बहुत बाते की है तुमसे
पर बहुत कुछ कहना
अभी बाकी है...!
तुम्हारे एहसासों में बहुत कुछ लिखा है
पर कुछ एहसास ज्जबात ऐसे भी है
अभी बाकी है....!
बहुत राते गुजारी है तुम्हारी यादो के साथ
पर एक रात तुम्हारे साथ
तारो को देखते हुए गुजारना
अभी बाकी है....!
तय की बहुत राहे
मंजिल तक पहुचने की
पर तुम्हारे साथ मंजिल तक जाना
अभी बाकी है.....!
जिन्दगी मिल गयी तो क्या
इस जिन्दगी को जीने का बहाना
तुम्हे पाना
अभी बाकी है....!
हासिल कर लूँ मैं सब कुछ
चाहे दुनिया को जीत लूँ
पर तुमसे हार जाना
अभी बाकी है....!
मैं तुमसे प्यार करती हूँ
ये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!
मैं तुमसे प्यार करती हूँ
ReplyDeleteये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!
बहुत बढ़िया लिखा है आपने.
सादर
बहुत खूबसूरत अहसास ...कुछ न कुछ बाकी रहना भी चाहिए ... ज़िंदगी उस बाकी को बताने में ही गुज़र जाती है ...
ReplyDeleteबहुत राते गुजारी है तुम्हारी यादो के साथ
ReplyDeleteपर एक रात तुम्हारे साथ
तारो को देखते हुए गुजारना
अभी बाकी है....!
waah waah bahut pyaare khyaal
मैं तुमसे प्यार करती हूँ
ReplyDeleteये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!bahut sundar.......
Rightly said....
ReplyDeleteThere is always something left for the next time...I guess its kinda good !!
यही अधूरापन तो बाक़ी सारे अहसासों को जिलाए रखता है।
ReplyDeleteसुंदर भाव।
दिल में उतर जाने वाली प्रस्तुति...साधुवाद!
ReplyDelete========================
प्रवाहित रहे यह सतत भाव-धारा।
जिसे आपने इंटरनेट पर उतारा॥
========================
सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी
bahut hi khubsurat parstuti.......
ReplyDeletejai hind jai bharat
ये कविता पढ़कर क्युकी सपना अभी बाकी है कविता याद आ गयी..
ReplyDeleteसुन्दर
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति!
ReplyDeleteमैं तुमसे प्यार करतीं हूँ कितना ये बताना अभी बाकी है .लेकिन बताया कहाँ जाता है -
ReplyDeleteये कहते -
वो कहते -
जो यार आता ।
भई!सब कहने की बातें हैं ,
कुछ भी न कहा जाता ,
जब यार आता .
अभी कुछ और,अभी कुछ और ,अभी कुछ और बाक़ी है
ReplyDeleteजिंदगी में हमेशा कुछ बाकी सा रह जाता है......और बहुत से अहसास ऐसे होते हैं जो शब्दों की सीमा में नहीं बंधते .....सुन्दर पोस्ट|
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना है।
ReplyDeleteमैं तुमसे प्यार करती हूँ
ये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है
मैं तुमसे प्यार करती हूँ
ReplyDeleteये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!
और शायद ये बाकी भी रहेगा। क्योंकि कोई भी इसे शब्दों में बॉध नही सकता।
सुन्दर रचना। आभार।
मैं तुमसे प्यार करती हूँ
ReplyDeleteये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!
such kaha aap ne kuch to baki rahhe jata hai. phir bhi jo mila usi me sukun talash le....?
मैं तुमसे प्यार करती हूँ
ReplyDeleteये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!
प्यार भरे जज्बातों से भरी कविता का हर एक लफ्ज एक नया अहसास करवाता है ...आपका आभार इस सार्थक रचना के लिए
मैंने आहुति बन कर देखा,यह प्रेम यज्ञ कि ज्वाला है....!!!सुषमा
ReplyDeleteमै भी दरिया हूँ सागर मेरी मंजिल है, मै भी सागर मेँ मिल जाऊँगी, मेरा क्या रह जायेगा... कल बिखर जाऊँगी हर पल मेँ शबनम की तरह, किरने चुन लेगी मुझे.... जग मुझे खोजता रह जायेगा.....!!! सुषमा कुछ खुद के बारे में अपना इसी तरह से परिचय देती है ............ कानपुर उत्तरप्रदेश की सुषमा अपने निजी घरु कामकाज के साथ अपना वक्त अल्फाजों को खुबसूरत मोतियों में पिरो कर कभी कविता तो कभी गज़ल तो कभी आधुनिक कविता कुश्बू बिखेर रही है . चार मार्च २०११ को बहन सुषमा ने जब अपनी पहली रचना हिंदी ब्लॉग आहुति पर लिखी तो उन अल्फाजों में एक ऐसी हकीक़त थी के हर अल्फाज़ दिल के गहराइयों में खुद को डुबो देने के लियें काफी था उसके बाद तो बहन सुषमा ने कभी होली, कभी बरसात,कभी बेगाना पं , अभी अकेलापन , कभी रिश्ते मिलना बिछुड़ना पर जो अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त की है उन रचनाओं ने तो सुषमा जी को ब्लोगिग्न की बहतरीन रचनाकारों और साहित्यकारों में ला खड़ा किया वोह आज भी लिख रही है जुनू में लेकिन उनके अल्फाजों की नफासत दिल को आत्मा को छू रहे हैं और इसीलियें लोगों का दिल उनकी रचनाओं को पढ़ते रहने के लियें ही सोचता रहता है ..............
शब्दों में पिरो दिया मैंने....!!!
अपने हर एहसास,हर जज्बात
हर चाहत को
शब्दों में पिरो दिया मैंने....
नहीं मिला जब कोई हाल-ए-दिल सुनाने के लिए
तो दिल का हाल सारा,
शब्दों में लिख दिया मैंने....!
ना जाने कब मेरे ख्वाबो को,
मेरे एहसासों को शब्द मिलते गए
उन शब्दों में शब्द जुड़ते गए
और एक कविता बन गयी
पता ही नहीं चला कब
शब्दों को अपना हमसफ़र
अपना साथी बना लिया मैंने.....!!
भीड़ में कही मैं खुद में खो गयी थी
तन्हाई ने मुझको कही खुद में समेट लिया था
मेरी बेजुबान तन्हाई को शब्दों ने खोज लिया
अपनी उदासी अपनी सिमटी हुई दुनिया को
एक नया संसार दिया मैंने....!!!
अपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
अपने हर सवाल को शब्दों में उतार दिया मैंने.......!!!! बहन सुषमा की यूँ तो हर रचना में एक जिंदगी एक अहसास एक विचार एक फलसफा है लेकिन उनकी एक रचना उनकी बगेर इजाजत आपके सामने पेश कर रहा हूँ ऐसी नवोदित हर दिल अज़ीज़ सधी हुई रचनाकार बहन सुषमा को मेरा सलाम ............ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
वाह! ..अच्छा लिखा है...
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति..
ReplyDeleteकोमल भावनाओं की श्लील सुंदर अभिव्यक्ति है आपकी रचना में ।
ReplyDeleteअनंत शुभकामनाएं
कृपया ,
ReplyDeleteशस्वरं
पर आप सब अवश्य visit करें … और मेरे ब्लॉग के लिए दुआ भी … :)
शस्वरं कल दोपहर बाद से गायब था …
अभी सवेरे पुनः नज़र आने लगा है ।
कोई इस समस्या का उपाय बता सकें तो आभारी रहूंगा ।
अच्छी अभिव्यक्ति ........आभार !
ReplyDeletesushhma ji
ReplyDeletebahut hi shandaar avam bhao prabal prastuti
. sach hai ham hamesha ni kiso cheej ta prapy ko puri tarah prapt kar lena chahte hain fir bhi hammari bahut si ichhaten jise puri hote ham dekhna sunna v prapt kar bhi kar lete hain fir bhi lagta hai ki abhi bahut kuchh aisa hai jise pana baaki hai kyon ki chahat ka kabhi bhi ant nahi hota.
bahut hi shalinta purn shabdo ke chayan ne aapki kavita ko char -chand laga diye hain .
baehad hi jajbaati vbhavpurn rachna ke liye
bahut bahut
badhai
poonam
मैं तुमसे प्यार करती हूँ
ReplyDeleteये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!
Vaah...
behad umda likha hai! iske liye Apko Hardik badhaai.
behad khoobsoorat ehsaas Sushma ji...wakayi,dil ko chhoo gayi ye rachna.
ReplyDeleteबहुत कुछ अभी बाकी है...!सुंदर रचना ।
ReplyDeleteमैं तुमसे प्यार करती हूँ
ReplyDeleteये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!
वाह,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
इस बात को अगर राज ही रहने दिया जाए, तो ज्यादा अच्छी बात है।
ReplyDelete,
---------
कौमार्य के प्रमाण पत्र की ज़रूरत किसे है?
ब्लॉग समीक्षा का 17वाँ एपीसोड।
बहुत सुन्दर....
ReplyDeleteहासिल कर लूँ मैं सब कुछ
ReplyDeleteचाहे दुनिया को जीत लूँ
पर तुमसे हार जाना
अभी बाकी है....!-----सुन्दर...यही ज़ज़्वात तो असली जीत है...खासकर प्यार में...
'अभी बाकी है '
ReplyDelete...................प्रेम भाव से पूर्ण सुन्दर रचना
...................अभी और....यही प्यास तो जिंदगी है
.............' मत बुझाओ प्यास मेरी, प्यास मेरी जिंदगी है
प्यास में विश्वास है , विश्वास मेरी जिंदगी है
very nice................
ReplyDeleteहासिल कर लूँ मैं सब कुछ
ReplyDeleteचाहे दुनिया को जीत लूँ
पर तुमसे हार जाना
अभी बाकी है....!
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।
बहुत राते गुजारी है तुम्हारी यादो के साथ
ReplyDeleteपर एक रात तुम्हारे साथ
तारो को देखते हुए गुजारना
अभी बाकी है....!
तय की बहुत राहे
मंजिल तक पहुचने की
पर तुम्हारे साथ मंजिल तक जाना
अभी बाकी है.....!
BAHUT KHOOB....
khuda wo sab de jo baaki hai....
kavita me jo bhi manzile paana chahi hain, wahan tak pahuncho.....
दिल को जुबान दे दो
ReplyDeleteअरमानो को आसमान दे दो
बहुत खूबसूरत अहसास
ReplyDeleteकई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
ReplyDeleteBahut Khoob , Sab Kuch Kah Diya Aapne...
ReplyDeleteहासिल कर लूँ मैं सब कुछ
चाहे दुनिया को जीत लूँ
पर तुमसे हार जाना
अभी बाकी है....!
मैं तुमसे प्यार करती हूँ
ये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!
पर कितना?
ReplyDeleteऔर किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!
अब इसके आगे
कोई कहना भी क्या चाहेगा भला ..
अच्छी रचना .
हासिल कर लूँ मैं सब कुछ
ReplyDeleteचाहे दुनिया को जीत लूँ
पर तुमसे हार जाना
अभी बाकी है....!
bahut sunder likha aapne
good wishes
दरअसल कुछ बाकी रह जाना कभी सुख देता है तो कभी गमगीन भी कर देता है। बाकी रह भी जाना चाहिए, ताकि उसे पूरा करने का मन और हौसला बना रहे। अगर सब आज ही पूरा कर लिया तो कल क्या होगा। जीवन में कितना भी कुछ भी कर लीजिए, पर कुछ न कुछ बाकी रहने दीजिएगा, किसी और के लिए।
ReplyDeleteमैं तुमसे प्यार करती हूँ
ReplyDeleteये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है..
sunder abhivyakti
rachana
bahut khoob
ReplyDeleteप्यार के परिमाण की तलाश - अच्छा लगा सुषमा जी
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
bahut achha.. mere blog me bhi padhare... www.pradip13m.blogspot.com
ReplyDeletethanks !
ReplyDeletefor your comment!
saleem
9838659380
बहुत खूबसूरत अहसास|
ReplyDeleteमैं तुमसे प्यार करती हूँ
ReplyDeleteये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!
सशक्त और बहुत ही खूबसूरत रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई।
mam apki is rachna par me kya tippni karun, sabad hi nahi hain mere pas. . Ye to wahi baat hui ki,
ReplyDeleteApki is rachna par hum kya kahen,
Jo khud gulaab ho use gulaab kya kahen. .
Mam in line ko anyatha na lena. . .
Jai hind jai bharat
सुषमा जी जिन्दगी चलती रहती गाडी का नाम है न -ठहरती नहीं -अधूरे सपने प्यार को पूरा करने की चाहत लिए बस उस अंतिम पड़ाव तक -कुछ न कुछ बचा रहे चाहत बनी रहे तो आनंद ही कुछ अलग है -
ReplyDeleteसुन्दर रचना -तुमसे हार जाना अभी बाकी है --
हासिल कर लूँ मैं सब कुछ
चाहे दुनिया को जीत लूँ
पर तुमसे हार जाना
अभी बाकी है....!
शुक्ल भ्रमर ५
मैं तुमसे प्यार करती हूँ
ReplyDeleteये मालूम है तुम्हे
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना
अभी बाकी है...!!
SPEECHLESS LINES