इक शख्स मुझको यूँ ही,
किसी मोड़ पर मिल गया था....
कुछ बात तो नही हुई थी,
उस पहली मुलाकात में....
फिर भी इक अनजाना सा एहसास था,
उसके मेरे साथ होने पर....
उसकी आवाज़ थी जो ना जाने कब,
सीधे मेरे दिल में उतर गयी थी.....
उसकी आखें जो दिल की,
सारी बाते कह जाती थी....
ये शायद उसको भी पता नही था.....
वो अनजान था अपने ही दिल से,
मैं न जाने कब उसके दिल के,
इतने करीब आ गयी....
कहाँ कुछ भी नही था उसने,
सुना मैंने भी कुछ नही था,
उसकी खामोशियाँ सब कह रही थी....और
मैं नही मेरी धड़कने सब समझ रही थी.....
कुछ भी इक जैसा नही था हमारे बीच,
फिर हम इक-दूसरे के होते जा रहे थे......
इक शख्स मुझको यूँ ही,
किसी मोड़ पर मिल गया था....
सुना तो था की जिन्दगी का कोई मोड़,
हमें किसी न किसी मंजिल पर पहुँचाता है....
पर इस मोड़ पर वो खुद मिल गया है मुझे...मंजिल बन कर....
बहुत सुंदर सुषमा जी.........
ReplyDeleteराह में उनसे मुलाक़ात हुई...और वही मंजिल हो गयी....
बहुत प्यारे ख़याल.....
अनु
वाह... पहली मुलाकात बहुत सुन्दर कोमल एहसास एक जज्बाती रचना बहुत प्यारी
ReplyDeleteखुबशुरत पहली मुलाक़ात का अहसास,,,सुंदर रचना,,,,,
ReplyDeleteRECENT POST ,,,, काव्यान्जलि ,,,, अकेलापन ,,,,
दिल को सुकून मिला जब राह बनी मंजिल..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना...
वाह कितना सुन्दर लिखा है आपने, कितनी सादगी, कितना प्यार भरा जवाब नहीं इस रचना का........ बहुत खूबसूरत....... !!
ReplyDeleteकुछ मोड़ यूँ ही मील के पत्थर की तरह याद रह जाते हैं!
ReplyDeleteइक शख्स मुझको यूँ ही,
ReplyDeleteकिसी मोड़ पर मिल गया था....
सुना तो था की जिन्दगी का कोई मोड़,
हमें किसी न किसी मंजिल पर पहुँचाता है....
पर इस मोड़ पर वो खुद मिल गया है मुझे...मंजिल बन कर....
एहसास होना किसी शै का और उस शै का मिल जाना यह भी एक बंदगी सा लगता है ............
इक शख्स मुझको यूँ ही,
ReplyDeleteकिसी मोड़ पर मिल गया था....
सुना तो था की जिन्दगी का कोई मोड़,
हमें किसी न किसी मंजिल पर पहुँचाता है....
पर इस मोड़ पर वो खुद मिल गया है मुझे...मंजिल बन कर.... मंजिल का एक एक लम्हा साथ रहे
Love at first sight .... Shayad isi ko kahte hain ...
ReplyDeleteLajawab ehsaas liye ...
वाह ... बहुत बढि़या ..अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने ...
ReplyDeleteखूबसूरत ख्याल सुषमा जी !
ReplyDeleteसादर
कहाँ कुछ भी नही था उसने,
ReplyDeleteसुना मैंने भी कुछ नही था,
उसकी खामोशियाँ सब कह रही थी....और
मैं नही मेरी धड़कने सब समझ रही थी.....bahut sudar...
यू ही कोई मिल गया था ..सरे राह चलते -चलते ....
ReplyDeleteप्रभावशाली रचना ...!
ReplyDeleteसच्चे प्यार में मंजिल चल कर ही आ जाती है अक्सर |
ReplyDeleteपहली मुलाकात के वो प्यार भरे अहसास
ReplyDeleteदिल को छू लेनेवाले है जजबात
बहूत हि सुंदर भाव अभिव्यक्ती.....
:-)
kya baat hai......
ReplyDeletebahut sundar likha hai
ReplyDeleteaapke blog pe shringar aur prem ki rachanao ka bada sangraha hai...
इक शख्स मुझको यूँ ही,
ReplyDeleteकिसी मोड़ पर मिल गया था....
सुना तो था की जिन्दगी का कोई मोड़,
हमें किसी न किसी मंजिल पर पहुँचाता है....
पर इस मोड़ पर वो खुद मिल गया है मुझे...मंजिल बन कर....
रास्ते, मोड़ और मंजिलें - यही तो दुनिया है।
अच्छी कविता।
उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...
ReplyDeleteकहाँ कुछ भी नही था उसने,
ReplyDeleteसुना मैंने भी कुछ नही था,
उसकी खामोशियाँ सब कह रही थी....और
मैं नही मेरी धड़कने सब समझ रही थी.....
कोमल एहसास,वाह !!!!!!!!!!!
कितना अच्छा लगता है जब आपकी मंजिल खुद आपके पास चली आये ...
ReplyDeleteसुंदर .... भावाभिव्यक्ति ..
सुना तो था की जिन्दगी का कोई मोड़,
ReplyDeleteहमें किसी न किसी मंजिल पर पहुँचाता है....
पर इस मोड़ पर वो खुद मिल गया है मुझे...मंजिल बन कर....
....लाज़वाब....बहुत सुन्दर भावमयी रचना...
कहाँ कुछ भी नही था उसने,
ReplyDeleteसुना मैंने भी कुछ नही था,
शायद इस न कहने और न सुनने के दरमियान सब कुछ कहा गया और सुना गया.
सुंदर एहसास
sundar aur sathak abhivyakti
ReplyDeleteehass khoobsurat hain dua hai vo manzil hi ban kar rahe.
ReplyDeletesahaj ..komal aur bahut pyare ehsaas ...
ReplyDeletesundar abhivyakti ...
मंजिल को पा लेना तकदीर की बात है. बहुत प्यारी कविता, कोमल एहसास, बधाई.
ReplyDeleteDil ki gahrayi se likhi hui bahut hi sundar kavita....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना
ReplyDeleteLovely and Simple :)
ReplyDeleteइक शख्स मुझको यूँ ही,
ReplyDeleteकिसी मोड़ पर मिल गया था....
सुना तो था की जिन्दगी का कोई मोड़,
हमें किसी न किसी मंजिल पर पहुँचाता है....
पर इस मोड़ पर वो खुद मिल गया है मुझे...मंजिल बन कर....
वाह....बहुत उम्दा |
वो खुद मिल गया है मुझे...मंजिल बन कर....
ReplyDeleteBadhiya...:-)