मेरी खामोशियो को समझ तुम भी नही पाये
मेरे ख्याल जब शब्दों में ढलते है
उन शब्दों में जिक्र तुम्हारा ही होता है
मेरी कवितायों को पढ़ तुम भी नही पाये
मेरी खामोशियो को समझ तुम भी नही पाये...!!!
मेरी मुस्कराहटो में छिपे हुए दर्द
समझ तुम नही पाये
मेरी जिन्दगी में कोई कमी है
ये महसूस कर तुम भी नही पाये
तुम्हारी धडकनों के साथ मेरी धड़कने धड़कती है
जो सुन तुम भी नही पाये...
मेरी खामोश आखें कहती रही
जो सुना नही तुमने कभी
मेरी खामोश आखें कहती रही
ReplyDeleteजो सुना नही तुमने कभी
मेरी खामोशियो को समझ तुम भी नही पाये...!!!
khamosh aankhe bahut kuchh kah jatee hai..:)
बहुत बढ़िया बात कही आपने.
ReplyDeleteसादर
मेरी मुस्कराहटो में छिपे हुए दर्द
ReplyDeleteसमझ तुम नही पाये
मेरी जिन्दगी में कोई कमी है
ये महसूस कर तुम भी नही पाये
तुम्हारी धडकनों के साथ मेरी धड़कने धड़कती है
जो सुन तुम भी नही पाये...ab kya karun gila kerke
DIL KA DARD BYAN KARTI KAVITA. . . . . . . JAI HIND JAI BHARAT
ReplyDeleteवाह!!!वाह!!! क्या कहने, बेहद उम्दा
ReplyDeletekya baat hai Sushma G
ReplyDeletejannat hi loot li aapne
'तुम्हारी धडकनों के साथ मेरी धड़कने धड़कती हैं
ReplyDeleteजो सुन तुम भी नहीं पाए '
....................वाह सुषमा जी !
विह्वल प्रेम की व्याकुल रचना .....क्या कहने
बेहतरीन भावाव्यक्ति!
ReplyDeleteमेरी कवितायों को पढ़ तुम भी नही पाये
ReplyDeleteमेरी खामोशियो को समझ तुम भी नही पाये...!!!
............
वह आप लिखना जरी रखें..ये उनकी बदकिस्मती की समझ नहीं पाए
उन शब्दों में जिक्र तुम्हारा ही होता है
ReplyDeleteमेरी कवितायों को पढ़ तुम भी नही पाये
मेरी खामोशियो को समझ तुम भी नही पाये...!
sunder
बहुत बढ़िया बात कही आपने| बेहतरीन भावाव्यक्ति|
ReplyDeleteमेरी खामोशियो को समझ तुम भी नही पाये...!!!
ReplyDeleteशायद हम अपने घरों में भी इसी अहसास से दो-चार होते रहते हैं ।
बहुत सुंदर पोस्ट बधाई |
ReplyDeleteअति सुंदर अभिव्यक्ति है, बधाई
ReplyDeleteकित्ती खूबसूरत है यह रचना..बधाई.
ReplyDelete_____________________________
पाखी की दुनिया : आकाशवाणी पर भी गूंजेगी पाखी की मासूम बातें
बहुत सुन्दर,
ReplyDeleteमेरी खामोशियो को समझ तुम भी नही पाय
बेहतरीन भावाव्यक्ति
सुँदर भावनात्मंक अभिव्यक्ति . आभार इस सुँदर रचना के लिए.
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति है!
ReplyDeleteनिरंतर लिखती जाओ।
निखार आता जाएगा रचना में!
भावों को खूबसूरती से सहेजा है ..सुन्दर रचना
ReplyDeleteमेरी मुस्कराहटो में छिपे हुए दर्द
ReplyDeleteसमझ तुम नही पाये
सुन्दर अभिव्यक्ति .....
सुन्दर भावों से सजी...........अच्छी लगी आपकी कविता
ReplyDeleteदिल का दर्द बयां करती सुंदर रचना !
ReplyDeleteदिल की बातों को कहती हुई बहुत ही भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteसुंदर कविता आपको बधाई और शुभकामनाएं |
ReplyDeletebahut khub...
ReplyDeleteखामोशियों की जुबां को पढ़ पाना हर एक के बस की बात नहीं उसके लिये उतना ही संवेदनशील हृदय चाहिये ! बहुत खूबसूरत रचना ! बधाई एवं शुभकामनायें !
ReplyDeleteखामोशियों को समझने वाले कम ही होते हैं
ReplyDeletebahut kuch tumse kehne ki tamanna dil main rakhte hain
ReplyDelete, magar jab saamne aate hot o kehna bhool jate hain,
lekin khamoshi ki juban bahut hi majboot hoti he,
log samjahte to hain,
sundar prastuti ! badhai kabule
मेरी मुस्कराहटो में छिपे हुए दर्द
ReplyDeleteसमझ तुम नही पाये
मेरी जिन्दगी में कोई कमी है
ये महसूस कर तुम भी नही पाये
तुम्हारी धडकनों के साथ मेरी धड़कने धड़कती है
जो सुन तुम भी नही पाये...
बहुत खूब ... दिल के जज्बातों को शब्द दिए अहीं .... लाजवाब लिखा है ...
sundar abhivyakti
ReplyDeleteबेहतरीन...........
ReplyDeleteमेरी खामोश आखें कहती रही
ReplyDeleteजो सुना नही तुमने कभी
बहुत सुंदर..
मेरी कवितायों को पढ़ तुम भी नही पाये
ReplyDeleteमेरी खामोशियो को समझ तुम भी नही पाये...!!!
सुंदर कविता आपको बधाई और शुभकामनाएं
bhut sundar
ReplyDeletewell done dear
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