Friday 4 December 2020

लो दिसम्बर भी जा रहा है...2020

लो दिसम्बर भी जा रहा है,
ना जाने कितने सवाल मन मे लेकर...
पता नही इस साल का शुक्रिया करू,
या शिकायत करूँ...
कुछ पाया है,
तो कुछ खोने की कीमत भी चुकाई है...
गिनती करने बैठूँ तो,
शायद मुस्कराने से ज्यादा रोई हूँ इस साल....
पर शायद ये साल हर किसी की जिंदगी में,
कोई ना कोई दर्द दे कर जा रहा है....
एक ऐसी टीस जो कभी नही भर सकेगी....
कुछ तारीखे ऐसी भी थी,
जिन्हें दोबारा कैलेंडर में देखना भी नही चाहती हूं,
बस में हो तो वो तारीखे ही कलेण्डर से मिटा दूं... 
क्यों कि जब वो तारीखे खुद को दोहराती.....
दर्द फिर दोहरा जाता है..
इस साल खुशियां कब आयी कब चलेंगी,
पता ही नही चला...पर हाँ... 
दर्द हर पल लुका-छिपी खेलता रहा,
जैसे ही कोई मौका मिले हम झपट लेता...
पहली बार देखा कि वक़्त के आगे,
ईश्वर की भी कोई नही चलती...
हम जान भी गर दे देते..
तो भी जो होना है वो ही जाता है...
कब हम जनवरी से दिसम्बर आ गया,पता ही नही चला.....#आहुति#

Thursday 3 December 2020

कुछ मोड़ जिंदगी के......☺☺☺☺

जिंदगी में किसी से प्यार हो जाना,और फिर as a friend से as a wife हो जाना आसान नही होता...बहुत कुछ जो पहले आसान लगता है,एक दोस्त बन कर,वो एक पत्नी के रूप में मुश्किल हो जाता है... हम होते वही है,बस कुछ एहसास गहरे हो जाते है...और अधिकार बढ़ जाते है....जिम्मेदारियां दोनों की एक ही हो जाती है,हाँ एक बात जरूर होती...कम कुछ नही होता....बस बढ़ता जाता है......😊प्यार विश्वास एहसास जिम्मेदारी....😊साथ हम होते है,हमारे साथ के साथ बहुत रिश्ते टिके होते है....बस साथ चलते-चलते पूरी  जिंदगी का सफर तय कर लेते है.....बस आसान कुछ नही होता,सिर्फ मुश्किल नही होने देते.......#आहुति#

कुछ ख्वाइशें ऐसी भी होती है,
जो चाहते तो है कि पूरी हो जाये,पर पूरी होने से भी डर लगता है...जिंदगी ऐसे भी मोड़ लाती है....#आहुति#

कुदरत हमसे हर ख्वाइश की कीमत ले ही लेती है..
किसी ना किसी रूप में..
 डर सा लगता है कुदरत से कुछ भी मांगने से,
ना जाने वो उस ख्वाइश की क्या कीमत लगा ले.....
कहते है ना मुकम्मल तो कुछ भी नही मिलता.. .#आहुति#

हमारे तुम्हारे साथ को कभी साबित करने की जरूरत नही होगी,क्यों कि जो साबित किया जाये को साथ ही नही है...प्यार तो सिर्फ महसूस किया जाता है,जो किसी तोहफे से बयां नही किया जाता है...प्यार का विश्वास तो तुम्हारी आँखों मे दिखता है,जो कहने से समझा नही जाता, जरूरी ये भी नही कि जो तुम्हे पसंद हो वो हमें भी पसंद हो,और जो मुझे पसंद हो,वो तुम्हे भी पसंद हो...पर हमें एक दूसरे की पसंद और इच्छा का सम्मान करना आना चाहिए...हमारा साथ में किसी भी जबरदस्ती के लिए कोई जगह ना हो...सहज ही एक दूजे की बातों को समझना ही प्यार है...जहाँ एक दूजे के परिवार का सम्मान बिना कहे हम एक-दूसरे के लिए करते रहे..ना तुम्हे कोई शिकायत हो,ना मुझे कोई शिकवा हो....
ऐसा है साथ हमारा....#आहुति#

ना जाने क्यों मन बहुत बेचैन है कुछ खो देने का डर है,...कुछ पाना भी चाहती हूं,बहुत सिद्दत से,...पर कुछ चाहते गर पूरी भी हो जाये,तो उनके पूरे होने से डर लगता है...ये बहुत कम होता है,पर एक बार जीवन मे जरूर होता है...जब आप जो पाना चाहते है,पर पाना नही चाहते है...ये भी अजीब एक कशमकश रहती है...#आहुति#



Saturday 5 September 2020

इक रात ऐसी भी है...!!!

इक रात ऐसी भी है,जब नींद नही थी आखो में,
सब कुछ था,साथ भी था..
फिर भी एक अकेलापन,बेचैनी थी मन मे,
क्या इसी रात के लिए मैं अब तक भागे जा रही थी, जवाब कोई नही मिला...
सन्नटा था खामोशी थी,सारे जवाब भी शायद सो रहे थे,बस मुझे छोड़ कर...
मुझे पता कल दिन आज से बेहतर होगा,
शायद मैं भूल भी जाउंगी इस रात को कि मैं बहुत अकेली थी...पर इक टीस रहेगी मन मे...
एक भी शख्स नही मिला जीवन मे....
जो ये मेरी रात साथ जाग के गुजार देता..
नींद अगर नही थी मेरी आँखों मे,वो सोता नही ...
चाँद तारो की बाते करता...
बस बातो में रात गुजर जाती.....
इक रात ऐसी भी है...!!!

Friday 4 September 2020

सब कुछ झूठा था....!!😢

सब कुछ झूठा था,
वो प्यार तुम्हारा जूठा था,वो साथ तुम्हारा झूठा था..
वो सात वचन तुम्हारे झूठे थे,वो बाते तुम्हारी झूठी थी,
जो बहुत कुछ कहती थी वो आँखे तुम्हारी झूठी थी,
वो ख्वाब तुम्हारे झूठे थे....
सब  रिश्ते झूठे हो गए...
झूठा था जीवन तुम्हारे साथ...
तुम्हारा छोड़ कर जाना ही सच्चाई है,
मेरी तो पूरी दुनिया ही झूठी हो गयी है...आहुति

Thursday 6 August 2020

यादे रह जाती है...!!!

किसी का जाना यूँ स्वीकार नही किया जाता,मन को मार कर,खुद को इग्नोर करके,उनकी यादो को स्किप कर दिया जाता है,दिख जाए तो उसकी तस्वीर तो हम उनसे आँखे चुराते है,घाव फिर हरे ना जो जाए,बस उसकी हर याद से भागते है...वो कमरा, वो बिस्तर,वो कपड़े जो कुछ उनका समान होता है,रखना सहेज कर चाहते है,पर दोबारा देखना नही चाहते...जब कभी जो धोखे से जो उनका कुछ कहा सामने आ जाता है,तो जैसे दिल फट सा जाता है...मन स्वीकार ही नही कर पाता उनका जाना...जब कि ये शाश्वत है कोई नही आया यहाँ उम्र भर के लिए..फिर दिल कहता है कि कुछ देर और ठहर जाता शाम तक.....#आहुति# बहुत समय से कही मन में दबे थे ये भाव जब से मेरी सासू माँ गयी...कुछ लिख नही पा रही थी...आज लिख दिया तो कुछ हल्का महसूस हुआ.... यादे रह जाती है...

Wednesday 1 April 2020

जीवनसाथी......☺☺☺☺

जीवनसाथी...जिंदगी सारे रिश्ते हमे जन्म से मिलते है,सफर के एक मोड़ पर हम इक रिश्ता अपने लिए चुनते है,या यूं कहें कि पहले से बने होते है ये रिश्ते...इक ऐसा रिश्ता जो बहुत दूर होकर भी सबसे करीब हो जाता है...जिंदगी का सबसे जरूरी और सबसे खास रिश्ता होता है...हमारा जीवनसाथी... जिसके ख्याल भर से ना जाने कितने ख्वाब सज जाते है,जिसके सिर्फ साथ भर हर मुश्किल आसान हो जाती है....जिसके साथ जिन्दगी हर रंग-रूप में खूबसूरत लगती है...जीवन का एक मात्र शख्स जो हमे ये एहसास दिलाता है कि कैसे किसी का दर्द-खुशी हमारी अपनी हर बात से ऊपर हो जाती है...सिर्फ एक उसकी मुस्कराहट हमारी हर खुशी की वजह बनती है...जीवनसाथी की नींव जितनी मजबूत होती है,उतनी ही कमजोर...कभी बड़ी-बड़ी बातें भी इस नींव को हिला भी नही पाती, तो कभी जरा सी बाती पर दरारे पड़ जाती है...कभी किताबो में पढ़ा था या सुना था कि जीवनसाथी से एक ऐसा रिश्ता बन जाता है जो दर्द किसी एक हो तो दूसरे को उतनी ही तकलीफ होती है...तुम्हारे साथ हमने ये एहसास भी किया है...सात वचनों का तो नही याद पर एक वचन मैं हमेसा निभाऊंगी,तुम गलत हो या सही...मैं हमेसा तुम्हारे साथ खड़ी हूँ,...तुम्हारे जीवन के हर यज्ञ में मैं आहुति बन कर उसे सफल और पूर्ण करूंगी...#आहुति#

बस यूँ ही कभी-कभी सोचती हूँ....!!!

जब खाली समय मिलता है जो सिर्फ अपना है..जी करता है जीभर रो लूँ...सब निकल दूँ गुबार सारे दिल के....तब सोचती हूँ,सिर्फ अपने बारे में...कई बार यूँ लगता है कि जैसे खो दिया खुद को..सबको खुश-खुश रखते-रखते..इक पल ही ख्याल ये भी आता है सभी रिश्ते बईमानी लगते है...एक लड़की होने के नाते बहुत कुछ भूलने और इग्नोर करती हूं,सिर्फ इसलिए कि जीवन मे सुकून रहे,पर ये भी गलत..जिस सुकून को मैं चाहती हूँ,वो सुकून मेरे अंदर बहुत बड़ा तूफान समेटे होता है,जो बाहर से एकदम शांत और अंदर से बवंडर से कम नही होता.. एक लड़की शादी के बाद जिंदगी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो जाती,दो परिवार जिनकी अपनी-अपनी जिम्मेदारियां होती है...हर कोई कहता है मायका और ससुराल में क्या फर्क है,हम बेटी की तरह रखेंते है...पर एक संकोच हमेसा लड़की के दिल रहता है और रहेगा भी की ये उसका मायका नही ससुराल है...खुद को ताक पर रख एक रिश्ते से जुड़ कर उससे जुड़े हर रिश्ते को निभाती है.. मै जानती हूं कि कोई लड़की परफेक्ट तो नही हो सकती पर पराये घर आई लड़की कभी किसी को तकलीफ भी नही देना चाहती  है....मुझे याद बचपन मे मां कहा करती थी कि ये तुम्हारा घर नही है..तुम्हारा घर तुम्हे शादी के बाद मिलेगा...पर सच्ची कहुँ घर तो मेरा वही था,जहां मेरी मर्जी,मेरी खुशी, लड़ना-झगङा सब शामिल था,रिश्ते दिल के थे,दिमाग नही लगाए जाते जाते थे,अपना-पराया कुछ नही था जो था हमारा था....किसी से कुछ भी ले लो,कुछ कह दो कोई फर्क नही पड़ता था बस प्यार होता था...हाँ वही घर था मेरा....कोई शिकायत नही है किसी से...बस यूँ ही कभी-कभी सोचती हूँ....☺#आहुति#