बहुत मुश्किल सा दौर है ये...
किसी को समझना इतना मुश्किल होगा...
ये नही पता था ?
जिन्दगी इस रूप में भी आएगी,
कुछ था जो खामोश था..
कुछ अनकहा था.....
पर क्या था?
ये भी नही पता था....!!!
जवाब ढूंढ़ रही हूँ पर क्यू?
शायद सवालो का भी नही पता था......
बहुत मुश्किल सा दौर है ये...
उसको को समझना इतना मुश्किल होगा...
ये नही पता था?????
कुछ पूछना था शायद किसी से,
या कुछ बताना था शायद मुझको
ख़ामोशी कुछ इस तरह फैली थी हमारे बीच
यूँ लग रहा था,
कहने और सुनने के लिए कुछ नही बचा था .............