
अभी बाकी है....!

तय की बहुत राहे 
मंजिल तक पहुचने की 
पर तुम्हारे साथ मंजिल तक जाना
 अभी बाकी है.....!

जिन्दगी मिल गयी तो क्या 
इस जिन्दगी को जीने का बहाना 
तुम्हे पाना 
अभी बाकी है....!

हासिल कर लूँ  मैं सब कुछ 
चाहे दुनिया को जीत लूँ 
पर तुमसे हार जाना 
अभी बाकी है....!

मैं तुमसे प्यार करती हूँ 
ये मालूम है तुम्हे 
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना 
अभी बाकी है...!!