तुमसे प्यार हुआ तो,
प्यार के कई रंग..
मिल गये हमें...
मौसमों के कई,
रंग मिल गये...!
गुलाबो का भी,
सबब मिल गया...
तुम जो मिले ...
मेरे इंतजार को
अर्थ मिल गया......!
आँखों को पढ़ने का
हुनर मिल गया.....
तुम जो मिले....
मेरी ज़िंदगी को,
सफ़र मिल गया......!
धड़कनो को अपनी,
हम भी सुनने लगे....
तुम जो मिले ....
तुम्हारी बांहो में..
गिरने और संभलने लगे.....!
तुमसे अनदेखी डोर से बंधने लगे...
तुम जो मिले.....
वादे और कसमो,
को समझने लगे....!
एहसासो को शब्दो में,
हम उतारने लगे ....
तुम जो मिले ....
खतो को छुप-छुप कर,
हम भी पढ़ने लगे है.....!
प्यार से जिंदगी में,
रंग भरने लगे है...
तुम जो मिले ...
तुम्हारी साँसों के साथ..
हम भी जीने लगे है...!
धड़कने तेज हो गयी है ..
दिन प्यार के चलने लगे हैं..!
प्यार के कई रंग..
मिल गये हमें...
मौसमों के कई,
रंग मिल गये...!
गुलाबो का भी,
सबब मिल गया...
तुम जो मिले ...
मेरे इंतजार को
अर्थ मिल गया......!
आँखों को पढ़ने का
हुनर मिल गया.....
तुम जो मिले....
मेरी ज़िंदगी को,
सफ़र मिल गया......!
धड़कनो को अपनी,
हम भी सुनने लगे....
तुम जो मिले ....
तुम्हारी बांहो में..
गिरने और संभलने लगे.....!
तुमसे अनदेखी डोर से बंधने लगे...
तुम जो मिले.....
वादे और कसमो,
को समझने लगे....!
एहसासो को शब्दो में,
हम उतारने लगे ....
तुम जो मिले ....
खतो को छुप-छुप कर,
हम भी पढ़ने लगे है.....!
प्यार से जिंदगी में,
रंग भरने लगे है...
तुम जो मिले ...
तुम्हारी साँसों के साथ..
हम भी जीने लगे है...!
धड़कने तेज हो गयी है ..
दिन प्यार के चलने लगे हैं..!
बहुत सुंदर... प्रेम के कोमल अहसास.लिए सुंदर रचना ..
ReplyDeleteआज पूर्णाहुति पर प्रेम के रंगों से पूर्णत: सराबोर रचना...
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना....
ReplyDelete:-)
सुन्दर. अति सुन्दर.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति ..
ReplyDeleteसुन्दर उद्गार ह्रदय के.
ReplyDeleteनाज़ुक से एहसासों सी अभिव्यक्ति ......
ReplyDeleteऐसा ही है प्यार..
ReplyDeleteहार्दिक शुभ कामनाएँ
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना। बहुत पहले एक गीत सुना था " तुम क्या मिले , प्यार जिंदगी से हो गया ", उसकी याद दिल दी।
ReplyDeletesundar .......
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteआँखों को पढ़ने का
ReplyDeleteहुनर मिल गया.....
तुम जो मिले....
मेरी ज़िंदगी को,
सफ़र मिल गया......!
प्रेम का अहसास ही कुछ ऐसा है....शानदार रचना।।।
गुलाबों का भी,
ReplyDeleteसबब मिल गया...
तुम जो मिले ...
मेरे इंतजार को
अर्थ मिल गया..
कोमल भावनाओं की सहज-सुंदर अभिव्यक्ति।
Simply beautiful poem...
ReplyDeleteआँखों को पढ़ने का
ReplyDeleteहुनर मिल गया.....
तुम जो मिले....
मेरी ज़िंदगी को,
सफ़र मिल गया......!
प्रेम से लवरेज़ सुंदर रचना।।।
prem ras se bhari rachna
ReplyDeleteshubhkamnayen