तुम्हारे संग रहती हूँ ऐसे,
दिया संग बाती हो जैसे....
तुमसे प्यार करती हूँ ऐसे,
सागर में बूंद रहती हैं जैसे....
तुम्हारा इंतज़ार करती हूँ ऐसे,
पिया के इंतज़ार में बरसो से
पपीहा पुकारती हो जैसे.....
तुम्हारे हर सफ़र पर साथ चलती हूँ ऐसे,
तुम संग परछाई रहती हो जैसे......
तुम्हे खुद में महसूस करती हूँ ऐसे,
दिल में धड़कने धड़कती है जैसे.....
तुम्हे कैसे बताऊ,
कि प्यार करती हूँ तुम्हे,
कितना और कैसे?
नही बता पाउंगी की साँसे लेती हूँ कैसे...........!
बहुत ही बढ़िया।
ReplyDeleteविजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
तुम्हे कैसे बताऊ, साँसे लेती हूँ कैसे...........!
ReplyDeletebahut achhi rachana....
बेहतरीन भावोभिव्यक्ति।
ReplyDeleteशब्द चयन शानदार।
शुभकामनाएं..... आभार......
nhi bta paungi sanse lati hun kaise....
ReplyDeletebhut khubsurat........
bahoot khoob !
ReplyDeleteit ws liked :)
very nice,.!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर
ReplyDeleteविजयादशमी पर हार्दिक शुभकामनाएं
सच में प्रेम ऐसा ही होता है ....जीवन से जुड़ा और जीवन का हर पहलु बन जाता है वह जो हमारे दिल में समाता है ...आपने इसी भावना को बहुत सशक्त तरीके से अभिव्यक्त किया है......आपका आभार
ReplyDeleteप्रेम की पराकाष्ठा है
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर
विजयादशमी पर हार्दिक शुभकामनाएं
भावपूर्ण रचना...शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteखुबसूरत भाव भरी कविता
ReplyDeleteविजयादशमी की हार्दिक शुभकामनाएं
प्रेम पगी पंक्तियाँ मन को भा गयी .विजयदशमी की शुभकामनाये
ReplyDeletethis is very beautiful....
ReplyDeleteबेहतरीन रचना,बधाई स्वीकार करें.
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना.
ReplyDeleteविजयादशमी पर आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं.
तुमसे प्यार करती हूँ ऐसे,
ReplyDeleteसागर में बूंद रहती हैं जैसे.......
behtarin rachna...thanks for posting...
बहुत खूब शानदार लगी पोस्ट|
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
ReplyDeleteविजयादशमी की सादर बधाईयां....
एक-एक शव्द मन को दोलायमान कर गए । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचनाएँ बधाई | सुषमा जी ६/११/२०११ को सुलतानपुर में सम्मान समारोह और कवि सम्मलेन है जरुर आइयेगा मैं हिमाचल से आ रहा हूँ |
ReplyDeletebahut hi khubsurat rachna....
ReplyDeletejai hind jai bharart
Nice post so Beutiful....
ReplyDeleteकविता का भाव बहुत सुन्दर है । मनोभावों का खूबसूरत चित्रण ।
ReplyDeleteBHAAVPOORN GEET BADHAAYEE
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर.. खूबसूरत चित्रण ।
ReplyDeletekhubsurat rachna...:)
ReplyDeletewaha...bahut khub surat abhivyakti...shabdo kii
ReplyDeletedil ke pyar kii.....
भावपूर्ण अभिव्यक्ति, बधाई
ReplyDeleteतुमसे प्यार करती हूँ ऐसे,
ReplyDeleteसागर में बूंद रहती हैं जैसे....bahut .sundar.....
तुम्हे कैसे बताऊ,
ReplyDeleteकि प्यार करती हूँ तुम्हे,
कितना और कैसे?
नही बता पाउंगी की साँसे लेती हूँ कैसे...........!
मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
माफ़ कीजियेगा सुषमा जी..........कविता में भाव अच्छे हैं.........परन्तु लयबद्धता में मुझे थोड़ी कमी लग रही हैं.........चाहे तो एक बार पुनरावृत्ति कर लें......
ReplyDeleteतुम्हारे संग रहती हूँ ऐसे,
ReplyDeleteदिया संग बाती हो जैसे....
तुमसे प्यार करती हूँ ऐसे,
सागर में बूंद रहती हैं जैसे....
तुम्हारा इंतज़ार करती हूँ ऐसे,
पिया के इंतज़ार में बरसो से
पपीहा पुकारती हो जैसे.....
तुम्हारे हर सफ़र पर साथ चलती हूँ ऐसे,
तुम संग परछाई रहती हो जैसे......
बहुत ही सुन्दर सी कविता |
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteबहुत ही भाव पूर्ण रचना दिल को छू लेने वाले शब्द
ReplyDeleteबधाई
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत बढ़िया अभिव्यक्ति .
ReplyDeleteएक-एक शब्द.... सुन्दर बिम्ब प्रयोग....
ReplyDeleteसार्थक रचना....बधाई...
Hi I sincerely like your blog post. Whenever you would want to conversation concerning it,I’d cherish to speak together with you, my name is Adam. My e-mail is previously mentioned. Thank you!
ReplyDeleteजगजीत सिंह आधुनिक गजल गायन की अग्रणी है.एक ऐसा बेहतरीन कलाकार जिसने ग़ज़ल गायकी के सारे अंदाज़ बदल दिए ग़ज़ल को जन जन तक पहुचाया, ऐसा महान गायक आज हमारे बिच नहीं रहा,
उनके बारे में और अधिक पढ़ें : जगजीत सिंह
तुम्हे कैसे बताऊ,
ReplyDeleteकि प्यार करती हूँ तुम्हे,
कितना और कैसे?
नही बता पाउंगी की साँसे लेती हूँ कैसे...........!
...बहुत कोमल अहसास...सुन्दर भावमयी अभिव्यक्ति..
भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteखूबसूरत शब्दों का सुंदर तानाबाना.
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति.
मेरे ब्लॉग पर विसीट देने और अपनी पतिक्रिया देने के लिए बहोत बहोत धन्यवाद्, माफ़ी चाहता हूँ वैसे मेरा नाम adam नहीं है हरिओम शामकुवर है कुछ इलेक्ट्रिसिटी की प्रॉब्लम की वजह से गलती से वह नाम टाइप हो गया था, फिर से माफ़ी चाहता हूँ.आपके ब्लॉग की लगभग बहोत सारी सामग्री मैंने पढ़ी है बेहद ही उम्दा लेखक है आप, जिस तरह से आप शब्दों का जाल बुनकर आप कुछ लिखती है दिल की गहराइयो तक छू जाता है आपसे इसी प्रकार के लेखन की आशा रखता हूँ
ReplyDeleteआज के लड़के और लड़किया facebook जैसी वेबसाइट पर अपने जिस तरह के चित्र प्रकाशित करते है वो काफी सर्मसार करने वालेहोते है होते है, जरा एक नज़र यहाँ भी डाले फेसबुक प्रोफाइल चित्र
बेहतरीन अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteबहुत कोमल अहसास......
ReplyDeleteखूबसूरत प्रेम-अभिव्यक्ति.पार्श्व संगीत ने सौंदर्य में वृद्धि कर दी.
ReplyDeleteतुम्हारा इंतज़ार करती हूँ ऐसे,
ReplyDeleteपिया के इंतज़ार में बरसो से
पपीहा पुकारती हो जैसे.....
bhut khub.
छोटे-छोटे प्रतीकों के माध्यम से प्यार को अभिवक्त करती कविता. सराहनीय.
ReplyDeleteतुमसे प्यार करती हूँ ऐसे,
ReplyDeleteसागर में बूंद रहती हैं जैसे....
preet ka sarwshresh udaaharan hai ye
sirf pyar nahi ek dharm hai ye!!!
बहुत अच्छी रचना,बधाई!
ReplyDeleteबेहतरीन भावोभिव्यक्ति।
ReplyDeleteसुंदर भाव!
ReplyDeleteप्रेम का खूबसूरत चित्रण ... सुंदर
ReplyDeleteप्रेम पगी अति कोमल भाव समेटे कब्यांजलि ...शुभकामनायें !!
ReplyDeleteसुन्दर प्रेमगीत है आहुति जी.
ReplyDeleteप्रेमरस में सराबोर करती , संयोग की सुन्दर कविता
ReplyDeleteआपकी सुन्दर कविता पढ़कर एक फ़िल्मी गाना याद आया ,
ReplyDelete' प्यार करते है हम तुम्हे इतना ,
दो आँखे तो क्या ,
दो जहाँ मे समाएँ ना जितना |'.
बधाई हो |धन्यवाद |
nahi bata paongi ki saas leti hoon kaise.... in
ReplyDeleteshbdo ke liye mere paas shabd nahi hai..
bahut hi khubsurat rachna...
bahut sunder rachna.
ReplyDeleteaap mere blog par aayi apka dhanyvaad..