Monday 2 May 2011

शब्दों में पिरो दिया मैंने....!!!

अपने हर एहसास,हर जज्बात
हर चाहत को
शब्दों  में पिरो दिया मैंने....
नहीं मिला जब कोई हाल-ए-दिल सुनाने के लिए
तो दिल का हाल सारा,
शब्दों में लिख दिया मैंने....! 
ना जाने कब मेरे ख्वाबो को,
मेरे एहसासों को शब्द  मिलते गए
उन शब्दों में शब्द जुड़ते गए 
और एक कविता बन गयी
पता ही नहीं चला कब
शब्दों  को अपना हमसफ़र
अपना साथी बना लिया मैंने.....!!
भीड़ में कही मैं खुद में खो गयी थी
तन्हाई ने मुझको कही खुद में समेट लिया था
मेरी बेजुबान तन्हाई को शब्दों ने खोज लिया 
अपनी उदासी अपनी सिमटी हुई दुनिया को
एक नया संसार दिया मैंने....!!!
अपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
अपने हर सवाल को शब्दों  में उतार दिया मैंने.......!!!! 

24 comments:

  1. SUSHMA JI BAHUT HI PYARI RACHNA LIKHI HAI AAPNE. . . BADHAI HO. .. . . . . . . . JAI HIND JAI BHARAT

    ReplyDelete
  2. बहुत बहुत बहुत ही बढ़िया.


    सादर

    ReplyDelete
  3. bhut khubsurat...
    kagaj aur kalam ke beech jo ankha rista hai
    sayad wo kavita hai..
    har ahsas aur jajbaat ka sabdo se jo
    rista hai...
    sayad yahi kavita hai...

    ReplyDelete
  4. अपनी उदासी अपनी सिमटी हुई दुनिया को
    एक नया संसार दिया मैंने....!!!
    अपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
    अपने हर सवाल को शब्दों में उतार दिया मैंने.......!!!!

    sunder gahan bhaav .
    dil se nikali hui kavita adbhut hoti hai ...!!

    ReplyDelete
  5. अपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
    अपने हर सवाल को शब्दों में उतार दिया मैंने.....
    bahut sundar prastuti.

    ReplyDelete
  6. शब्दों का साथ कुछ ऐसा ही होता है

    ReplyDelete
  7. bahut bahut sundar....
    esse pahle en sabdo ka koi roop na tha..
    en sabdo ko b roop mil gya.....

    ReplyDelete
  8. पता ही नहीं चला कब
    शब्दों को अपना हमसफ़र
    अपना साथी बना लिया मैंने.....!!
    ...aisa tabhi hota hai...jab hamko wakyi kuchh pata nahi chalta ham...ghatit hone lagta hai hamre andar aur bahar kuchh ...
    sundar bhav hain sushnma ji dhanyavaad.

    ReplyDelete
  9. साथी शब्दों को बनाया है
    जो तेरे साथ रहेगा
    धोखा तो दुनिया देती है
    रंग जिंदगी में शब्द भर देते हैं

    बहुत अच्चा लिखा है
    शुक्रिया

    ReplyDelete
  10. शब्दों का साथ सबसे उत्तम अहसास.

    ReplyDelete
  11. namaste ...main pehli bar aapke blog pe aai hu..bahut khubsurat kabita likhi aapne...likhte likhte sabad bhi milne lagte hai or jajbat bhi...sayd kabita aese hi to banti chali jati hai...best of luck...

    ReplyDelete
  12. काव्य सृजन में शब्दों की महत्ता, सुन्दर अभिव्यक्ति ,बधाई

    ReplyDelete
  13. aap wakai bahut accha likhte hain.....sajag suljha man ko chu lene wala....

    ReplyDelete
  14. बेहतरीन भावमय करती शब्‍द रचना ।

    ReplyDelete
  15. अपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
    अपने हर सवाल को शब्दों में उतार दिया मैंने.......!!!!

    सरलता और सहजता आपकी कविता का विशेष गुण नज़र आता है.

    ReplyDelete
  16. भावनाओ की कोमल अभिव्यक्ति. बहुत सुंदर लगी यह कविता.

    ReplyDelete
  17. खूब शब्दों में ढाला अपने मनोभावों को ......बहुत ही सुंदर

    ReplyDelete
  18. बहुत अच्छी प्रस्तुति संवेदनशील हृदयस्पर्शी मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है

    ReplyDelete
  19. बहुत ही ख़ूबसूरती से अहसास को शब्दों में ढाला है आपने.
    शब्दों का साथ मिल जाना ऐसा है सहरा में जैसे बरसात हो जाए.
    कृपया मेरे ब्लॉग पर भी आयें.

    ReplyDelete
  20. अपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
    अपने हर सवाल को शब्दों में उतार दिया मैंने.......!!!!
    kitna achcha kiya....khush kar diya.

    ReplyDelete
  21. बहुत सुन्दर भाव है।मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है धन्यवाद ।

    ReplyDelete
  22. फुर्सत मिले तो 'आदत.. मुस्कुराने की' पर आकर नयी पोस्ट ज़रूर पढ़े .........धन्यवाद |

    ReplyDelete
  23. शब्दों को अपना हमसफ़र
    अपना साथी बना लिया मैंने.....!!
    भीड़ में कही मैं खुद में खो गयी थी
    तन्हाई ने मुझको कही खुद में समेट लिया था
    मेरी बेजुबान तन्हाई को शब्दों ने खोज लिया
    अपनी उदासी अपनी सिमटी हुई दुनिया को
    एक नया संसार दिया मैंने....!!!

    .....shabdon ko apna saathi banakar rachnao ka srijan kate rahen aap....

    ReplyDelete