मुझे आज भी याद है...
वो दिन...
जब तुम अब मेरा,
साथ नही दे पाओगे..
तुम मुझे छोड़ कर जाने की,
अपनी सारी मजबूरियाँ,
बता रहे थे...
भविष्य में होने वाली
सम्भावनाए..
जो मुझे नही पता की,
होंगी कि नही..
पर तुम्हे यकीन था..
उन्ही सब का वास्ता दे कर...
तुम मुझे छोड़ कर जाने की,
मजबूरियाँ बता रहे थे...
मैं सुन रही थी तुम्हे...
तुम्हारी मजबूरियों को सुन कर
अन्दर ही अन्दर टूट रही थी...
और ढूंढ रही थी,
कुछ तुम्हारी बातो में,
तुमने अपने सभी,
टूटे सपनो के बारे में तो बताया,
पर एक भी मेरे साथ देखे,
सपने का जिक्र भी नही किया...
इक पल को लगा,
तुम्हारा मेरे साथ होना भी
कोई तुम्हारी मज़बूरी है...
पर मैं अब भी तुम्हारे साथ थी..
इसलिए नही कि,
मैं मजबूर थी..
बल्कि इसलिए की,
मुझे यकीन था खुद पर..
कि ग़र हम साथ होंगे,
तो सम्हाल लेंगे,
जिन्दगी के हालातो को...
हो सकता है कि कई बार,
हम जिन्दगी में हार भी जाये,
पर ग़र हार भी गये तो,
हम रहंगे साथ..
उस हार का जशन,
मनाने के लिये...
मैं कुछ कहती कि,
तुमने कह दिया कि,,
तुम समझोता कर रही हो..
इतना भी समझोता,
नही करना चहिए...
इक पल और मेरा खुद पर किया,
सारा गुरुर चकनाचूर हो रहा...
तुमने प्यार को समझोता,
नाम दे दिया...
तुम्हारी मजबूरियों के साथ,
आज मेरा सब कुछ बह गया....!!!
वो दिन...
जब तुम अब मेरा,
साथ नही दे पाओगे..
तुम मुझे छोड़ कर जाने की,
अपनी सारी मजबूरियाँ,
बता रहे थे...
भविष्य में होने वाली
सम्भावनाए..
जो मुझे नही पता की,
होंगी कि नही..
पर तुम्हे यकीन था..
उन्ही सब का वास्ता दे कर...
तुम मुझे छोड़ कर जाने की,
मजबूरियाँ बता रहे थे...
मैं सुन रही थी तुम्हे...
तुम्हारी मजबूरियों को सुन कर
अन्दर ही अन्दर टूट रही थी...
और ढूंढ रही थी,
कुछ तुम्हारी बातो में,
तुमने अपने सभी,
टूटे सपनो के बारे में तो बताया,
पर एक भी मेरे साथ देखे,
सपने का जिक्र भी नही किया...
इक पल को लगा,
तुम्हारा मेरे साथ होना भी
कोई तुम्हारी मज़बूरी है...
पर मैं अब भी तुम्हारे साथ थी..
इसलिए नही कि,
मैं मजबूर थी..
बल्कि इसलिए की,
मुझे यकीन था खुद पर..
कि ग़र हम साथ होंगे,
तो सम्हाल लेंगे,
जिन्दगी के हालातो को...
हो सकता है कि कई बार,
हम जिन्दगी में हार भी जाये,
पर ग़र हार भी गये तो,
हम रहंगे साथ..
उस हार का जशन,
मनाने के लिये...
मैं कुछ कहती कि,
तुमने कह दिया कि,,
तुम समझोता कर रही हो..
इतना भी समझोता,
नही करना चहिए...
इक पल और मेरा खुद पर किया,
सारा गुरुर चकनाचूर हो रहा...
तुमने प्यार को समझोता,
नाम दे दिया...
तुम्हारी मजबूरियों के साथ,
आज मेरा सब कुछ बह गया....!!!