अब की दिवाली कुछ ऐसे मनाऊंगी
अँधेरा रहे न किसी की जिन्दगी में...
वो दिया मैं खुद बन जाऊंगी,
अब के दिवाली ऐसी मनाऊंगी...
शत-शत नमन करती हूँ उन माता-पिता को,
जिन्होंने हमारी जिन्दगी को रोशन करने के लिए
खुद को दिए की तरह जलाया है...
उनकी जिन्दगी में अँधेरा न रहे एक पल भी,
वो दिया मैं खुद बन जाऊंगी,बहुत प्यार देती हूँ उन भाई-बहनों को
जिनकी शरारतो से घर रोशन रहता है हमेशा
उनकी जिन्दगी खुशियों से रोशन रहे हमेशा
वो दिया मैं खुद बन जाऊंगी,अब के दिवाली ऐसी मनाऊंगी....
यादे जुडी है उस घर से
जिसने मुझे सम्हाला,अपना बनाया,
जिसकी दीवारों ने भी मुझसे बाते की है,
उस घर में कभी अँधेरा न हो,
दिया बन रौशनी मैं फैलाऊँगी
वो दिया मैं खुद बन जाऊंगी,अब के दिवाली ऐसी मनाऊंगी....
साथ रहे हमेशा उन सखियों का
जिनके साथ हँसने-रोने के पल बीते है,
जिनसे अपने सपने भी बांटे है मैंने,
इन सखियों के साथ से यूँ ही
जिन्दगी रोशन करती जाऊंगी,
वो दिया मैं खुद बन जाऊंगी...
अब के दिवाली ऐसी मनाऊंगी......
संजो कर रखूंगी हर उस याद,लम्हे,प्यार,
ख्वाब को,जो जिन्दगी ने मुझे दिए है,
रिश्तो की महक,प्यार का एहसास से,
रोशन रहे मेरे अपनों की जिन्दगी
रौशनी धूमिल न हो एक पल भी
वो दिया मैं खुद बन जाऊंगी,
अब के दिवाली ऐसी मनाऊंगी......