Thursday 26 July 2012

मैंने तुम्हे याद किया है.....!!!

गुजरते हुए हर लम्हे के साथ,                                                       
आने वाले हर पल के साथ,
मैंने तुम्हे याद किया है.....

टूटते बिखरते सपनो के साथ,
हर अनजाने और अपनों के साथ,
मैंने तुम्हे याद किया है.....

तनहा अपने ख्यालो के साथ,
जिन्दगी के उलझते सवालो के साथ,
मैंने तुम्हे याद किया है....

कागज़ पर अनलिखे शब्दों के साथ,
अपनी कविताओं के अनकहे अर्थो के साथ....
मैंने तुम्हे याद किया है.....

तारो को गिनते-गिनते गुजरती रातो के साथ,
तुम्हारे बिन ढलती शामों के साथ,
मैंने तुम्हे याद किया है....

मंजिल को भटकती राहो के साथ,
हर सफ़र पर तुम्हे तलाशती आखों के साथ,
मैंने तुम्हे याद किया है.....

इस तरह तुम मेरी जिन्दगी के हर लम्हे में शामिल हो,
मैंने तुम्हे याद किया आती जाती सांसो के साथ...... 

Friday 20 July 2012

इस बार झूम कर आया है....ये सावन.......!!!

ये बारिश से भीगा मौसम...                                             
और तुम्हारे प्यार से भीगा मेरा मन......
इस बार झूम कर आया है....ये सावन.......

कुछ मैंने की थी ख्वाइश,
कुछ बूंदों ने कि है साजिश......
मैं तुझमे खो जाऊ,
यही सावन कि रही है कोशिश......

खूब मन को भाया है....ये सावन....
इस बार झूम कर आया है सावन..
......

Sunday 1 July 2012

......छोड़ आयी हूँ......!!!


मैं खुद को किसी के इन्तजार में,
किसी मोड़ तनहा छोड़ आयी हूँ.
ख़ुशी से झूमी थी जिस लम्हे,
किसी मोड़ पर वो लम्हा छोड़ आयी हूँ.... 

सुई में रंग-बिरंगे धागों को पिरो कर 
कुछ फूलो को गढ़ आयी हूँ...
उन्ही फूलो में कुछ रंग-बिरंगे,
सपने छोड़ आयी हूँ.....

सहज कर रखी थी जो गुड़ियाँ,
उसके पास कही अपना बचपन छोड़ आयी हूँ.....
कितनी ही कागज़ की नाव बना कर,
बारिश में बहा दी थी....
उनमे कुछ डूबतीहुई,कुछ तैरती छोड़ आयी हूँ.....

सावन में झूलो पर झूली थी जिनके साथ..
वो सहेलियां छोड़ आयी हूँ.....
सुलझा न पायी थी जिन्हें,
कुछ पहेलियाँ छोड़ आयी हूँ......!!!