Monday 2 February 2015

Valentine..डायरी....धड़कनो का शोर...!!!


सुना है प्यार में धड़कने,
बहुत जोर से धड़कती है..
मैं कभी इन धड़कनो...
का शोर नही सुना था...
कभी महसूस नही किया था...कि
धड़कने कैसे धड़कती है...
उस दिन जब साथ चलते-चलते,
अचानक मेरे करीब रुक गये थे..
और....घबरा कर कुछ कदम,
मैं पीछे हो गयी थी...और
तुम मुस्करा कर चल दिये थे...
उस पल मैंने अपनी...
धड़कनो का शोर सुना था...
दिल पर रख कर हाथ,
धड़कते हुए उन्हें महसूस किया था...
और तुम ये कहते हुए...
हँस रहे थे...कि
बिना stethoscope के,
धड़कने महसूस हुई....
और मैं कुछ नही कह पायी...
और मुस्कराती रही.....
जितना तेज......
मेरी धड़कनों का शोर था...
उतनी ही गहरी.....
तुम्हारी खामोशिया थी....
जितनी तन्हा,
तुम्हारी महफिले थी.....
उतनी ही तुमसे रोशन....
मेरी तन्हाईया थी........!!!

3 comments:

  1. सार्थक प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (04-02-2015) को रहे विपक्षी खीज, रात दिन बढ़ता चंदा ; चर्चा मंच 1879 पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  2. प्रेम के नाजुक पलों से उठाये शब्द ... बहुत सुन्दर ...

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  3. बहुत सुन्दर ...

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