तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू
कैसे फिर मैं तुमसे कोई शिकायत करू?
मैंने तुमको चाहा है
तुमसे प्यार किया है
ये मेरा पागलपन है
मैं इकरार करू
तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...!!
मैंने ख्वाब सजाये है
मैंने उम्मीदे लगायी है
तुम्हारी यादो के साथ
ना जाने कितनी शामे बिताई है
टूटेंगे ख्वाब मेरे
टूटेंगी उम्मीदे भी
ये मेरा पागलपन है
मैं इकरार करू...
तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...!!
दिल ने बहुत समझाया है
फिर भी दिल में तुमको अपना बनाया है
टूट कर बिखेरेगा दिल भी एक दिन
मैं इकरार करू
तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू....!!
कैसे फिर मैं तुमसे कोई शिकायत करू?
kah kar kabhi pyar nahi kiya jata. ye to wo hai jo bus ho jata hai. sarthak rachna.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया गीत लिखा है आपने.
ReplyDeleteसादर
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteमैंने ख्वाब सजाये है
ReplyDeleteमैंने उम्मीदे लगायी है
तुम्हारी यादो के साथ
ना जाने कितनी शामे बिताई है
टूटेंगे ख्वाब मेरे
टूटेंगी उम्मीदे भी
ये मेरा पागलपन है
मैं इकरार करू...
तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...!!
दिल ने बहुत समझाया है
फिर भी दिल में तुमको अपना बनाया है
टूट कर बिखेरेगा दिल भी एक दिन
मैं इकरार करू
तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू....!!
कैसे फिर मैं तुमसे कोई शिकायत करू?
bahut sunder geet hai aur bhav bhi ...
*tumse...>tumne
मैंने ख्वाब सजाये है
ReplyDeleteमैंने उम्मीदे लगायी है
तुम्हारी यादो के साथ
ना जाने कितनी शामे बिताई है
टूटेंगे ख्वाब मेरे
टूटेंगी उम्मीदे भी
ये मेरा पागलपन है
मैं इकरार करू...
तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...!!
laajwab
प्यार किया नहीं हो जाता....जो किया जाये वो प्यार नहीं होता.....बहुत खूब.....दिल से निकले जज़्बात....लाजवाब |
ReplyDeleteकभी फुर्सत मिले तो मेरे ब्लॉग खलील जिब्रान पर प्रेम पर लिखी ये पोस्ट पढियेगा -
http://khaleelzibran.blogspot.com/2011/02/blog-post.html
Masha allah kya baat hae ?
ReplyDeleteएक बार इसका शीर्षक देखिये ...
ReplyDeleteतुमसे नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...
मुझे लगता है कि यह होना चाहिए था ...
तुमने नही कहा मुझसे कि मैं तुमसे प्यार करूँ
love ..........
ReplyDeletei cant comment....yet to establish the relation with real world ...
लाजवाब...प्रशंशा के लिए उपयुक्त कद्दावर शब्द कहीं से मिल गए तो दुबारा आता हूँ...अभी
ReplyDeleteमेरी डिक्शनरी के सारे शब्द तो बौने लग रहे हैं...
लाजवाब
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
waaaaaaaaaaaaah Sushma G
ReplyDeletebahut bahut sundar....
ReplyDeletesach me yahi to pyar hai jisme ye shart nhi hoti ki tum bhi mujhse pyar kro....
BAHUT KHUBSURAT RACHNA LIKHI HAI MAM APNE.
ReplyDeleteदिल ने बहुत समझाया है
ReplyDeleteफिर भी दिल में तुमको अपना बनाया है
टूट कर बिखेरेगा दिल भी एक दिन
मैं इकरार करू
kya sunder prem kavita hai
badhai
rachana
bhut bhut thank u sangeeta madam ji ek to apne meri jo mistake hui vo bataya aur dusre apne meri kavita ko charchamanch pe jane ki baat bataai.. apne is sarhana kie liye bhut bhut dhanywaad...
ReplyDeleteसुन्दर रचना है
ReplyDeletebeautiful lines sushma !!
ReplyDeletekeep up the good work.
वाह ...बहुत खूब कहा है आपने ।
ReplyDeleteसुन्दर रचना ..
ReplyDeleteइस प्रणयधर्मी काव्य लेखन हेतु आपको बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteतुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू
ReplyDeleteकैसे फिर मैं तुमसे कोई शिकायत करू?
बहुत सुंदर विषय और अभिव्यक्ति
bahut khoob...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.
ReplyDeleteलफ्ज नहीं हैं तारीफ़ के.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.आपका स्वागत है.
बहुत खूब.... आसपास कहीं स्पंदित होती हुई सी रचना...
ReplyDeleteसादर...
अच्छी अभिव्यक्ति.......
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletesushhma ji
ReplyDeleteman ki bhavnao ka bahut hi shandar tareeke se ijhaar kiya hai. pyaar kiya nahi bas ho jaata hai use kahne ki jarurat nahi padti .bas agla aapki bhavnao ki kadr karta hai ya nahi bas yahi chahat ki manjil hoti hai .kabhi -kabhi pyaar ek tarfa bhi hota hai had tak .kyon ki pyar prem v samrpan ke saath tyag karna bhi janta hai .
bahut hi bhav pravan prastuti
bahut bahut bdhai .
net ki gadbadi se comments der sedal rahi hun
chhma kijiyega.
poonam
बहुत सुंदर प्रस्तुति,आपको बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
bhut khubsurat..
ReplyDeletekhona hi khona, aur pyar me pana kya h
ek pyar ka eske siva aur fshana kya h...
बहुत सुंदर संवेदनशील भाव समेटे हैं
ReplyDeleteआदरणीय सुषमा जी,
ReplyDeleteयथायोग्य अभिवादन् ।
टूटेंगे ख्वाब मेरे
टूटेंगी उम्मीदे भी
ये मेरा पागलपन है
मैं इकरार करू...
तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू...!!
सुषमा जी, बहुत ही उम्दा रचना आपकी, आपकी उपरोक्त पंक्तियों ने तो मेरे जैसी तमाम जिन्दगियों का राज ही खोलकर रख दिया। शायद कहें सब, लेकिन मैं यकीन से कहता हूं कि यह टूटना-टुटाना न होता जिन्दगी में तो शायद जिन्दा रहना ही मुश्किल हो गया होता, जो कुछ टूट कर या छूट कर गिरता या बिछड़ता है, वह अच्छे का संकेत होता है, जिन्दगी का यह पतझड़ ही आने वाले सावन का संकेत भी दे जाता है? मेरी बात से सहमत होंगी आप शायद ।
शुक्रिया।
------------------
रविकुमार सिंह
http://babulgwalior.blogspot.com/
इमानदारी से सच्चाई को स्वीकारा है आपने ........बहुत अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeletebahut sunder rachna .........
ReplyDeleteसुंदर भावाभिव्यक्ति।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति.
ReplyDeleteप्यार से सराबोर.
सुंदर संवेदनशील बहुत बढ़िया प्रस्तुति.
ReplyDeleteबहुत खूब।
ReplyDeleteमैंने ख्वाब सजाये है
ReplyDeleteमैंने उम्मीदे लगायी है
तुम्हारी यादो के साथ
ना जाने कितनी शामे बिताई है
खूबसूरत अभिव्यक्ति!
सच्चाई की स्वीकृति .....प्यार भरी सुन्दर कृति
ReplyDeleteसुसमा जी बहुत अच्छी लगी आपकी ये कविता जो मनो कुछ कह रही हो! आप लोग मेरे ब्लॉग पर भी आये मेरे ब्लॉग पर आने के लिए "यहाँ क्लिक करे"
ReplyDeleteसुंदर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteदिल ने बहुत समझाया है
ReplyDeleteफिर भी दिल में तुमको अपना बनाया है
टूट कर बिखेरेगा दिल भी एक दिन
मैं इकरार करू
तुमने नही कहा मुझसे की मैं तुमसे प्यार करू....!!
कैसे फिर मैं तुमसे कोई शिकायत करू?
बहुत सुन्दर भावुक अभिव्यक्ति....
लगन तो अपने आप लग जाती है , बहुत सुन्दर
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत अंदाज़ में बिना कोई शिकवा गिला के बात कहने का
ReplyDeleteये अंदाज़ बहुत अच्छा लगा |
दिल ने बहुत समझाया
फिर भी दिल समझ न पाया |
टूट कर बिखरेगा एक दिन
समझ कर भी ये समझ न पाया |
sabhi bahut sunder
ReplyDelete