Tuesday 5 July 2011

तुमसे जिन्दगी भर प्यार कर सकती हूँ मैं ...!!!

तुम एक उम्मीद दो,
मैं तुम्हारा जिन्दगी भर इंतजार कर सकती हूँ 
तुम मेरे साथ हो सिर्फ इतना काफी है 
तुमसे जिन्दगी भर प्यार कर सकती हूँ  मैं..! 

तुम भी मुझसे प्यार करो,इकरार करो
ऐसी शर्त नही रखी मैंने 
तुमसे प्यार करती हूँ 
जिन्दगी भर ये इकरार कर सकती हूँ मैं...

तुम्हारी जिन्दगी में मेरी कमी हो न हो 
पर यकीन करो 
अपने प्यार से तुम्हारी जिन्दगी की 
हर कमी भर सकती हूँ  मैं ..!!!



46 comments:

  1. "तुम्हारी जिन्दगी में मेरी कमी हो न हो
    पर यकीन करो
    अपने प्यार से तुम्हारी जिन्दगी की
    हर कमी भर सकती हूँ मैं ..!!!"

    बहुत सुंदर ........

    वो ख़ुशी क्या जिसमें तू न हो !
    वो जिन्दगी क्या जिसमें तेरा ख्याल न हो !!

    ReplyDelete
  2. saath hona hi to zindagi hai, phir prashn kaisa !

    ReplyDelete
  3. शर्त नही रखी मैंने ||

    सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई ||

    ReplyDelete
  4. तुम एक उम्मीद दो,
    मैं तुम्हारा जिन्दगी भर इंतजार कर सकती हूँ
    तुम मेरे साथ हो सिर्फ इतना काफी है
    तुमसे जिन्दगी भर प्यार कर सकती हूँ मैं..!

    एक उम्मीद पर जिन्दगी भर साथ निभाने का वादा यह नारी के सहज समर्पण को सामने लाता है ....उत्तम भावों को संप्रेषित करती रचना ....!

    ReplyDelete
  5. बहुत भावप्रणव रचना!
    आशा पर ही संसार टिका है!

    ReplyDelete
  6. तुम एक उम्मीद दो,
    मैं तुम्हारा जिन्दगी भर इंतजार कर सकती हूँ
    तुम मेरे साथ हो सिर्फ इतना काफी है
    तुमसे जिन्दगी भर प्यार कर सकती हूँ मैं..!
    .....
    सुषमा जी आपकी दृढ़ता, आपके विश्वाश और आपके प्यार को नमन है आनन्द का |

    ReplyDelete
  7. प्यार में शर्ते नहीं होती....सुन्दर अभिव्यक्ति !

    ReplyDelete
  8. तुम भी मुझसे प्यार करो,इकरार करो
    ऐसी शर्त नही रखी मैंने
    तुमसे प्यार करती हूँ
    जिन्दगी भर ये इकरार कर सकती हूँ मैं...
    bahut sahi likha hai badhai.

    ReplyDelete
  9. तुम्हारी जिन्दगी में मेरी कमी हो न हो
    पर यकीन करो
    अपने प्यार से तुम्हारी जिन्दगी की
    हर कमी भर सकती हूँ मैं ...

    बहुत खूब .. सच है प्यार विश्वास के साथ होता है बिना शर्त होता है ...

    ReplyDelete
  10. किधर से शुरू करून, किधर से ख़तम करून |
    जिन्दगी का फ़साना, कैसे तेरी नज़र करून |
    है ख्याल जिन्दगी का, कैसे मुनव्वर करून |
    मगरिब के जानिब खड़ा, कैसे तसव्वुर करून |

    ReplyDelete
  11. किधर से शुरू करून, किधर से ख़तम करून |
    जिन्दगी का फ़साना, कैसे तेरी नज़र करून |
    है ख्याल जिन्दगी का, कैसे मुनव्वर करून |
    मगरिब के जानिब खड़ा, कैसे तसव्वुर करून |

    ReplyDelete
  12. आदरणीय सुषमा आहुति जी,
    यथायोग्य अभिवादन् ।

    तुम मेरे साथ हो सिर्फ इतना काफी है ,
    तुमसे जिन्दगी भर प्यार कर सकती हूँ मैं..!

    बस, यही तो जीवन का सच है, जो कह दिया आपने, अब बचा ही क्या रह गया कुछ कहने को? इतना बेहतरीन कहने के लिये शुक्रिया।

    रविकुमार बाबुल
    ग्वालियर

    ReplyDelete
  13. तुम्हारी जिन्दगी में मेरी कमी हो न हो
    पर यकीन करो
    अपने प्यार से तुम्हारी जिन्दगी की
    हर कमी भर सकती हूँ मैं ..!!!

    kya kahu.........!!!!!!!!
    kis gahrai tak chhu liya in paktiyo ne.
    bas ek hi shabd adbhut kaha apne.

    Abhar

    ReplyDelete
  14. Samjh me nahi araha ...kin shabdo se tarif ki jaye is chahat ki..!


    bas ek bat hi kahunga adbhut.

    Ap bhi ayen...... hame padhe aur haushla padhayen.

    Abhar

    ReplyDelete
  15. प्यार की शक्ति में अब तक विश्वाश या अंधविश्वाश ..
    कविता सुन्दर है मगर कविता का विश्वास???

    ReplyDelete
  16. आपकी इस उत्कृष्ट प्रवि्ष्टी की चर्चा आज शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
    यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है!

    ReplyDelete
  17. bahut hi behtareene bhavo se saji kavita ! badhai!
    _________________________________________________
    किसी और की हो नहीं पाएगी वो ||

    ReplyDelete
  18. very nice.....full of emotions.....keep it up.

    ReplyDelete
  19. बहती जाती कविता ..बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  20. सुषमा जी , आपकी ये कविता मुझे सपनों के एक हसीन दुनिया की सैर करवा के लाई है इसके लिए आपको धन्यवाद लेकिन हकीकत की दुनियां में ये संभव नहीं है कि कोई लड़की इतना समर्पण करदे किसी के लिए भी ....हमारे लिए तो इस जनम में ऐसा सोचना जीते जी स्वर्ग देखने के सामान होगा जो कि असंभव है लेकिन आपकी सोच अच्छी होगी जो आप इतना अच्छा लिख सकीं है ये हर किसी के बस कि बात नहीं है ....भगवान् आपको सदा सुखी रखें.

    ReplyDelete
  21. तुम मेरे साथ हो िसफ इतना काफ है तुमसे जदगी भर यार कर सकती हूँ म.

    Beautiful. ... Lines

    ReplyDelete
  22. bahut komal ehsaas se bhari ...sunder rachna ...

    ReplyDelete
  23. आपकी किसी पोस्ट की चर्चा शनिवार (09-07-11)को नयी-पुरानी हलचल पर होगी |कृपया आयें और अपने बहुमूल्य सुझावों से ,विचारों से हमें अवगत कराएँ ...!!

    ReplyDelete
  24. तुम्हारी जिन्दगी में मेरी कमी हो न हो
    पर यकीन करो
    अपने प्यार से तुम्हारी जिन्दगी की
    हर कमी भर सकती हूँ मैं ..!!!
    बहुत खूब .... यही तो है प्यार .... शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  25. bahut hi khubsurati se bhavnao ko utara hai...

    ReplyDelete
  26. आत्म विश्वास से भरपूर एहसास.

    ReplyDelete
  27. प्यार में निःस्वार्थ समर्पण ही सब कुछ है...हृदयस्पर्शी


    सामाजिक धार्मिक एवं भारतीयता के विचारों का साझा मंच..

    ReplyDelete
  28. यही समर्पण समर्पणवना ही सच्ची अर्पण है ! निस्वार्थ प्रेम जारी रहे !

    ReplyDelete
  29. बेहतरीन आत्मविश्वासी ......शुभकामनायें आपको !

    ReplyDelete
  30. सच्‍चा प्‍यार कभी नहीं मरता।

    ------
    TOP HINDI BLOGS !

    ReplyDelete
  31. कौन ना मर जाये ऐसे वादे पे..

    बेहतरीन..रचना ।

    ReplyDelete
  32. बहुत खूब

    मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है! मेरा ब्लॉग का लिंक्स दे रहा हूं!

    हेल्लो दोस्तों आगामी..

    ReplyDelete
  33. नज़्म के लिहाज से...गज़ब के भाव और बहुत सुन्दर...

    ReplyDelete
  34. अस्वस्थता के कारण करीब 20 दिनों से ब्लॉगजगत से दूर था
    आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ,

    .....http://sanjaybhaskar.blogspot.com

    ReplyDelete
  35. सुंदर भावाभिव्यक्ति.

    ReplyDelete
  36. " शर्त नही रखी मैंने " - yahi to pyar hai - koi shart nahi rakhna ...

    ReplyDelete
  37. सुन्दर भावमयी प्रस्तुति....

    ReplyDelete
  38. wah thats called great love.

    ReplyDelete
  39. Bahut pyari rachna ha sushmaa... Keep it up

    ReplyDelete
  40. Bahut pyari rachna ha sushmaa... Keep it up

    ReplyDelete