Saturday 16 July 2011

क्या तुम मिलोगे मुझे????

मैने सोच तो लिया था,                                      
ये मान भी लिया था,
कि तुम नही मिलोगे मुझे!
फिर भी ना जाने क्यू?
एक उम्मीद सी बँधी है...! 
दिल ने एक जिद सी की है तुम्हे पाने की....?
दिल जान कर भी अंजान होना चाहता है,
मैने तो अपना लिया था इस उदासी,
इस तन्हाई को,
पर मेरा दिल नही मानता किसी सच्चाई को?
मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......

क्या तुम मिलोगे मुझे????

66 comments:

  1. मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
    मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर....


    इस सवाल का हल जिसने भी खोजने की कोशिश की है हर बार उसके सामने एक नया सवाल खड़ा हुआ है .....लेकिन इन सवालों को हल करने का अपना आनंद है ....भावपूर्ण रचना ....आपका आभार

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  2. कभी कभी ये सवाल खुद बहुत से सवाल खड़े कर देता है.फ़िलहाल इस सवाल को वक्त के भरोसे छोड़ देना चाहिए.

    सादर

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  3. मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
    मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर||

    जरुर ||
    जान है जहान है |
    समय मेहरबान है--
    आसपास ही आपकी जान है
    जरुर मिलेगा
    आखिर जाएगा कहाँ ??

    "आहुति" तो इधर ही है उसकी ||

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  4. दिल जान कर भी अंजान होना चाहता है,
    मैने तो अपना लिया था इस उदासी,
    इस तन्हाई को,
    पर मेरा दिल नही मानता किसी सच्चाई को?
    मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
    मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......

    Kitna kuchh kah diya hi in panktiyo ne...!
    Bas dil ko chhu gai..!
    Badhai.

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  5. मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
    मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
    bahut hi bhavpurn shabd.....
    badhai.....

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  6. Zidd kar k bhi kismat badli jaati h.. mera naya naya tazurba kehta h... zidd thaane rahiye :)

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  7. इसको केवल हम एकतरफा प्यार कह सकते है जिसका कि कोई वजूद नहीं होता है, मुझे भी परछाई के पीछे भागने की आदत सी है जिस तरह से लोग ख़ुशी को एन्जॉय करते है मुझे उदासी को एन्जॉय करना पसंद है क्योंकि ख़ुशी तो हमसे कोई भी छीन सकता है,,, चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है........

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  8. प्यार उससे करना चाहिए जो हमारी कदर करना जानता हो...और प्यार में जिद के लिए कोई स्थान नहीं होता है ....जिद करके किसी चीज को हासिल तो कर सकते है लेकिन वोह चीज हमारे किसी काम आने के बजाय हमको किसी गहरे अन्धकार में धकेल सकती है ....असली प्यार तो वो होता है जो एक दूसरे में समाकर दुनिया को एक दिखाई दे ...और ऐसा सबके साथ होता है कि खुशियाँ सामने होती है और तलाश दूसरी जगह होते है....जाने कहाँ गए वो दिन कहते थे तेरी याद में.......

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  9. मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
    मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर...
    bahut bhavnatmak abhivyakti badhai.

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  10. zarur milenge jee....khoobsuurat racha ke saath...

    मेरी नई पोस्ट पे आपका स्वागत् है....
    http://raaz-o-niyaaz.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

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  11. आदरणीय सुषमा आहुति जी,
    यथायोग्य अभिवादन् ।

    मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
    मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
    क्या तुम मिलोगे मुझे????

    जी... मुश्किल जरूर है, नामुमकिन नहीं........, यकीन रखें।

    रविकुमार बाबुल
    ग्वालियर

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  12. मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
    मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......

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  13. मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
    मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......

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  14. प्रेमी ह्रदय की व्यथा को सटीक रूप में प्रस्तुत किया है आपने .बधाई

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  15. कल 18/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

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  16. प्रेमी मन ..हार कर भी हार नहीं मनाता ...
    sunder rachna ...

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  17. प्रेम रस में डूबी सुन्दर कविता

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  18. bahut hi achi lagi apki ye kavita,,,,
    jai hind jai bharat

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  19. सुन्दर कविता गहरे भावार्थ बधाई आहुति जी

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  20. ह्रदय की व्यथा को बहुत ही सुन्दर तरीके से प्रस्तुत किया है...

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  21. एहसासों को बखूबी लिखा है ..

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  22. सुषमा आहुति जी,
    नमस्कार !
    प्रेमी की व्यथा को सटीक रूप में प्रस्तुत किया है
    कमाल की लेखनी है आपकी लेखनी को नमन बधाई

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  23. बहुत ही खूबसूरती से व्‍यक्‍त प्रत्‍येक शब्‍द ...बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

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  24. मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
    मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......

    क्या तुम मिलोगे मुझे????jarur milenge kahaten hain naa ki kisi cheej ko dil se mango to poori kaynaat usko milaane main madad karati hai aapki aarjoo bhi jarur poori hogi ye hamari shubkamnayen hain.



    please visit my blog .thanks

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  25. बहुत सुंदर रचना।
    आपको बहुत बहुत बधाई

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  26. खूबसूरत एहसासात को अपने में पिरोयी हुई रचना.... सुन्दर...
    सादर...

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  27. बहुत ही सुंदर प्रस्तुति। आभार।

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  28. मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
    मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......
    क्या तुम मिलोगे मुझे????

    बहुत सुन्दर रचना
    कभी हमारे ब्लॉग पर आकर हमारी कमियों के बारे में हमें भी बताये
    vikasgarg23.blogspot.com

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  29. बहुत अच्छी भावुक रचना

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  30. प्यार ज़िद से नहीं होता..........वो तो बस हो जाता है और हमारा उसपर कोई काबू नहीं...... हाँ रूठे हुए को ज़रूर मनाना चाहिए|

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  31. waah bahut khubsuart sabal...bahut achha likhti hai aap...badhai

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  32. मन को गहरे तक छू गई एक-एक पंक्ति...

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  33. बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना...

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  34. ज़रूर मिलेंगे..!!!

    बहुत सुंदर..!!!

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  35. एक उम्मीद सी बँधी है...
    यह उम्मीद बहुत खतरनाक होता है...
    और प्यारी भी... क्या कहने...

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  36. आपकी भावपूर्ण प्रस्तुति में सच्ची चाहत समाहित हैं
    मिलन तो हो कर ही रहेगा.
    अनुपम अभिव्यक्ति के लिए आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.नई पोस्ट जारी की है.

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  37. सुन्दर भावपूर्ण रचना.......गहरे भावार्थ ......

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  38. सुन्दर प्रस्तुति..
    यही उम्मीद...यही विश्वास.... ही तो जिंदगी है

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  39. भावपूर्ण प्रस्तुति.
    One must be optimistic.

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  40. Kitna kuchh kah diya hi in chand panktiyo me...!
    dil ko chhu gayi aapki ye komal rachan...badhai

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  41. मन को छू गई...बहुत ही प्‍यारी कविता...

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  42. dil bhi ab jid pe ada hai kisi bacche ki tarah...ya tu...ya kuch bhi nahin...

    www.soul-n-heart.blogspot.com

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  43. बहुत अच्छी रचना है, बहुत बहुत साधुवाद

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  44. shushma ji ..anamika ji ki sadayein sunte hue aahuti tak aa pahunch..aapka profile padhaa.. to in panktiyon ko padhkar laga ki ahuti ka namkaran sarvath sarthak hai.. कल बिखर जाऊँगी हर पल मेँ शबनम की तरह, किरने चुन लेगी मुझे.... जग मुझे खोजता रह जायेगा.....!!! ..aapke guldaste ke bibidh phushpon ko dekha..chuninda phulon ka ye atsundar guldasta ..apne blog pe amantran aur badhai ke sath

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  45. दिल को छू लेने वाली रचना। बधाई।

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  46. सुषमा आहुति जी बिलकुल नहीं तन्हाई निराशा घातक हैं उम्मीद का दामन थाम बढ़ जाइये ..
    मिलेगा मुकद्दर -सुन्दर रचना
    आभार आप का -बधाई भी
    भ्रमर ५

    फिर भी ना जाने क्यू?
    एक उम्मीद सी बँधी है...!
    दिल ने एक जिद सी की है तुम्हे पाने की....?

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  47. आन्तरिक भावों के सहज प्रवाहमय सुन्दर रचना....

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  48. प्यार की ज़िद ... दिल से मन तक कई सवाल लेकर हक़ीक़त से रू-ब-रू .. होकर लिखी गई रचना अच्छी लगी।

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  49. मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!
    मै फिर खङी हूँ तुम्हारे सामने एक सवाल लेकर......

    क्या तुम मिलोगे मुझे????

    ek bhavnatmak abhivyakti.... aapke blog ko follow kar raha hoon.....

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  50. दिल को छू जाने वाली भावमयी रचना. आभार.
    सादर,
    डोरोथी.

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  51. "मेरे प्यार ने फिर जिद की है तुम्हे मना लाने की.....!!"

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  52. maango jise muddaton se vo khud hi mil jata hai..
    to khade hokar.
    .
    .
    .
    .
    .sawal lekar kuch fayada nahi hoga........

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  53. Ahsason ko bahut sundar dhang se piroya hai aapne...
    bahut achhi rachana..
    haardik shubhkamnayen!

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  54. meri jindagi kee kahaani ko kavita mein dhaal diya aapne... (sorry a bad joke) par kavita sach mein khubsurat hai...

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  55. sunder rachana ....
    vaise kahavat hai
    janha chah vanha raah ....

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  56. ak behtareen rachna bahut gahri anubhuti ... vah .

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  57. बेहतरीन अभिव्यक्ति .......
    आप भी पधारो आपका स्वागत है ...
    pankajkrsah.blogspot.com

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