मैने लिखा है,
बहुत कुछ, जिंदगी,प्यार,मिलना-बिछड़ना ,
सब ही लिख दिया..
फिर भी बहुत कुछ है ऐसा मेरे दिल मेँ,
जो मैने अभी लिखा नही..!!
मैने लिखी है,
समंदर की गहराई,पर्वत की ऊँचाई,
लहरे भी कुछ कहती है...
जो मैने अभी लिखा नही...!
मैने लिखा है,
मौसम की बहार को,सुदंरता और सिंगार को,
पतझङ भी कुछ कहता है..
जो मैने अभी लिखा नही ...!
मैने लिखा है,
दिल को अरमानो को,होठो पर बिखरी मुस्कान को,
आँखो की उदासी भी कुछ कहती है..
जो मैने अभी लिखा नही...!
मैने लिखा है,
तेरी मेरी उन बातो को,उन अहसासो और जज़बातो को,
ख़ामोशी भी कुछ कहती थी...
जो मैने अभी लिखा नही!
मैने लिखा है,
कविताओं को,मन के भावो को,
फिर भी लगता है कि बहुत कुछ ऐसा है मेरे दिल मेँ
जो मैने अभी लिखा नही..!!
और शायद मैं कभी लिख भी न पाउंगी...!!
ek anlikha rah jata hai , .... wah likha hota hai khamosh pannon per ...khamosh panne jo phadphadate nahin , khamosh lafz jo dil ko chhute hain ... ek khamosh ankaha jo shuny me bolta hai
ReplyDeletemam bahut hi gahari rachnna likhi hai,,,,
ReplyDeletejai hind jai bharat
kuchh bhav kabhi pure likhe hi nahin jate ...hamesha adhure se hi lagte hain.......
ReplyDeletesundar post....
aadar sahit
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteसादर
bahoot khoob :)
ReplyDelete:clap: :clap:
zindagi mai har cheez kalam mai piroyi nahi ja sakti :)
बहुत बहुत बधाई ||
ReplyDeleteमैने लिखा है,
ReplyDeleteदिल को अरमानो को,होठो पर बिखरी मुस्कान को,
आँखो की उदासी भी कुछ कहती है..
जो मैने अभी लिखा नही...!
kya baat hai!
Awesome Sushma.......
ReplyDeleteAisa bahut kuchh hai jo maine abhi likha nahi ;)
vah keya baat hai, abhut hi sundar
ReplyDeleteमैने लिखा है,
कविताओं को,मन के भावो को,
फिर भी लगता है कि बहुत कुछ ऐसा है मेरे दिल मेँ
जो मैने अभी लिखा नही..!!
aacha laga
मैने लिखा है,
ReplyDeleteतेरी मेरी उन बातो को,उन अहसासो और जज्बातो को,
ख़ामोशी भी कुछ कहती थी...
जो मैने अभी लिखा नही!
बहुत सुन्दर, बहुत कोमल भावाभिव्यक्ति....
bhai bht khoob mohatrma !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeletebest
ReplyDeleteबहुत कुछ ऐसा होता है जो इंसान अपने आप से भी नहीं बांटना चाहता ... सुन्दर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteमैने लिखा है,
ReplyDeleteकविताओं को,मन के भावो को,
फिर भी लगता है कि बहुत कुछ ऐसा है मेरे दिल मेँ
जो मैने अभी लिखा नही.......बहुत सुन्दर ,अभी बहुत कुछ लिखना बांकी है >
बहुत सुंदर शब्द ..सुन्दर भाव .
ReplyDeleteआँखो की उदासी भी कुछ कहती है..
ReplyDeleteजो मैने अभी लिखा नही...!
बहुत सुन्दर
सादर
प्रिय सुषमा आहुति जी हार्दिक अभिवादन -आँखों की उदासी को भी लिख डालिए उसे मत रोकिये -दर्द व्यथा बाहर निकल जाये तो सुकून मिलता है .मन हल्का ..
ReplyDeleteसुन्दर रचना -सुन्दर भाव
शुक्ल भ्रमर ५
भ्रमर का दर्द और दर्पण
मैने लिखा है,
दिल को अरमानो को,होठो पर बिखरी मुस्कान को,
आँखो की उदासी भी कुछ कहती है..
जो मैने अभी लिखा नही...!
are...kyun nhi likh paengi aap...jarur likhengi ..aur hum sab padhenge bhi.........bahut sudar rachana likhi hai ...dil ke gaehre bhaab jhalak rahe hai..........badhai
ReplyDeleteबेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
फिर भी लगता है कि बहुत कुछ ऐसा है मेरे दिल मेँ
ReplyDeleteजो मैने अभी लिखा नही..!!
ये ऐसी प्यास है जो जितना पियो उतना ही बढ़ाती जाती है / बहुत सुन्दर प्रस्तुति , बधाई
अभी बहुत कुछ बाकी है लिखना ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeletebahut sundar.............badhiyaa!
ReplyDeleteरूमानी जज्बों की शानदार अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteसचमुच, दिल की सारी बातें कह लिख पाता है कोई।
.......
प्रेम एक दलदल है..
’चोंच में आकाश’ समा लेने की जिद।
खुदा आपको कुवत दे की आप हमेशा लिखती रहें.......आमीन|
ReplyDeleteवाह.. क्या कहने। बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना।
ReplyDeleteबधाई
बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
ReplyDeleteSadar Pradam,
ReplyDeletebas ek bat hi kahna chahunga....
sagar si vishal hi ye rachna...
Abhar
देखो इस प्यास को बरक़रार रखना कि मैंने अभी कुछ लिखा नहीं और ऐसे ही लिखते रहना हम दुआ करेंगे कि तुम्हारी कलम लिखती रहे और तुम ये कहो ...........कि मैंने तो अभी कुछ लिखा नहीं :)
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत रचना |
मैने लिखा है,
ReplyDeleteबहुत कुछ, जिंदगी,प्यार,मिलना-बिछड़ना ,
सब ही लिख दिया..
फिर भी बहुत कुछ है ऐसा मेरे दिल मेँ,
जो मैने अभी लिखा नही..!!
LIKH HI DALTE?? WO SAB KUCHH:)
BAHUT PYARI SI ABHIVYAKTI!!
very very nice post.
ReplyDeleteकविहृदय की कसक को उकेरती भावपूर्ण रचना ........
ReplyDeleteयही 'जो नहीं लिखा जा सकता' ही तो सब कुछ लिखवाता है !
खूब ..सब कुछ शब्दों में कहाँ समेटा जा सकता है....
ReplyDeleteआपने बहुत सही लिखा है, पर अंत में आगे नहीं लिखने का प्रण सही प्रतीत नहीं होता. लिखना जरी रखिये , कृपया.
ReplyDelete--------------------------------
आंसू
मैने लिखी है,
ReplyDeleteसमंदर की गहराई,पर्वत की ऊँचाई,
लहरे भी कुछ कहती है...
जो मैने अभी लिखा नही...!
ji nahi likha vahi to likhne ki prerna deta hai aapne bahut sunder bhavon ko piro ke ye mala banai hai
ReplyDeletebahut bahut badhai
rachana
आपने बहुत सुन्दर रचना प्रस्तुत की है.... आभार..
ReplyDeleteमैने अभी लिखा नहीं, जो मन की आँखों को दिखा नही..
मैं ढूढ रही उस लम्हे को, जो अधियारों मे छुपा कहीं..
Suresh Kumar
http://sureshilpi-ranjan.blogspot.com
bahut sundar !
ReplyDeleteआपकी सभी रचनाये बहुत सुंदर है और अभिव्यक्ति और कल्पना ज्ञान का भरपूर उपयोग किया है. बहुत दिनों बाद आँखों को किसी ब्लॉग की सुंदरता देखकर सकूँ मिला है. कई रचनाये पढकर मन भी प्रसन्न हो गया है.
ReplyDeleteकभी समय निकालकर नाचीज़ के ब्लोगों पर नज़र-ए-इनायत करें.
मेरे "सिरफिरा-आजाद पंछी"http://sirfiraa.blogspot.com "रमेश कुमार सिरफिरा"http://rksirfiraa.blogspot.com सच्चा दोस्त http://sachchadost.blogspot.com आपकी शायरी http://aap-ki-shayari.blogspot.com मुबारकबाद http://mubarakbad.blogspot.com आपको मुबारक हो http://aapkomubarakho.blogspot.com शकुन्तला प्रेस ऑफ इंडिया प्रकाशन http://shakuntalapress.blogspot.com सच का सामना(आत्मकथा)http://sach-ka-saamana.blogspot.com तीर्थंकर महावीर स्वामी जी http://tirthnkarmahavir.blogspot.com शकुन्तला प्रेस का पुस्तकालय http://laibreri.blogspot.com और (जिनपर कार्य चल रहा है,अगले दो महीने में पूरा होने की संभवाना है>>>शकुन्तला महिला कल्याण कोष http://shakuntala-mkk.blogspot.com मानव सेवा एकता मंच http://manawsewa.blogspot.com एवं चुनाव चिन्ह पर आधरित कैमरा-तीसरी आँख http://kaimra.blogspot.com) ब्लोगों का अवलोकन करें.
कैमरा-तीसरी आँख वाला ब्लॉग एक-आध महीना लेट हो सकता लेकिन उस पर अपने लड़े दोनों चुनाव की प्रक्रिया और अनुभव डालने का प्रयास कर रहा हूँ.जिससे मार्च 2012 में दिल्ली नगर निगम के चुनाव होने है और मेरी दिली इच्छा है कि इस बार पहले ज्यादा निर्दलीय लोगों को चुनाव में खड़ा करने के लिए प्रेरित कर सकूँ. पिछली बार 11 लोगों की मदद की थी. जब आम-आदमी और अच्छे लोग राजनीती में नहीं आयेंगे. तब तक देश के बारें में अच्छा सोचना बेकार है. मेरे ब्लॉग से अगर लोगों को जानकारी मिल गई. तब शायद कुछ अन्य भी हौंसला दिखा सकें. मेरे अनुभव और संपत्ति की जानकारी देने से लोगों में एक नया संदेश भी जाएगा.
kuch bato ko vykat karne ke ley shabdo kii jarrorat nahi hoti achi post.
ReplyDeleteमैने लिखा है,
ReplyDeleteमौसम की बहार को,सुदंरता और सिंगार को,
पतझङ भी कुछ कहता है..
जो मैने अभी लिखा नही ...!
..bahut hi sundar prastuti..
sunder abhivykti...kai baate hai jo bin kahe likhe bhee apne samjh hee jate hai........aur bahut kuch aisa bhee hai jo share kiya hee nahee ja sakta ...
ReplyDeleteAabhar
kuch bhav shabdo me vyakt nahin ho sakte wo samjhe ja sakte hain par samjhaye nahin ja sakte.......bahut sundar rachna mam
ReplyDeleteबहुत सुंदर शब्द ..सुन्दर भाव ...
ReplyDeleteबहुत खूब,बहुत बढिया
ReplyDeleteवाह! वाह! वाह!
आप लिखती ही रहिएगा.
आपको पढ़ना अच्छा लगता है.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति। हाइकु या नवगीत लिखे हों तो भेजियेगा।
ReplyDeletewww,navgeet.blogspot.com
www.haikudarpan.blogspot.com
www.haikukosh.blogspot.com
बहुत खूब - सचमुच बहुत कुछ अनलिखा रह जाता है
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, बहुत कोमल भावाभिव्यक्ति....
ReplyDeleteमैने लिखा है,
ReplyDeleteतेरी मेरी उन बातो को,उन अहसासो और जज्बातो को,
ख़ामोशी भी कुछ कहती थी...
जो मैने अभी लिखा नही!
rachna wakai sundar hai ,jo likha nahi gaya wo bhi ek roj likh jayega ,isi umeed ke saath jyoti dhero badhai deti hai .aane ke liye aabhari hoon .
बहुत कुछ हम नहीं कहते .....
ReplyDeleteNice lines.
ReplyDeletebehtareen kavita hai... ek saral aur samvedansheel abhivyakti ka saar hai...
ReplyDeleteachcha kiya sab kuch nahin likha.....kuch chzen sirf sahne aur bhogne ki hotin hain........
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर भी आपका इंतजार है.
ReplyDeleteसमय निकाल कर दर्शन दीजियेगा.
एक गहरी कविता ...जिसमे जीवन के बहुत से रंग छलकते है .. आभार
ReplyDeleteविजय
कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html
कुछ रह ही जाता है जिसे लिखा नहीं जा सकता. सुंदर कवितात्मक अभिव्यक्ति.
ReplyDeletewaah...kamaal ka ehsaas hai ye...ek lekhak ki gazab ki soch...
ReplyDeletehttp://teri-galatfahmi.blogspot.com/
बहुत कुछ है जीवन में जो अनकहा,अनलिखा और अनछुआ है...
ReplyDeletebilkul sahi kha aapne ..kabhi kabhi bahut kuchh ankaha rha jata hai...
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