Friday 24 January 2014

तुम्हारे लिए...!!!

तुम्हारे लिए अपनी आखो में लहरो,    
को छुपा कर ला रही हूँ.....
जब तुम देखोगे मेरी आखों में तो,
समंदर कि गहराई और..... 
लहरो कि मस्ती दिखायी देगी.....!
 
तुम्हारे लिए मुठ्ठी में अपने,
कुछ सीप समेट कर ला रही हूँ.....
जब तुम लोगे इन्हे अपनी हथेली में, 
तो कुछ रेत तुम्हारे हाथो से,
लिपटती जायगी......!

तुम्हारे लिए अपनी तरफ,
बढ़ती लहरो कि आवाज़.....वो गरजता समंदर 
दिल में समेट कर लायी हूँ....
जब तुम मेरी धड़कनो को सुनोगे तो,
थिरकती हर धड़कन सुनायी देगी......!!! 

17 comments:

  1. बहुत सुन्दर प्रेम में लिप्त ये तोहफे अति उत्तम है..
    सुन्दर प्यारी रचना...
    :-)

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  2. बहुत सुन्दर भाव ,सुन्दर शब्द चयन !
    नई पोस्ट मेरी प्रियतमा आ !
    नई पोस्ट मौसम (शीत काल )

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  3. wah bahut sundar pyar say bhari rachna

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  4. सुन्दर प्रस्तुति

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  5. वाह बहुत सुंदर प्रस्तुति। अंतिम पंक्ति में यदि फिर से धडकन की जगह लहर रहे तो कैसा हो।

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  6. मित्रवर!गणतन्त्र-दिवस की ह्रदय से लाखों वधाइयां !
    रचना अच्छी है !

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  7. सुंदर भावों से सजी खूबसूरत रचना...

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  8. गणतन्त्र दिवस की शुभकामनायें और बधाईयां...जय हिन्द...

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  9. अनंत स्नेह का सुन्दर उदगार.

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  10. तुम्हारे लिए अपनी तरफ,
    बढ़ती लहरो कि आवाज़.....वो गरजता समंदर
    दिल में समेट कर लायी हूँ.

    बहुत खूब ..मोहब्बत का नया रुप..सुन्दर..

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  11. बहुत सुन्दर प्रस्तुति

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  12. sunder abhivyakti prem bhaav ki

    shubhkamnayen

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  13. हर इक पल में खुद के संग किसी और को जीना यही तो सच्चा प्रेम है
    बहुत खूब !

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