ये मान भी लिया था,
कि तुम नही मिलोगे मुझे!
फिर भी ना जाने क्यू?
एक उम्मीद सी बँधी है...!
दिल ने एक जिद सी की है तुम्हे पाने की....?
दिल जान कर भी अंजान होना चाहता है,
मैने तो अपना लिया था इस उदासी,
इस तन्हाई को,
पर मेरा दिल नही मानता किसी सच्चाई को?
मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
क्या तुम मिलोगे मुझे????
मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
ReplyDeleteमै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर....
इस सवाल का हल जिसने भी खोजने की कोशिश की है हर बार उसके सामने एक नया सवाल खड़ा हुआ है .....लेकिन इन सवालों को हल करने का अपना आनंद है ....भावपूर्ण रचना ....आपका आभार
कभी कभी ये सवाल खुद बहुत से सवाल खड़े कर देता है.फ़िलहाल इस सवाल को वक्त के भरोसे छोड़ देना चाहिए.
ReplyDeleteसादर
मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
ReplyDeleteमै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर||
जरुर ||
जान है जहान है |
समय मेहरबान है--
आसपास ही आपकी जान है
जरुर मिलेगा
आखिर जाएगा कहाँ ??
"आहुति" तो इधर ही है उसकी ||
दिल जान कर भी अंजान होना चाहता है,
ReplyDeleteमैने तो अपना लिया था इस उदासी,
इस तन्हाई को,
पर मेरा दिल नही मानता किसी सच्चाई को?
मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
Kitna kuchh kah diya hi in panktiyo ne...!
Bas dil ko chhu gai..!
Badhai.
मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
ReplyDeleteमै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
bahut hi bhavpurn shabd.....
badhai.....
Zidd kar k bhi kismat badli jaati h.. mera naya naya tazurba kehta h... zidd thaane rahiye :)
ReplyDeleteइसको केवल हम एकतरफा प्यार कह सकते है जिसका कि कोई वजूद नहीं होता है, मुझे भी परछाई के पीछे भागने की आदत सी है जिस तरह से लोग ख़ुशी को एन्जॉय करते है मुझे उदासी को एन्जॉय करना पसंद है क्योंकि ख़ुशी तो हमसे कोई भी छीन सकता है,,, चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है........
ReplyDeleteप्यार उससे करना चाहिए जो हमारी कदर करना जानता हो...और प्यार में जिद के लिए कोई स्थान नहीं होता है ....जिद करके किसी चीज को हासिल तो कर सकते है लेकिन वोह चीज हमारे किसी काम आने के बजाय हमको किसी गहरे अन्धकार में धकेल सकती है ....असली प्यार तो वो होता है जो एक दूसरे में समाकर दुनिया को एक दिखाई दे ...और ऐसा सबके साथ होता है कि खुशियाँ सामने होती है और तलाश दूसरी जगह होते है....जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी याद में.......
ReplyDeleteमेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
ReplyDeleteमै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर...
bahut bhavnatmak abhivyakti badhai.
bahoot khoob :)
ReplyDeletezarur milenge jee....khoobsuurat racha ke saath...
ReplyDeleteमेरी नई पोस्ट पे आपका स्वागत् है....
http://raaz-o-niyaaz.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
आदरणीय सुषमा आहुति जी,
ReplyDeleteयथायोग्य अभिवादन् ।
मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
क्या तुम मिलोगे मुझे????
जी... मुश्किल जरूर है, नामुमकिन नहीं........, यकीन रखें।
रविकुमार बाबुल
ग्वालियर
मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
ReplyDeleteमै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
ReplyDeleteमै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
प्रेमी ह्रदय की व्यथा को सटीक रूप में प्रस्तुत किया है आपने .बधाई
ReplyDeleteकल 18/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
प्रेमी मन ..हार कर भी हार नहीं मनाता ...
ReplyDeletesunder rachna ...
प्रेम रस में डूबी सुन्दर कविता
ReplyDeletebahut hi achi lagi apki ye kavita,,,,
ReplyDeletejai hind jai bharat
सुन्दर कविता गहरे भावार्थ बधाई आहुति जी
ReplyDeletebahoot khoob
ReplyDeleteह्रदय की व्यथा को बहुत ही सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया है...
ReplyDeleteएहसासों को बखूबी लिखा है ..
ReplyDeleteसुषमा आहुति जी,
ReplyDeleteनमस्कार !
प्रेमी की व्यथा को सटीक रूप में प्रस्तुत किया है
कमाल की लेखनी है आपकी लेखनी को नमन बधाई
बहुत ही खूबसूरती से व्यक्त प्रत्येक शब्द ...बेहतरीन प्रस्तुति ।
ReplyDeleteमेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
ReplyDeleteमै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
क्या तुम मिलोगे मुझे????jarur milenge kahaten hain naa ki kisi cheej ko dil se mango to poori kaynaat usko milaane main madad karati hai aapki aarjoo bhi jarur poori hogi ye hamari shubkamnayen hain.
please visit my blog .thanks
बहुत सुंदर रचना।
ReplyDeleteआपको बहुत बहुत बधाई
खूबसूरत एहसासात को अपने में पिरोयी हुई रचना.... सुन्दर...
ReplyDeleteसादर...
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। आभार।
ReplyDeletesundr abhivyakti , badhai
ReplyDeleteमेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
ReplyDeleteमै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
क्या तुम मिलोगे मुझे????
बहुत सुन्दर रचना
कभी हमारे ब्लॉग पर आकर हमारी कमियों के बारे में हमें भी बताये
vikasgarg23.blogspot.com
बहुत अच्छी भावुक रचना
ReplyDeleteप्यार ज़िद से नहीं होता..........वो तो बस हो जाता है और हमारा उसपर कोई काबू नहीं...... हाँ रूठे हुए को ज़रूर मनाना चाहिए|
ReplyDeletewaah bahut khubsuart sabal...bahut achha likhti hai aap...badhai
ReplyDeleteमन को गहरे तक छू गई एक-एक पंक्ति...
ReplyDeleteबहुत ही प्यारी कविता। अच्छा लगा इसे पढना।
ReplyDelete------
बेहतर लेखन की ‘अनवरत’ प्रस्तुति।
अब आप अल्पना वर्मा से विज्ञान समाचार सुनिए..
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...
ReplyDeleteज़रूर मिलेंगे..!!!
ReplyDeleteबहुत सुंदर..!!!
एक उम्मीद सी बँधी है...
ReplyDeleteयह उम्मीद बहुत खतरनाक होता है...
और प्यारी भी... क्या कहने...
आपकी भावपूर्ण प्रस्तुति में सच्ची चाहत समाहित हैं
ReplyDeleteमिलन तो हो कर ही रहेगा.
अनुपम अभिव्यक्ति के लिए आभार.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.नई पोस्ट जारी की है.
behtareen kavita.
ReplyDeleteसुन्दर भावपूर्ण रचना.......गहरे भावार्थ ......
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति..
ReplyDeleteयही उम्मीद...यही विश्वास.... ही तो जिंदगी है
भावपूर्ण प्रस्तुति.
ReplyDeleteOne must be optimistic.
Kitna kuchh kah diya hi in chand panktiyo me...!
ReplyDeletedil ko chhu gayi aapki ye komal rachan...badhai
मन को छू गई...बहुत ही प्यारी कविता...
ReplyDeletedil bhi ab jid pe ada hai kisi bacche ki tarah...ya tu...ya kuch bhi nahin...
ReplyDeletewww.soul-n-heart.blogspot.com
बहुत अच्छी रचना है, बहुत बहुत साधुवाद
ReplyDeleteshushma ji ..anamika ji ki sadayein sunte hue aahuti tak aa pahunch..aapka profile padhaa.. to in panktiyon ko padhkar laga ki ahuti ka namkaran sarvath sarthak hai.. कल बिखर जाऊँगी हर पल मेँ शबनम की तरह, किरने चुन लेगी मुझे.... जग मुझे खोजता रह जायेगा.....!!! ..aapke guldaste ke bibidh phushpon ko dekha..chuninda phulon ka ye atsundar guldasta ..apne blog pe amantran aur badhai ke sath
ReplyDeleteदिल को छू लेने वाली रचना। बधाई।
ReplyDeleteसुषमा आहुति जी बिलकुल नहीं तन्हाई निराशा घातक हैं उम्मीद का दामन थाम बढ़ जाइये ..
ReplyDeleteमिलेगा मुकद्दर -सुन्दर रचना
आभार आप का -बधाई भी
भ्रमर ५
फिर भी ना जाने क्यू?
एक उम्मीद सी बँधी है...!
दिल ने एक जिद सी की है तुम्हे पाने की....?
आन्तरिक भावों के सहज प्रवाहमय सुन्दर रचना....
ReplyDeleteवाह सुंदर रचना
ReplyDeleteप्यार की ज़िद ... दिल से मन तक कई सवाल लेकर हक़ीक़त से रू-ब-रू .. होकर लिखी गई रचना अच्छी लगी।
ReplyDeleteeternal confusion.
ReplyDeletenice post.
मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
ReplyDeleteमै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
क्या तुम मिलोगे मुझे????
ek bhavnatmak abhivyakti.... aapke blog ko follow kar raha hoon.....
दिल को छू जाने वाली भावमयी रचना. आभार.
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
बहुत खूबसूरत भाव...
ReplyDeleteummeed pe duniya jeeti hai.....
ReplyDelete"मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!"
ReplyDeletemaango jise muddaton se vo khud hi mil jata hai..
ReplyDeleteto khade hokar.
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.sawal lekar kuch fayada nahi hoga........
Ahsason ko bahut sundar dhang se piroya hai aapne...
ReplyDeletebahut achhi rachana..
haardik shubhkamnayen!
meri jindagi kee kahaani ko kavita mein dhaal diya aapne... (sorry a bad joke) par kavita sach mein khubsurat hai...
ReplyDeletesunder rachana ....
ReplyDeletevaise kahavat hai
janha chah vanha raah ....
ak behtareen rachna bahut gahri anubhuti ... vah .
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति .......
ReplyDeleteआप भी पधारो आपका स्वागत है ...
pankajkrsah.blogspot.com