Thursday 27 May 2021

#दोस्त#...

इक दोस्त ऐसा भी होना चाहिए..जो डाक पेटी की तरह हो,जिसमे अपने मन की सारी बाते चिट्ठियों में लिख कर,बिना पते की...उसमे छोड़ आये...बस खुद ही पढ़ ले वो,ना किसी को वो सुनाए..ना कहीं वो पहुचाये....जब कभी किसी के साथ मुझे देखे..अनजान बन खड़ा मुस्कराए...दोस्त भी ऐसा हो.. जो मेरा सब कुछ खुद में समेट कर मुझसे ही अजनबी हो जाए...#आहुति#

Saturday 22 May 2021

#रिश्ते#

....उन स्त्रियों से ज्यादा गुनाहगार वो पुरुष होते है..जो एक स्त्री के कहने से अपने माता-पिता अपने परिवार को छोड़ देते है...और समाज कहता है अपनी पत्नी के कहने पर किया उसने. हमे एक बात आज तक समझ मे नही आई,कि क्या वो पति इतना मजबूर होता है कि अपनी पत्नी के कहने पर अपने परिवार की छोड़ दे..ऐसा नही है.. पति मजबूर नही होता..वो बेटा कमजोर होता है,कायर होता है...जो अपने परिवार के लिए कुछ करना नही चाहता.. और अपनी कमजोरियो को अपनी पत्नी की मर्जी के पीछे छिपा कर खुद को बचा लेता है...पत्नी तो जिम्मेदारियां तब समझेगी जब पति भी उन्हें निभाना चाहता हो हर हालात में..एक बार पत्नी को वो ये एहसास तो कराए की कितना जरूरी है..उसके लिए ये परिवार-माता-पिता-भाई-बहन.....सभी और वो अपनी पत्नी से कहे कि मैं सभी जिम्मेदारी पूरी कर लूंगा अगर वो उसका साथ दे तो....और ये भी अगर साथ नही भी देगी..तो भी मैं जिम्मेदारियां पूरी करूंगा....फिर देखिए क्या इतना मुश्किल है...#आहुति#