Thursday 14 July 2011

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्‍वरः । गुरु साक्षात्‌ परब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः ॥

जिन्दगी की अँधेरी राहो पर 
आपने ज्ञान का दीप जलाया है 
जब भी हम हार कर निराश हुए है 
आपने हर मुश्किल में हमें जीना सिखाया है..

जब भटके है मंजिल से अपनी 
आप ने ही हमें सही राह दिखाई है 
अगर हम मंजिलो को पाने के लिए 
दिन रात दिये की तरह जले है 
आप ने भी अपने आपको हमारे साथ जलाया है.. 

बहुत-बहुत धन्यवाद आपका 
अपने अनुभवों का असीम ज्ञान दे कर 
हमें इस दुनिया के काबिल बनाया है.....!!

25 comments:

  1. ऊँ श्री गुरुवै नमः!

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  2. गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर चरण-वंदना ||

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  3. गुरू ही हमें सही रास्ता बताते है....
    गुरू को नमस्कार....

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  4. sahi kaha aapne
    guru se bada koi nahi

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  5. गुरु पूर्णिमा में आइए अपने गुरुओं क वन्दन करें!

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  6. Guru bin likhe na stay ko
    Guru bin mile na gyan...

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  7. guru srestha hai...bhut sundar likha hai aapne:)

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  8. Sahi kaha apne...!
    juru charano me naman....!!

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  9. गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर चरण-वंदना ||गुरु साक्षात्‌ परब्रह्म तस्मै श्रीगुरुवे नमः ॥

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  10. गुरु पूर्णिमा के पवन पर्व पर हार्दिक मंगलकामनाये !!

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  11. गुरु ब्रह्मा गुरुर विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर: !
    गुरु: साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवेनम: !!
    ....
    ध्यान मुलं गुरुर पदम, पूजा मुलं गुरुर मूर्ति !
    मन्त्र मुलं गुरुर वाक्यं, मोक्ष मुलं गुरुर कृपा !!

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  12. तस्मै श्री गुरवे नम:
    गुरु पूर्णिमा के पवन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाये
    सुन्दर रचना

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  13. गुरु की महत्ता को प्रदर्शित करती शानदार पोस्ट है .........बहुत खूब|

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  14. गुरु को समर्पित आपकी रचना सराहनीय है .बधाई

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  15. गुरुदेव को समर्पित सुन्दर पोस्ट ...........इस अवसर पर लिखी गई मेरी भी पोस्ट देखें

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  16. गुरु पूर्णिमा के पवन पर्व पर हार्दिक मंगलकामनाये !!

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  17. गुरु के महत्व को प्रतिपादित करती सुंदर रचना.

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  18. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर बहुत अच्छा लिखा है आपने.

    सादर

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  19. बहुत ही आकर्षक एवं प्रभावशाली प्रस्तुति i
    बस ऐसे ही चहकती-महकती रहो i
    ईश्वर शुभ करे i

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  20. गुरु इस संसार ही नहीं पूरे ब्रह्मांड में सबसे ऊपर है और वह भगवान से भी ऊपर इसलिए है कि भगवान को शुद्ध अंतःकरण वाले लोग अच्छे लगते हैं तथा गुरु को पतित लोग अच्छे लगते हैं हलाकि गुरु और भगवान में कोई भेद नहीं होता क्योंकि भगवान स्वयं ही गुरु का रूप लेकर आते हैं।

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