Tuesday 12 April 2011

हमको तो आगे जाना होगा.....!!!

ये रात अँधेरी है कल का सूरज ना जाने कैसा होगा 
हर याद दिल में बसी है 
अब इन यादो  के  सहारे ही जीना  होगा 
इस दिल में तूफ़ान बहुत 
अब इन तुफानो से ही गुजरना होगा 
आखों में होगे आंसू मगर  
इन होटों से मुस्कराना होगा 
तन्हा ना कटेगा सफ़र कभी
 किसी ना किसी को अपना बनाना होगा 
टूटेंगे  ख्वाब हर पल यहाँ
 फिर भी आखों में एक नया सपना सजाना होगा 
टूट जायेगी हर उम्मीद यहाँ
 ना जीने का कोई बहाना होगा 
रुक जाये जिंदगी तो क्या 
हमको तो आगे जाना होगा..!!!
 



18 comments:

  1. रुक जाये जिंदगी तो क्या
    हमको तो आगे जाना होगा..!!!

    बहुत बढ़िया सुषमा जी!

    ReplyDelete
  2. वाह ! सुषमा जी!
    इस कविता का तो जवाब नहीं !

    ReplyDelete
  3. दुर्गाष्टमी और रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
    माँ दुर्गा आपकी सभी मंगल कामनाएं पूर्ण करें

    ReplyDelete
  4. रुक जाये जिंदगी तो क्या
    हमको तो आगे जाना होगा..!!!

    व्यथा से घिरी हुई -
    सत्य कहती हुई -
    आगे बढ़ती हुई रचना ....

    ReplyDelete
  5. khud pe bharosa karna hoga ...
    aage jana hi hoga

    ReplyDelete
  6. टूट जायेगी हर उम्मीद यहाँ
    ना जीने का कोई बहाना होगा
    रुक जाये जिंदगी तो क्या
    हमको तो आगे जाना होगा..!!!
    bahut sundar prastuti

    ReplyDelete
  7. ना जीने का कोई बहाना होगा
    रुक जाये जिंदगी तो क्या
    हमको तो आगे जाना होगा..!!!

    बिल्कुल ऐसे ही चलती रहती है ज़िंदगी ..आगे कदम बढ़ाना ही पड़ता है ..

    ReplyDelete
  8. tutenge khwab har pal yaha..
    phir bhi aakho me ek nya sapna sajana h....
    very nice....

    ReplyDelete
  9. टूट जायेगी हर उम्मीद यहाँ
    ना जीने का कोई बहाना होगा
    रुक जाये जिंदगी तो क्या
    हमको तो आगे जाना होगा..!!!
    बहुत ही बढ़िया और सकारात्मक सोच ,

    ReplyDelete
  10. bhut kubsurat.....
    ab to bas ek hi dhun hai
    es raat ko dhalta dekhu
    apni ankho se suraj ko niklta dekhu...

    ReplyDelete
  11. बहुत ही बढ़िया और सकारात्मक सोच| धन्यवाद|

    ReplyDelete
  12. टूट जायेगी हर उम्मीद यहाँ
    ना जीने का कोई बहाना होगा
    रुक जाये जिंदगी तो क्या
    हमको तो आगे जाना होगा..!!!

    खूब कहा ... बस यही सोच बनी रहे....

    ReplyDelete
  13. सुंदर कविता बधाई आहुति जी |

    ReplyDelete
  14. बहुत संवेदनशील रचना.
    ज़िन्दगी तो चलती जाती है,
    हम रुक जाते जातें हैं

    सलाम.

    ReplyDelete
  15. Jism me samundar si rawaani he..
    zindgi aag or dariya ki kahaani he...
    karta hu faasle paar har ghadi me ...
    in faaslo me hi to chupi teri or meri kahaani he ...


    " aahuti" very well
    ur pen says about ..u

    keep going..
    gud luck

    ReplyDelete
  16. रुक जाये जिंदगी तो क्या
    हमको तो आगे जाना होगा..!!!
    bahut khoob
    sahityasurbhi.blogspot.com

    ReplyDelete
  17. जिंदगी कहाँ रुकी है, वो तो चलते ही रहती है :)

    ReplyDelete