Monday, 13 January 2014

ये कोहरे कि धुंध........

ये कोहरे कि धुंध,                                    
और बादलो से घिरा आसमां....
ठंड से कांपता सारा जहां,
इन सब से दूर मैं तुम्हारे,
ख्यालो में खोयी सी.....!
कोहरा कितना ही गहरा हो,
मेरी आखों को तुम्हारा,
चेहरा साफ़ दिखायी देता है... 
ये सूरज को छिपाते बादल भी,
मुझे तुम्हारे ख्यालो में,
जाने से रोक नही पाते है....!
ये सर्द हवाये भी मुझे तुम्हारी साँसों... कि 
गर्मी का एहसास दिलाती है,
ये ठिठुरती ठंड कि तनहा लम्बी राते.... 
और तुम्हारी कभी न खत्म होने वाली बाते,
मेरी जागती आखों को ख्वाब दिखाती है......!!

ये कोहरे कि धुंध,
और बादलो से घिरा आसमां....
ठंड से  कांपता सारा जहां,
इन सब से दूर मैं तुम्हारे ख्यालो में खोयी सी....! 
अपने कांपते हाथो से,
जिंदगी के पन्नो को पलटती हूँ...
और धुंध को चीरती हुई बीते..
लम्हो कि तस्वीर देखती हूँ....
तुम्हारी यादो में कितनी बार....
टूटती और बिखरती हूँ.….....!!!

12 comments:

  1. ये कोहरे कि धुंध,
    और बादलो से घिरा आसमां....
    ठंड से कांपता सारा जहां,
    इन सब से दूर मैं तुम्हारे ख्यालो में खोयी सी....!
    अपने कांपते हाथो से,
    जिंदगी के पन्नो को पलटती हूँ...
    और धुंध को चीरती हुई बीते..
    लम्हो कि तस्वीर देखती हूँ....
    तुम्हारी यादो में कितनी बार....
    टूटती और बिखरती हूँ.

    !सुंदर प्रस्तुति...!

    RECENT POST -: कुसुम-काय कामिनी दृगों में,

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  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज मंगलवार (14-01-2014) को मकर संक्रांति...मंगलवारीय चर्चा मंच....चर्चा अंक:1492 में "मयंक का कोना" पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    मकर संक्रान्ति (उत्तरायणी) की शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  3. सुन्दर चित्र से सजी बाव्पूर्ण रचना |

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  4. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति। मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएँ !

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  5. सच्चे प्रेम की पंक्तियाँ. बहुत सुन्दर.

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  6. ये कोहरे कि धुंध,
    और बादलो से घिरा आसमां...

    वाकई शब्द बोलते हैं
    आपकी रचना ने यह साबित कर दिया -----
    बहुत सुंदर और सार्थक रचना

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  7. बहुत सुन्दर प्रेमाभिव्यक्ति ..

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  8. बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण रचना...

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  9. बहुत सुन्दर .और सार्थक रचना

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  10. सुन्दर ,प्यारी सी रचना...
    :-)

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  11. bahut pyara likha hai.

    ek chhoti si baat aapne is rachna mein jahan bhi कि prayog kiya hai vahan की ka prayog hona chahiye na?

    shubhkamnayen

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