यूँ ही कुछ लिखते-लिखते इतिहास भी रच सकती हूं मैं....
Tuesday, 4 February 2014
Valentine special...कहानिया प्यार कि बुनने लगा
अल्हड़ बचपन अब कहानिया प्यार कि बुनने लगा.... ! रात भर जगती आँखों में सपने सजने लगे है.. अब तन्हा किसी के ख्यालो में रोने और हसने लगे है...! जीते तो हम पहले भी थे... किसी से मिलने के बाद कुछ और जीने लगे है....! फिर धड़कने हो गयी है तेज... दिन प्यार के चलने लगे है.....!
यूँ ही चलते रहें प्यार के दिन
ReplyDeleteखूबसूरत दिन मुबारक हो !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर |
ReplyDelete"किसी से मिलने के बाद
ReplyDeleteकुछ और जीने लगे है....!"
वाह
.बहुत सुंदर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteRECENT POST-: बसंत ने अभी रूप संवारा नहीं है
दिन प्यार के चलने लगे है...खूबसूरत दिन
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