होगा तुम्हारा कोई नाम....
लोग पुकारते होंगे,
तुम्हे उस नाम से... जाओ
मैं नही लेती...तुम्हारा नाम
क्यों कि...
मेरे तो साजन हो तुम...!
बारिश कि बूंदो सा..
भिगोता है जैसे सावन...
तुम्हारे प्यार से कब से,
भीगा है मेरा मन....
मेरा तो वो सावन हो तुम.....
मेरे तो साजन हो तुम....!!
निहारती हूँ पल-पल,
खुद को जिसमे..
करती हूँ सिँगार जिसमे,
मेरा वो दर्पण हो तुम....
मेरे तो साजन हो तुम....!!!
ख्याल से तुम्हारे,
थम जाती है हर धड़कन....
कम्पन से जब सिहर उठता है...
मेरा मन.....इन हवाओ कि...
वो सिरहन हो तुम....
मेरे तो साजन हो तुम.....!!!!
लोग पुकारते होंगे,
तुम्हे उस नाम से... जाओ
मैं नही लेती...तुम्हारा नाम
क्यों कि...
मेरे तो साजन हो तुम...!
बारिश कि बूंदो सा..
भिगोता है जैसे सावन...
तुम्हारे प्यार से कब से,
भीगा है मेरा मन....

मेरे तो साजन हो तुम....!!
निहारती हूँ पल-पल,
खुद को जिसमे..
करती हूँ सिँगार जिसमे,
मेरा वो दर्पण हो तुम....
मेरे तो साजन हो तुम....!!!
ख्याल से तुम्हारे,
थम जाती है हर धड़कन....
कम्पन से जब सिहर उठता है...
मेरा मन.....इन हवाओ कि...
वो सिरहन हो तुम....
मेरे तो साजन हो तुम.....!!!!
दिल की बात .....भरोसा बना रहे !शुभकामनायें!
ReplyDeleteबहुत मीठे - मीठे से कोमल भाव ..... सस्नेह :)
ReplyDeleteबहुत खूब ... हर चीज़ में साजन नज़र आते हैं ... प्रेम की पराकाष्ठा ...
ReplyDeletenice one...
ReplyDeleteसमय के साथ संवाद करती आपकी यह प्रस्तुित काफी सराहनीय है। मेरे नए पोस्ट DREAMS ALSO HAVE LIFE पर आपके सुझावों की आतुरता से प्रतीक्षा रहेगी।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट (DREAMS ALSO HAVE LIFE) पर आपके सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी। धन्यवाद।
ReplyDeleteवाह...सुन्दर पोस्ट...
ReplyDeleteआप को होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
नयी पोस्ट@हास्यकविता/ जोरू का गुलाम
रूचिकर एवं मनभावन प्रस्तुति। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteprem se bhari rachna, man bhayi.
ReplyDeleteshubhkamnayen