अपने हर एहसास,हर जज्बात
हर चाहत को
शब्दों में पिरो दिया मैंने....
नहीं मिला जब कोई हाल-ए-दिल सुनाने के लिए
तो दिल का हाल सारा,
शब्दों में लिख दिया मैंने....!
ना जाने कब मेरे ख्वाबो को,
मेरे एहसासों को शब्द मिलते गए
उन शब्दों में शब्द जुड़ते गए
और एक कविता बन गयी
पता ही नहीं चला कब
शब्दों को अपना हमसफ़र
अपना साथी बना लिया मैंने.....!!
भीड़ में कही मैं खुद में खो गयी थी
तन्हाई ने मुझको कही खुद में समेट लिया था
मेरी बेजुबान तन्हाई को शब्दों ने खोज लिया
अपनी उदासी अपनी सिमटी हुई दुनिया को
एक नया संसार दिया मैंने....!!!
अपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
अपने हर सवाल को शब्दों में उतार दिया मैंने.......!!!!
bahut bhaavpurn rachna, badhai Sushma ji.
ReplyDeleteSUSHMA JI BAHUT HI PYARI RACHNA LIKHI HAI AAPNE. . . BADHAI HO. .. . . . . . . . JAI HIND JAI BHARAT
ReplyDeleteबहुत बहुत बहुत ही बढ़िया.
ReplyDeleteसादर
bhut khubsurat...
ReplyDeletekagaj aur kalam ke beech jo ankha rista hai
sayad wo kavita hai..
har ahsas aur jajbaat ka sabdo se jo
rista hai...
sayad yahi kavita hai...
अपनी उदासी अपनी सिमटी हुई दुनिया को
ReplyDeleteएक नया संसार दिया मैंने....!!!
अपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
अपने हर सवाल को शब्दों में उतार दिया मैंने.......!!!!
sunder gahan bhaav .
dil se nikali hui kavita adbhut hoti hai ...!!
अपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
ReplyDeleteअपने हर सवाल को शब्दों में उतार दिया मैंने.....
bahut sundar prastuti.
शब्दों का साथ कुछ ऐसा ही होता है
ReplyDeletebahut bahut sundar....
ReplyDeleteesse pahle en sabdo ka koi roop na tha..
en sabdo ko b roop mil gya.....
पता ही नहीं चला कब
ReplyDeleteशब्दों को अपना हमसफ़र
अपना साथी बना लिया मैंने.....!!
...aisa tabhi hota hai...jab hamko wakyi kuchh pata nahi chalta ham...ghatit hone lagta hai hamre andar aur bahar kuchh ...
sundar bhav hain sushnma ji dhanyavaad.
साथी शब्दों को बनाया है
ReplyDeleteजो तेरे साथ रहेगा
धोखा तो दुनिया देती है
रंग जिंदगी में शब्द भर देते हैं
बहुत अच्चा लिखा है
शुक्रिया
शब्दों का साथ सबसे उत्तम अहसास.
ReplyDeletenamaste ...main pehli bar aapke blog pe aai hu..bahut khubsurat kabita likhi aapne...likhte likhte sabad bhi milne lagte hai or jajbat bhi...sayd kabita aese hi to banti chali jati hai...best of luck...
ReplyDeleteकाव्य सृजन में शब्दों की महत्ता, सुन्दर अभिव्यक्ति ,बधाई
ReplyDeleteaap wakai bahut accha likhte hain.....sajag suljha man ko chu lene wala....
ReplyDeleteबेहतरीन भावमय करती शब्द रचना ।
ReplyDeleteअपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
ReplyDeleteअपने हर सवाल को शब्दों में उतार दिया मैंने.......!!!!
सरलता और सहजता आपकी कविता का विशेष गुण नज़र आता है.
भावनाओ की कोमल अभिव्यक्ति. बहुत सुंदर लगी यह कविता.
ReplyDeleteखूब शब्दों में ढाला अपने मनोभावों को ......बहुत ही सुंदर
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति संवेदनशील हृदयस्पर्शी मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है
ReplyDeleteबहुत ही ख़ूबसूरती से अहसास को शब्दों में ढाला है आपने.
ReplyDeleteशब्दों का साथ मिल जाना ऐसा है सहरा में जैसे बरसात हो जाए.
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी आयें.
अपने हर ख्याल,अपने हर जज्बात को
ReplyDeleteअपने हर सवाल को शब्दों में उतार दिया मैंने.......!!!!
kitna achcha kiya....khush kar diya.
बहुत सुन्दर भाव है।मन के भावों को बहुत गहराई से लिखा है धन्यवाद ।
ReplyDeleteफुर्सत मिले तो 'आदत.. मुस्कुराने की' पर आकर नयी पोस्ट ज़रूर पढ़े .........धन्यवाद |
ReplyDeleteशब्दों को अपना हमसफ़र
ReplyDeleteअपना साथी बना लिया मैंने.....!!
भीड़ में कही मैं खुद में खो गयी थी
तन्हाई ने मुझको कही खुद में समेट लिया था
मेरी बेजुबान तन्हाई को शब्दों ने खोज लिया
अपनी उदासी अपनी सिमटी हुई दुनिया को
एक नया संसार दिया मैंने....!!!
.....shabdon ko apna saathi banakar rachnao ka srijan kate rahen aap....