धड़कने हो गयी है तेज,
दिन प्यार के चलने लगे है...
फिर से बरसो पुराने ख़त,
सूखे गुलाब....
डायरी में कही मिलने लगे है...!
हवाओ का रुख भी,
बदलने लगा है....
जब से मुहब्बतो के,
पत्ते उड़ने लगे है....
खूबसूरत ख्यालो से,
साँसे महकने लगी है.....
हर आहट पर..
दिल धड़कने लगे है....
धड़कने हो गयी है तेज
दिन प्यार के चलने लगे है.......!!!
दिन प्यार के चलने लगे है...
फिर से बरसो पुराने ख़त,
सूखे गुलाब....
डायरी में कही मिलने लगे है...!
हवाओ का रुख भी,
बदलने लगा है....
जब से मुहब्बतो के,
पत्ते उड़ने लगे है....
खूबसूरत ख्यालो से,
साँसे महकने लगी है.....
हर आहट पर..
दिल धड़कने लगे है....
धड़कने हो गयी है तेज
दिन प्यार के चलने लगे है.......!!!
प्यार, इश्क, मोहब्बत और कुछ भी नहीं .।.......
ReplyDeleteवाह ... अनुपम भाव संयोजन
ReplyDeleteबहुत खूब
सुन्दर सांगीतिक प्रस्तुति अर्थ पूर्ण व्यंजना लिए।
ReplyDeletebehud pyare jajwat hain....
ReplyDeleteस्वागत है प्रेम रुत का |
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना....
ReplyDeleteमनभावन
:-)