Tuesday 10 February 2015

Valentine..डायरी....तो समझना कि वो मैं हूँ....!!!

कभी जो तुम किसी अहाट पर,
ठहर जाना...
तो समझना कि वो मैं हूँ...
कभी जो अचानक,
कोई हवा का कोई झोंका...
तुम्हारे मन को महका दे,
तो समझना कि वो मैं हूँ...
कभी जो तन्हा चलना,
जो किसी सफर में,
कि चुपके से कोई..
तुम्हारा हाथ थाम ले,
तो समझना कि वो मैं हूँ...
कभी जो होटों पर मुस्कान,
और आखों से आंसू छलक जाये..
तो समझना कि वो मैं हूँ...
कभी जो किसी डर से,
धडकते दिल को...
कोई थाम ले,
तो समझना कि वो मैं हूँ...
कभी जो उदासियो में,
कोई ख्याल तुम्हे बहला दे...
तो समझना कि वो मैं हूँ....
कभी जो बारिश की बुँदे,
किसी के छुने का एहसास करा दे,
तो समझना कि वो मैं हूँ....
कभी जो चाँद  तुम्हे,
किसी चहेरे से मिला दे,
तो समझना कि वो मैं हूँ....
ये सच है कि..
मैं कही नही हूँ...
पर कोई जो....
मेरे होने का एहसास करा दे,
तो समझना कि वो मैं हूँ....!!!

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