तुम एक उम्मीद दो,
मैं तुम्हारा जिन्दगी भर इंतजार कर सकती हूँ
तुम मेरे साथ हो सिर्फ इतना काफी है
तुमसे जिन्दगी भर प्यार कर सकती हूँ मैं..!
तुम भी मुझसे प्यार करो,इकरार करो
ऐसी शर्त नही रखी मैंने
तुमसे प्यार करती हूँ
जिन्दगी भर ये इकरार कर सकती हूँ मैं...
तुम्हारी जिन्दगी में मेरी कमी हो न हो
पर यकीन करो
अपने प्यार से तुम्हारी जिन्दगी की
हर कमी भर सकती हूँ मैं ..!!!
"तुम्हारी जिन्दगी में मेरी कमी हो न हो
ReplyDeleteपर यकीन करो
अपने प्यार से तुम्हारी जिन्दगी की
हर कमी भर सकती हूँ मैं ..!!!"
बहुत सुंदर ........
वो ख़ुशी क्या जिसमें तू न हो !
वो जिन्दगी क्या जिसमें तेरा ख्याल न हो !!
saath hona hi to zindagi hai, phir prashn kaisa !
ReplyDeleteशर्त नही रखी मैंने ||
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई ||
तुम एक उम्मीद दो,
ReplyDeleteमैं तुम्हारा जिन्दगी भर इंतजार कर सकती हूँ
तुम मेरे साथ हो सिर्फ इतना काफी है
तुमसे जिन्दगी भर प्यार कर सकती हूँ मैं..!
एक उम्मीद पर जिन्दगी भर साथ निभाने का वादा यह नारी के सहज समर्पण को सामने लाता है ....उत्तम भावों को संप्रेषित करती रचना ....!
वाह!
ReplyDeleteबहुत भावप्रणव रचना!
ReplyDeleteआशा पर ही संसार टिका है!
तुम एक उम्मीद दो,
ReplyDeleteमैं तुम्हारा जिन्दगी भर इंतजार कर सकती हूँ
तुम मेरे साथ हो सिर्फ इतना काफी है
तुमसे जिन्दगी भर प्यार कर सकती हूँ मैं..!
.....
सुषमा जी आपकी दृढ़ता, आपके विश्वाश और आपके प्यार को नमन है आनन्द का |
प्यार में शर्ते नहीं होती....सुन्दर अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteतुम भी मुझसे प्यार करो,इकरार करो
ReplyDeleteऐसी शर्त नही रखी मैंने
तुमसे प्यार करती हूँ
जिन्दगी भर ये इकरार कर सकती हूँ मैं...
bahut sahi likha hai badhai.
तुम्हारी जिन्दगी में मेरी कमी हो न हो
ReplyDeleteपर यकीन करो
अपने प्यार से तुम्हारी जिन्दगी की
हर कमी भर सकती हूँ मैं ...
बहुत खूब .. सच है प्यार विश्वास के साथ होता है बिना शर्त होता है ...
किधर से शुरू करून, किधर से ख़तम करून |
ReplyDeleteजिन्दगी का फ़साना, कैसे तेरी नज़र करून |
है ख्याल जिन्दगी का, कैसे मुनव्वर करून |
मगरिब के जानिब खड़ा, कैसे तसव्वुर करून |
किधर से शुरू करून, किधर से ख़तम करून |
ReplyDeleteजिन्दगी का फ़साना, कैसे तेरी नज़र करून |
है ख्याल जिन्दगी का, कैसे मुनव्वर करून |
मगरिब के जानिब खड़ा, कैसे तसव्वुर करून |
आदरणीय सुषमा आहुति जी,
ReplyDeleteयथायोग्य अभिवादन् ।
तुम मेरे साथ हो सिर्फ इतना काफी है ,
तुमसे जिन्दगी भर प्यार कर सकती हूँ मैं..!
बस, यही तो जीवन का सच है, जो कह दिया आपने, अब बचा ही क्या रह गया कुछ कहने को? इतना बेहतरीन कहने के लिये शुक्रिया।
रविकुमार बाबुल
ग्वालियर
तुम्हारी जिन्दगी में मेरी कमी हो न हो
ReplyDeleteपर यकीन करो
अपने प्यार से तुम्हारी जिन्दगी की
हर कमी भर सकती हूँ मैं ..!!!
kya kahu.........!!!!!!!!
kis gahrai tak chhu liya in paktiyo ne.
bas ek hi shabd adbhut kaha apne.
Abhar
Samjh me nahi araha ...kin shabdo se tarif ki jaye is chahat ki..!
ReplyDeletebas ek bat hi kahunga adbhut.
Ap bhi ayen...... hame padhe aur haushla padhayen.
Abhar
प्यार की शक्ति में अब तक विश्वाश या अंधविश्वाश ..
ReplyDeleteकविता सुन्दर है मगर कविता का विश्वास???
sunder bhav.........
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रवि्ष्टी की चर्चा आज शुक्रवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
ReplyDeleteयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है!
aafareen!
ReplyDeletebahut hi behtareene bhavo se saji kavita ! badhai!
ReplyDelete_________________________________________________
किसी और की हो नहीं पाएगी वो ||
very nice.....full of emotions.....keep it up.
ReplyDeleteबहती जाती कविता ..बहुत बढ़िया
ReplyDeleteसुषमा जी , आपकी ये कविता मुझे सपनों के एक हसीन दुनिया की सैर करवा के लाई है इसके लिए आपको धन्यवाद लेकिन हकीकत की दुनियां में ये संभव नहीं है कि कोई लड़की इतना समर्पण करदे किसी के लिए भी ....हमारे लिए तो इस जनम में ऐसा सोचना जीते जी स्वर्ग देखने के सामान होगा जो कि असंभव है लेकिन आपकी सोच अच्छी होगी जो आप इतना अच्छा लिख सकीं है ये हर किसी के बस कि बात नहीं है ....भगवान् आपको सदा सुखी रखें.
ReplyDeletesache aur niswarth pyar ki paribhasha chhalak rahi hai.
ReplyDeleteतुम मेरे साथ हो िसफ इतना काफ है तुमसे जदगी भर यार कर सकती हूँ म.
ReplyDeleteBeautiful. ... Lines
bahut komal ehsaas se bhari ...sunder rachna ...
ReplyDeleteआपकी किसी पोस्ट की चर्चा शनिवार (09-07-11)को नयी-पुरानी हलचल पर होगी |कृपया आयें और अपने बहुमूल्य सुझावों से ,विचारों से हमें अवगत कराएँ ...!!
ReplyDeleteतुम्हारी जिन्दगी में मेरी कमी हो न हो
ReplyDeleteपर यकीन करो
अपने प्यार से तुम्हारी जिन्दगी की
हर कमी भर सकती हूँ मैं ..!!!
बहुत खूब .... यही तो है प्यार .... शुभकामनायें !
bahut hi khubsurati se bhavnao ko utara hai...
ReplyDeleteआत्म विश्वास से भरपूर एहसास.
ReplyDeletevery nicely expressed.
ReplyDeleteप्यार में निःस्वार्थ समर्पण ही सब कुछ है...हृदयस्पर्शी
ReplyDeleteसामाजिक धार्मिक एवं भारतीयता के विचारों का साझा मंच..
यही समर्पण समर्पणवना ही सच्ची अर्पण है ! निस्वार्थ प्रेम जारी रहे !
ReplyDeleteबेहतरीन आत्मविश्वासी ......शुभकामनायें आपको !
ReplyDeleteसच्चा प्यार कभी नहीं मरता।
ReplyDelete------
TOP HINDI BLOGS !
सुंदर रचना ....
ReplyDeleteकौन ना मर जाये ऐसे वादे पे..
ReplyDeleteबेहतरीन..रचना ।
बहुत खूब
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है! मेरा ब्लॉग का लिंक्स दे रहा हूं!
हेल्लो दोस्तों आगामी..
नज़्म के लिहाज से...गज़ब के भाव और बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteअस्वस्थता के कारण करीब 20 दिनों से ब्लॉगजगत से दूर था
ReplyDeleteआप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ,
.....http://sanjaybhaskar.blogspot.com
सुंदर भावाभिव्यक्ति.
ReplyDelete" शर्त नही रखी मैंने " - yahi to pyar hai - koi shart nahi rakhna ...
ReplyDeleteसुन्दर भावमयी प्रस्तुति....
ReplyDeletewah thats called great love.
ReplyDeleteBahut pyari rachna ha sushmaa... Keep it up
ReplyDeleteBahut pyari rachna ha sushmaa... Keep it up
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