Monday 18 June 2012

बहुत मुश्किल सा दौर है ये.....!!!

बहुत मुश्किल सा दौर है ये...                                           
किसी को समझना इतना मुश्किल होगा...
ये नही पता था ?

जिन्दगी इस रूप में भी आएगी,
सामने ये नही पता था?
कुछ था जो खामोश था..
कुछ अनकहा था.....
पर क्या था?
ये भी नही पता था....!!!

जवाब ढूंढ़ रही हूँ पर क्यू?
शायद सवालो का भी नही पता था......
बहुत मुश्किल सा दौर है ये...
उसको को समझना इतना मुश्किल होगा...
ये नही पता था?????

कुछ पूछना था शायद किसी से,
या कुछ बताना था शायद मुझको 
ख़ामोशी कुछ इस तरह फैली थी हमारे बीच
यूँ लग रहा था,
कहने और सुनने के लिए कुछ नही बचा था .............

33 comments:

  1. jivan path par khamoshi kai baar hamari himmat ban jati hai

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  2. बहुत बेहतरीन भाव पुर्ण सुंदर रचना,,,,,

    RECENT POST ,,,,,पर याद छोड़ जायेगें,,,,,

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  3. यूँ लग रहा था,
    कहने और सुनने के लिए कुछ नही बचा था .............
    बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना...

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  4. सुषमा जी, इसी का नाम जिंदगी हैं, जहाँ कई बार हम लोगो के लिए और लोग हमारे लिए अनजान हो जाते हैं। जहाँ हमारे हाथ कई मजबूरियों से बंधे होते हैं और हम चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते हैं। जहाँ कई बार हमें प्यार के बदले धोखा और चाहत के बदले नफरत मिलती हैं, पर इनसे घबराना नहीं चाहिए, आखिर ये भी अनुभव हैं, इस जीवन के।

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  5. ज़िंदगी में बहुत कुछ पता नहीं होता ..... जैसा वक़्त आता है उसी अनुसार ढलना पड़ता है ..... अच्छी प्रस्तुति

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  6. इतना निराश होने की ज़रूरत नहीं है,बेहतर होगा कि 'कुछ नहीं' मे 'कुछ' ऐसा तलाशा जाए जो सकारात्मक हो।


    सादर

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  7. सच कहा हैं आपने..बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति

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  8. ख़ामोशी कुछ इस तरह फैली थी हमारे बीच
    यूँ लग रहा था,
    कहने और सुनने के लिए कुछ नही बचा था .............bahut khub ....

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  9. खामोशी कभी एक प्रश्न है..तो हल भी.स्वयं ही बन जाती है...

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  10. वाह .. बहुत बढिया
    कल 20/06/2012 को आपकी इस पोस्‍ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.

    आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


    बहुत मुश्किल सा दौर है ये

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  11. फ़ासले ऐसे भी होंगे ,,,ये कभी सोचा न था ...
    पास बैठा था वो मेरे पर वो मेरा न था !!!
    ये दूरियां भी मिटेंगी ...
    शुभकामनाएँ!

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  12. मन की उलझन है...........
    सुलझेगी ज़रूर....

    एहसासों को बखूबी उतारा है शब्दों में....

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  13. कई बार जिंदगी दोराहों प[आर खड़ा करती है जो नहीं सोचा होता वही हो जाता है ।

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  14. जिंदगी यूँ ही चलेगी ...

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  15. पता तो नहीं रहता , पर आहटें आती हैं - समझाती हैं , पर हम कान बन्द कर लेते हैं , देखकर भी अनदेखा करते जाते हैं ...

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  16. बहुत से ऐसे लम्हे आते हैं जब खामोशी के अलावा कहने सुनने कों कुछ नहीं होता ... पर ऐसे में कभी कभी आंके काम आ जाती हैं ...

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  17. कुछ पूछना था शायद किसी से,
    या कुछ बताना था शायद मुझको
    ख़ामोशी कुछ इस तरह फैली थी हमारे बीच
    यूँ लग रहा था,
    कहने और सुनने के लिए कुछ नही बचा था .............
    यारों वो न समझे हैं न समझेंगे जुबा खामशी की तू ही कुछ समझा जा .. . अच्छी प्रस्तुति .कृपया यहाँ भी पधारें -


    बुधवार, 20 जून 2012
    क्या गड़बड़ है साहब चीनी में
    क्या गड़बड़ है साहब चीनी में
    http://veerubhai1947.blogspot.in/

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  18. कुछ पूछना था शायद किसी से,
    या कुछ बताना था शायद मुझको
    ख़ामोशी कुछ इस तरह फैली थी हमारे बीच
    यूँ लग रहा था,
    कहने और सुनने के लिए कुछ नही बचा था ...
    zindagi kayahi falsafa hai.

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  19. agar pata hota jo ki nahi pata tha, to kya itani sundar rachana ban pati...?

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  20. जिंदगी अपने साथ ऐसे ही सवाल
    लिए चलती है..जो हमेशा उलझन
    की स्थिति उत्पन्न कर देता है...
    मन के भावो को बहुत ही सुन्दरता
    से व्यक्त किया है..सुन्दर रचना...

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  21. बहुत बेहतरीन रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

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  22. बारिशों में आज भी भीगती हूँ,
    क्यों कि बूंदों के संग,
    आसुओं का बह जाना अच्छा लगता है...

    मयूरपंखी कल्पना, वाह !!!!!!!!!!!!!!!!!

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  23. बहुत ही कोमल भावनाओं में रची-बसी खूबसूरत रचना...

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  24. khoobsurti ke saath likhi hui......

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  25. अच्छी कविता है सुषमा जी!!

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  26. सही है, कभी-कभी किसी को समझना बहुत मुश्किल होता है।
    ज़िंदगी से जुड़ी अच्छी कविता।

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  27. इस दौर की दुविधा का सुन्दर चित्रण

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  28. जीवन के कई दौर आते हैं चले जाते हैं. कुछ को हम समझ पाते हैं कुछ को नहीं. कविता इस बात को सुंदरता से कह गई है.

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  29. सुंदर शब्दों का चयन ,सुन्दर भाव अभिवयक्ति है आपकी इस रचना में
    http://madan-saxena.blogspot.in/
    http://mmsaxena.blogspot.in/
    http://madanmohansaxena.blogspot.in/

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  30. aaj pahli baar aake blog par aaya..ek saans men kai saari rachnayen padh gaya..seedhe seedhe dil se nikle hue shabdon ki tareef ke liye shabd aksar kam pad jate hain...sundar aur sarthak lekhan ke liye badhaai..

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