Sunday 22 May 2011

तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू....!!!

तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू 
कैसे फिर मैं तुमसे कोई शिकायत करू?
मैंने तुमको चाहा है
तुमसे प्यार किया है 
ये मेरा पागलपन है
मैं इकरार करू 
तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...!!

मैंने ख्वाब सजाये है 
मैंने उम्मीदे लगायी है 
तुम्हारी यादो के साथ
ना जाने कितनी शामे बिताई है 
टूटेंगे ख्वाब मेरे 
टूटेंगी उम्मीदे भी 
ये मेरा पागलपन है  
मैं इकरार करू...
तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...!!

दिल ने बहुत समझाया है 
फिर भी दिल में तुमको अपना बनाया है
टूट कर बिखेरेगा दिल भी एक दिन
मैं इकरार करू 
तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू....!!
 कैसे फिर मैं तुमसे कोई शिकायत करू?




46 comments:

  1. kah kar kabhi pyar nahi kiya jata. ye to wo hai jo bus ho jata hai. sarthak rachna.

    ReplyDelete
  2. बहुत बढ़िया गीत लिखा है आपने.

    सादर

    ReplyDelete
  3. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...

    ReplyDelete
  4. मैंने ख्वाब सजाये है
    मैंने उम्मीदे लगायी है
    तुम्हारी यादो के साथ
    ना जाने कितनी शामे बिताई है
    टूटेंगे ख्वाब मेरे
    टूटेंगी उम्मीदे भी
    ये मेरा पागलपन है
    मैं इकरार करू...
    तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...!!

    दिल ने बहुत समझाया है
    फिर भी दिल में तुमको अपना बनाया है
    टूट कर बिखेरेगा दिल भी एक दिन
    मैं इकरार करू
    तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू....!!
    कैसे फिर मैं तुमसे कोई शिकायत करू?
    bahut sunder geet hai aur bhav bhi ...

    *tumse...>tumne

    ReplyDelete
  5. मैंने ख्वाब सजाये है
    मैंने उम्मीदे लगायी है
    तुम्हारी यादो के साथ
    ना जाने कितनी शामे बिताई है
    टूटेंगे ख्वाब मेरे
    टूटेंगी उम्मीदे भी
    ये मेरा पागलपन है
    मैं इकरार करू...
    तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...!!
    laajwab

    ReplyDelete
  6. प्यार किया नहीं हो जाता....जो किया जाये वो प्यार नहीं होता.....बहुत खूब.....दिल से निकले जज़्बात....लाजवाब |

    कभी फुर्सत मिले तो मेरे ब्लॉग खलील जिब्रान पर प्रेम पर लिखी ये पोस्ट पढियेगा -

    http://khaleelzibran.blogspot.com/2011/02/blog-post.html

    ReplyDelete
  7. एक बार इसका शीर्षक देखिये ...

    तुमसे नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...

    मुझे लगता है कि यह होना चाहिए था ...

    तुमने नही कहा मुझसे कि मैं तुमसे प्यार करूँ

    ReplyDelete
  8. love ..........
    i cant comment....yet to establish the relation with real world ...

    ReplyDelete
  9. लाजवाब...प्रशंशा के लिए उपयुक्त कद्दावर शब्द कहीं से मिल गए तो दुबारा आता हूँ...अभी
    मेरी डिक्शनरी के सारे शब्द तो बौने लग रहे हैं...

    ReplyDelete
  10. waaaaaaaaaaaaah Sushma G

    ReplyDelete
  11. bahut bahut sundar....
    sach me yahi to pyar hai jisme ye shart nhi hoti ki tum bhi mujhse pyar kro....

    ReplyDelete
  12. BAHUT KHUBSURAT RACHNA LIKHI HAI MAM APNE.

    ReplyDelete
  13. दिल ने बहुत समझाया है
    फिर भी दिल में तुमको अपना बनाया है
    टूट कर बिखेरेगा दिल भी एक दिन
    मैं इकरार करू
    kya sunder prem kavita hai
    badhai
    rachana

    ReplyDelete
  14. bhut bhut thank u sangeeta madam ji ek to apne meri jo mistake hui vo bataya aur dusre apne meri kavita ko charchamanch pe jane ki baat bataai.. apne is sarhana kie liye bhut bhut dhanywaad...

    ReplyDelete
  15. beautiful lines sushma !!
    keep up the good work.

    ReplyDelete
  16. वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ।

    ReplyDelete
  17. सुन्दर रचना ..

    ReplyDelete
  18. इस प्रणयधर्मी काव्य लेखन हेतु आपको बहुत-बहुत बधाई

    ReplyDelete
  19. तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू
    कैसे फिर मैं तुमसे कोई शिकायत करू?

    बहुत सुंदर विषय और अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  20. बहुत सुन्दर.
    लफ्ज नहीं हैं तारीफ़ के.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.आपका स्वागत है.

    ReplyDelete
  21. बहुत खूब.... आसपास कहीं स्पंदित होती हुई सी रचना...
    सादर...

    ReplyDelete
  22. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  23. sushhma ji
    man ki bhavnao ka bahut hi shandar tareeke se ijhaar kiya hai. pyaar kiya nahi bas ho jaata hai use kahne ki jarurat nahi padti .bas agla aapki bhavnao ki kadr karta hai ya nahi bas yahi chahat ki manjil hoti hai .kabhi -kabhi pyaar ek tarfa bhi hota hai had tak .kyon ki pyar prem v samrpan ke saath tyag karna bhi janta hai .
    bahut hi bhav pravan prastuti
    bahut bahut bdhai .
    net ki gadbadi se comments der sedal rahi hun
    chhma kijiyega.
    poonam

    ReplyDelete
  24. बहुत सुंदर प्रस्तुति,आपको बहुत बहुत बधाई
    विवेक जैन vivj2000.blogspot.com

    ReplyDelete
  25. bhut khubsurat..
    khona hi khona, aur pyar me pana kya h
    ek pyar ka eske siva aur fshana kya h...

    ReplyDelete
  26. बहुत सुंदर संवेदनशील भाव समेटे हैं

    ReplyDelete
  27. आदरणीय सुषमा जी,
    यथायोग्य अभिवादन् ।

    टूटेंगे ख्वाब मेरे
    टूटेंगी उम्मीदे भी
    ये मेरा पागलपन है
    मैं इकरार करू...
    तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...!!

    सुषमा जी, बहुत ही उम्दा रचना आपकी, आपकी उपरोक्त पंक्तियों ने तो मेरे जैसी तमाम जिन्दगियों का राज ही खोलकर रख दिया। शायद कहें सब, लेकिन मैं यकीन से कहता हूं कि यह टूटना-टुटाना न होता जिन्दगी में तो शायद जिन्दा रहना ही मुश्किल हो गया होता, जो कुछ टूट कर या छूट कर गिरता या बिछड़ता है, वह अच्छे का संकेत होता है, जिन्दगी का यह पतझड़ ही आने वाले सावन का संकेत भी दे जाता है? मेरी बात से सहमत होंगी आप शायद ।
    शुक्रिया।
    ------------------
    रविकुमार सिंह
    http://babulgwalior.blogspot.com/

    ReplyDelete
  28. इमानदारी से सच्चाई को स्वीकारा है आपने ........बहुत अच्छी प्रस्तुति

    ReplyDelete
  29. bahut sunder rachna .........

    ReplyDelete
  30. सुंदर भावाभिव्यक्ति।

    ReplyDelete
  31. बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति.
    प्यार से सराबोर.

    ReplyDelete
  32. सुंदर संवेदनशील बहुत बढ़िया प्रस्तुति.

    ReplyDelete
  33. मैंने ख्वाब सजाये है
    मैंने उम्मीदे लगायी है
    तुम्हारी यादो के साथ
    ना जाने कितनी शामे बिताई है
    खूबसूरत अभिव्यक्ति!

    ReplyDelete
  34. सच्चाई की स्वीकृति .....प्यार भरी सुन्दर कृति

    ReplyDelete
  35. सुसमा जी बहुत अच्छी लगी आपकी ये कविता जो मनो कुछ कह रही हो! आप लोग मेरे ब्लॉग पर भी आये मेरे ब्लॉग पर आने के लिए "यहाँ क्लिक करे"

    ReplyDelete
  36. सुंदर अभिव्यक्ति !

    ReplyDelete
  37. दिल ने बहुत समझाया है
    फिर भी दिल में तुमको अपना बनाया है
    टूट कर बिखेरेगा दिल भी एक दिन
    मैं इकरार करू
    तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू....!!
    कैसे फिर मैं तुमसे कोई शिकायत करू?


    बहुत सुन्दर भावुक अभिव्यक्ति....

    ReplyDelete
  38. लगन तो अपने आप लग जाती है , बहुत सुन्दर

    ReplyDelete
  39. बहुत खुबसूरत अंदाज़ में बिना कोई शिकवा गिला के बात कहने का
    ये अंदाज़ बहुत अच्छा लगा |

    दिल ने बहुत समझाया
    फिर भी दिल समझ न पाया |
    टूट कर बिखरेगा एक दिन
    समझ कर भी ये समझ न पाया |

    ReplyDelete