Wednesday, 1 June 2011

अभी बाकी है....!!!

बहुत बाते की है तुमसे                                 
पर बहुत कुछ कहना
अभी बाकी है...!

तुम्हारे एहसासों में बहुत कुछ लिखा है 
पर कुछ एहसास ज्जबात ऐसे भी है 
जिन्हें शब्दों में उतारना
अभी बाकी है....!

बहुत राते गुजारी है तुम्हारी यादो के साथ 
पर एक रात तुम्हारे साथ
तारो को देखते हुए गुजारना
अभी बाकी है....!

तय की बहुत राहे 
मंजिल तक पहुचने की 
पर तुम्हारे साथ मंजिल तक जाना
 अभी बाकी है.....!

जिन्दगी मिल गयी तो क्या 
इस जिन्दगी को जीने का बहाना 
तुम्हे पाना 
अभी बाकी है....!

हासिल कर लूँ  मैं सब कुछ 
चाहे दुनिया को जीत लूँ 
पर तुमसे हार जाना 
अभी बाकी है....!

मैं तुमसे प्यार करती हूँ 
ये मालूम है तुम्हे 
पर कितना? और किस हद तक?
ये बताना 
अभी बाकी है...!!


52 comments:

  1. मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है...!!

    बहुत बढ़िया लिखा है आपने.

    सादर

    ReplyDelete
  2. बहुत खूबसूरत अहसास ...कुछ न कुछ बाकी रहना भी चाहिए ... ज़िंदगी उस बाकी को बताने में ही गुज़र जाती है ...

    ReplyDelete
  3. बहुत राते गुजारी है तुम्हारी यादो के साथ
    पर एक रात तुम्हारे साथ
    तारो को देखते हुए गुजारना
    अभी बाकी है....!
    waah waah bahut pyaare khyaal

    ReplyDelete
  4. मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है...!!bahut sundar.......

    ReplyDelete
  5. Rightly said....
    There is always something left for the next time...I guess its kinda good !!

    ReplyDelete
  6. यही अधूरापन तो बाक़ी सारे अहसासों को जिलाए रखता है।
    सुंदर भाव।

    ReplyDelete
  7. दिल में उतर जाने वाली प्रस्तुति...साधुवाद!
    ========================
    प्रवाहित रहे यह सतत भाव-धारा।
    जिसे आपने इंटरनेट पर उतारा॥
    ========================
    सद्भावी -डॉ० डंडा लखनवी

    ReplyDelete
  8. bahut hi khubsurat parstuti.......
    jai hind jai bharat

    ReplyDelete
  9. ये कविता पढ़कर क्युकी सपना अभी बाकी है कविता याद आ गयी..
    सुन्दर

    ReplyDelete
  10. मैं तुमसे प्यार करतीं हूँ कितना ये बताना अभी बाकी है .लेकिन बताया कहाँ जाता है -
    ये कहते -
    वो कहते -
    जो यार आता ।
    भई!सब कहने की बातें हैं ,
    कुछ भी न कहा जाता ,
    जब यार आता .

    ReplyDelete
  11. अभी कुछ और,अभी कुछ और ,अभी कुछ और बाक़ी है

    ReplyDelete
  12. जिंदगी में हमेशा कुछ बाकी सा रह जाता है......और बहुत से अहसास ऐसे होते हैं जो शब्दों की सीमा में नहीं बंधते .....सुन्दर पोस्ट|

    ReplyDelete
  13. बहुत सुंदर रचना है।

    मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है

    ReplyDelete
  14. मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है...!!


    और शायद ये बाकी भी रहेगा। क्योंकि कोई भी इसे शब्दों में बॉध नही सकता।
    सुन्दर रचना। आभार।

    ReplyDelete
  15. मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है...!!

    such kaha aap ne kuch to baki rahhe jata hai. phir bhi jo mila usi me sukun talash le....?

    ReplyDelete
  16. मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है...!!


    प्यार भरे जज्बातों से भरी कविता का हर एक लफ्ज एक नया अहसास करवाता है ...आपका आभार इस सार्थक रचना के लिए

    ReplyDelete
  17. मैंने आहुति बन कर देखा,यह प्रेम यज्ञ कि ज्वाला है....!!!सुषमा
    मै भी दरिया हूँ सागर मेरी मंजिल है, मै भी सागर मेँ मिल जाऊँगी, मेरा क्या रह जायेगा... कल बिखर जाऊँगी हर पल मेँ शबनम की तरह, किरने चुन लेगी मुझे.... जग मुझे खोजता रह जायेगा.....!!! सुषमा कुछ खुद के बारे में अपना इसी तरह से परिचय देती है ............ कानपुर उत्तरप्रदेश की सुषमा अपने निजी घरु कामकाज के साथ अपना वक्त अल्फाजों को खुबसूरत मोतियों में पिरो कर कभी कविता तो कभी गज़ल तो कभी आधुनिक कविता कुश्बू बिखेर रही है . चार मार्च २०११ को बहन सुषमा ने जब अपनी पहली रचना हिंदी ब्लॉग आहुति पर लिखी तो उन अल्फाजों में एक ऐसी हकीक़त थी के हर अल्फाज़ दिल के गहराइयों में खुद को डुबो देने के लियें काफी था उसके बाद तो बहन सुषमा ने कभी होली, कभी बरसात,कभी बेगाना पं , अभी अकेलापन , कभी रिश्ते मिलना बिछुड़ना पर जो अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त की है उन रचनाओं ने तो सुषमा जी को ब्लोगिग्न की बहतरीन रचनाकारों और साहित्यकारों में ला खड़ा किया वोह आज भी लिख रही है जुनू में लेकिन उनके अल्फाजों की नफासत दिल को आत्मा को छू रहे हैं और इसीलियें लोगों का दिल उनकी रचनाओं को पढ़ते रहने के लियें ही सोचता रहता है ..............
    शब्दों में पिरो दिया मैंने....!!!
    अपने हर एहसास,हर जज्बात
    हर चाहत को
    शब्दों में पिरो दिया मैंने....
    नहीं मिला जब कोई हाल-ए-दिल सुनाने के लिए
    तो दिल का हाल सारा,
    शब्दों में लिख दिया मैंने....!
    ना जाने कब मेरे ख्वाबो को,
    मेरे एहसासों को शब्द मिलते गए
    उन शब्दों में शब्द जुड़ते गए
    और एक कविता बन गयी
    पता ही नहीं चला कब
    शब्दों को अपना हमसफ़र
    अपना साथी बना लिया मैंने.....!!
    भीड़ में कही मैं खुद में खो गयी थी
    तन्हाई ने मुझको कही खुद में समेट लिया था
    मेरी बेजुबान तन्हाई को शब्दों ने खोज लिया
    अपनी उदासी अपनी सिमटी हुई दुनिया को
    एक नया संसार दिया मैंने....!!!
    अपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
    अपने हर सवाल को शब्दों में उतार दिया मैंने.......!!!! बहन सुषमा की यूँ तो हर रचना में एक जिंदगी एक अहसास एक विचार एक फलसफा है लेकिन उनकी एक रचना उनकी बगेर इजाजत आपके सामने पेश कर रहा हूँ ऐसी नवोदित हर दिल अज़ीज़ सधी हुई रचनाकार बहन सुषमा को मेरा सलाम ............ अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

    ReplyDelete
  18. वाह! ..अच्छा लिखा है...

    ReplyDelete
  19. बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति..

    ReplyDelete
  20. कोमल भावनाओं की श्लील सुंदर अभिव्यक्ति है आपकी रचना में ।

    अनंत शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  21. कृपया ,
    शस्वरं
    पर आप सब अवश्य visit करें … और मेरे ब्लॉग के लिए दुआ भी … :)

    शस्वरं कल दोपहर बाद से गायब था …
    अभी सवेरे पुनः नज़र आने लगा है ।
    कोई इस समस्या का उपाय बता सकें तो आभारी रहूंगा ।

    ReplyDelete
  22. अच्छी अभिव्यक्ति ........आभार !

    ReplyDelete
  23. sushhma ji
    bahut hi shandaar avam bhao prabal prastuti
    . sach hai ham hamesha ni kiso cheej ta prapy ko puri tarah prapt kar lena chahte hain fir bhi hammari bahut si ichhaten jise puri hote ham dekhna sunna v prapt kar bhi kar lete hain fir bhi lagta hai ki abhi bahut kuchh aisa hai jise pana baaki hai kyon ki chahat ka kabhi bhi ant nahi hota.
    bahut hi shalinta purn shabdo ke chayan ne aapki kavita ko char -chand laga diye hain .
    baehad hi jajbaati vbhavpurn rachna ke liye
    bahut bahut
    badhai
    poonam

    ReplyDelete
  24. मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है...!!


    Vaah...

    behad umda likha hai! iske liye Apko Hardik badhaai.

    ReplyDelete
  25. behad khoobsoorat ehsaas Sushma ji...wakayi,dil ko chhoo gayi ye rachna.

    ReplyDelete
  26. बहुत कुछ अभी बाकी है...!सुंदर रचना ।

    ReplyDelete
  27. मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है...!!

    वाह,
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

    ReplyDelete
  28. इस बात को अगर राज ही रहने दिया जाए, तो ज्‍यादा अच्‍छी बात है।
    ,
    ---------
    कौमार्य के प्रमाण पत्र की ज़रूरत किसे है?
    ब्‍लॉग समीक्षा का 17वाँ एपीसोड।

    ReplyDelete
  29. हासिल कर लूँ मैं सब कुछ
    चाहे दुनिया को जीत लूँ
    पर तुमसे हार जाना
    अभी बाकी है....!-----सुन्दर...यही ज़ज़्वात तो असली जीत है...खासकर प्यार में...

    ReplyDelete
  30. 'अभी बाकी है '
    ...................प्रेम भाव से पूर्ण सुन्दर रचना
    ...................अभी और....यही प्यास तो जिंदगी है

    .............' मत बुझाओ प्यास मेरी, प्यास मेरी जिंदगी है
    प्यास में विश्वास है , विश्वास मेरी जिंदगी है

    ReplyDelete
  31. हासिल कर लूँ मैं सब कुछ
    चाहे दुनिया को जीत लूँ
    पर तुमसे हार जाना
    अभी बाकी है....!

    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति।

    ReplyDelete
  32. बहुत राते गुजारी है तुम्हारी यादो के साथ
    पर एक रात तुम्हारे साथ
    तारो को देखते हुए गुजारना
    अभी बाकी है....!

    तय की बहुत राहे
    मंजिल तक पहुचने की
    पर तुम्हारे साथ मंजिल तक जाना
    अभी बाकी है.....!

    BAHUT KHOOB....

    khuda wo sab de jo baaki hai....
    kavita me jo bhi manzile paana chahi hain, wahan tak pahuncho.....

    ReplyDelete
  33. दिल को जुबान दे दो
    अरमानो को आसमान दे दो

    ReplyDelete
  34. बहुत खूबसूरत अहसास

    ReplyDelete
  35. कई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका

    ReplyDelete
  36. Bahut Khoob , Sab Kuch Kah Diya Aapne...
    हासिल कर लूँ मैं सब कुछ
    चाहे दुनिया को जीत लूँ
    पर तुमसे हार जाना
    अभी बाकी है....!


    मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है...!!

    ReplyDelete
  37. पर कितना?
    और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है...!!

    अब इसके आगे
    कोई कहना भी क्या चाहेगा भला ..

    अच्छी रचना .

    ReplyDelete
  38. हासिल कर लूँ मैं सब कुछ
    चाहे दुनिया को जीत लूँ
    पर तुमसे हार जाना
    अभी बाकी है....!


    bahut sunder likha aapne
    good wishes

    ReplyDelete
  39. दरअसल कुछ बाकी रह जाना कभी सुख देता है तो कभी गमगीन भी कर देता है। बाकी रह भी जाना चाहिए, ताकि उसे पूरा करने का मन और हौसला बना रहे। अगर सब आज ही पूरा कर लिया तो कल क्या होगा। जीवन में कितना भी कुछ भी कर लीजिए, पर कुछ न कुछ बाकी रहने दीजिएगा, किसी और के लिए।

    ReplyDelete
  40. मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है..
    sunder abhivyakti
    rachana

    ReplyDelete
  41. प्यार के परिमाण की तलाश - अच्छा लगा सुषमा जी

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

    ReplyDelete
  42. bahut achha.. mere blog me bhi padhare... www.pradip13m.blogspot.com

    ReplyDelete
  43. thanks !

    for your comment!

    saleem
    9838659380

    ReplyDelete
  44. बहुत खूबसूरत अहसास|

    ReplyDelete
  45. मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है...!!

    सशक्त और बहुत ही खूबसूरत रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई।

    ReplyDelete
  46. mam apki is rachna par me kya tippni karun, sabad hi nahi hain mere pas. . Ye to wahi baat hui ki,
    Apki is rachna par hum kya kahen,
    Jo khud gulaab ho use gulaab kya kahen. .
    Mam in line ko anyatha na lena. . .
    Jai hind jai bharat

    ReplyDelete
  47. सुषमा जी जिन्दगी चलती रहती गाडी का नाम है न -ठहरती नहीं -अधूरे सपने प्यार को पूरा करने की चाहत लिए बस उस अंतिम पड़ाव तक -कुछ न कुछ बचा रहे चाहत बनी रहे तो आनंद ही कुछ अलग है -
    सुन्दर रचना -तुमसे हार जाना अभी बाकी है --

    हासिल कर लूँ मैं सब कुछ
    चाहे दुनिया को जीत लूँ
    पर तुमसे हार जाना
    अभी बाकी है....!
    शुक्ल भ्रमर ५

    ReplyDelete
  48. मैं तुमसे प्यार करती हूँ
    ये मालूम है तुम्हे
    पर कितना? और किस हद तक?
    ये बताना
    अभी बाकी है...!!
    SPEECHLESS LINES

    ReplyDelete