Wednesday 26 January 2022

हम तो भाई ऐसे है....ऐसे ही रहंगे.....

समर्पण में प्यार ढूंढ रही थी....
पर यहाँ तो सिर्फ दिखावा चलता है....
आप अगर समर्पित हो तो ,
आपको मूर्ख घोषित किया जाता है......
आप रिश्तो में झुकते है ,
तो आपको कमजोर समझा जाता है....
आपके बहुत बोलने पर भी जब कोई सुनता नही....
तो आप के खामोश हो जाते है...
समझता तब भी नही कोई....
आपकी खामोशी को भी ,
आपका गुरुर समझ लिया जाता है...
आप भावुक है, आपकी भावनाओं को ,
जब कोई ठेस पहुचाये तो आप रो देते है...
तो आपके रोने को नौटंकी समझ लिया जाता है....
आप लड़ाई नही चाहते....लालच नही करते,
अपने हिस्से का भी अगर आप छोड़ देते है....
तो आपको चालक समझ लिया जाता है...
आप रिश्ते निभाते है..
जिम्मेदारियों के लिए जिंदगी में
ना जाने कितने त्याग करते है...
निस्वार्थ हर कर्त्तव्य पूरा करते है...
पर ये तो लोग है साहब.....
आपकी ईमानदारी,त्याग के पीछे भी ,
आपका स्वार्थ ढूंढ लेते है....
अब क्या करे समझने को कोई कुछ भी समझे....
हम तो भाई ऐसे है....ऐसे ही रहंगे.....#आहुति#

Tuesday 25 January 2022

साइलेन्ट लव....!!!

साइलेन्ट लव....

सुनो....इन दोनों के बीच कुछ साइलेन्ट सा लगता है....
जो दिखता तो नही...जब दोनों आमने-सामने होते है...बहुत गहरा सा कुछ महसूस होता है.....
यही कहा था हम दोनों को देख कर किसी ने....उस वक़्त सुन कर मुस्करा दिया था हमने...और आज भी साइलेन्ट सा कुछ सोच  कर मुस्करा देती हूं.....
हाँ...साइलेन्ट सा कुछ था तो....

अच्छा सुनो.....क्या आज भी तुम जब गुजरते हो,उस दरख़्त से तो तुम्हारे कदम ठिठकते है...क्या तुम्हें भी याद आता है....पहली बार मुझसे मिलना.....वो बाते,वो हँसना...वो साथ-साथ चलना....

अच्छा छोड़ो....तुम बताओ ...कितने साल,कितने दिन गुजर गये...हम सालो से मिले नही....हमारे बीच ना जाने कितने मौसम गुजर गए...फिर भी लगता है जैसे  कल ही कि बात हो....बिल्कुल फिल्मी सा था साथ हमारा...आँखों-आँखों का था प्यार हमारा....बातो से ज्यादा खत लिखे थे हमने...साथ नही थे फिर भी साथ-साथ चलते थे....
हाथों को कभी नही थामना हमने, फिर भी हमारी उंगलियां टकरा जाती थी....हम कहते तो कुछ नही थे...पर बाते सब हो जाती थी.....कोई समझ नही पाता था हमको....बस ये कहते थे....कुछ तो है साइलेंट सा.....☺️☺️