सब कुछ तो कह दिया तुमसे,
अब तुमसे भी...
कुछ सुनना चाहती हूँ...
तुमसे बिछड़ कर जो उदासी है,
मेरे चहेरे पर..
वही बचैनी तुममें भी..
देखना चाहती हूँ...
सब कुछ तो कह दिया तुमसे,
अब तुमसे भी...
कुछ सुनना चाहती हूँ...
अब तुमसे भी...
कुछ सुनना चाहती हूँ...
तुमसे बिछड़ कर जो उदासी है,
मेरे चहेरे पर..
वही बचैनी तुममें भी..
देखना चाहती हूँ...
सब कुछ तो कह दिया तुमसे,
अब तुमसे भी...
कुछ सुनना चाहती हूँ...
अनकहा सब कुछ लिख दिया मैंने,
कुछ अनछुआ सा तुमसे भी,
महसूस करना चाहती हूँ...
सब कुछ तो कह दिया तुमसे,
अब तुमसे भी...
कुछ सुनना चाहती हूँ...
कुछ अनछुआ सा तुमसे भी,
महसूस करना चाहती हूँ...
सब कुछ तो कह दिया तुमसे,
अब तुमसे भी...
कुछ सुनना चाहती हूँ...
ढलती शामों का एहसास..
जागती रातो का राज..
सब कुछ तो दे दिया तुम्हे..
अब तुमसे भी कुछ,
मांगना चाहती हूँ....
सब कुछ तो कह दिया तुमसे,
अब तुमसे भी...
कुछ सुनना चाहती हूँ......!!!
जागती रातो का राज..
सब कुछ तो दे दिया तुम्हे..
अब तुमसे भी कुछ,
मांगना चाहती हूँ....
सब कुछ तो कह दिया तुमसे,
अब तुमसे भी...
कुछ सुनना चाहती हूँ......!!!
सुन्दर
ReplyDeleteअनकहा सब कुछ लिख दिया मैंने,
ReplyDeleteकुछ अनछुआ सा तुमसे भी,
महसूस करना चाहती हूँ...
सब कुछ तो कह दिया तुमसे,
अब तुमसे भी...
कुछ सुनना चाहती हूँ...
wah...very nice