उन पलो को सम्हाल कर रखना है....
जिन पलों में..
मैंने तुम्हे हँसते मुस्कारते देखा...
जिन पलों में...
मेरे कदमो से तुम्हारे कदमो को मिलाते देखा....
उन कदमो के निशानों को न मिटने देना है..!!
उन पलो को सम्हाल कर रखना है....
जिन पलो में..
थी तुम्हारी आखों की वो शरारते....
मेरे होटों पे अनकही सी शिकायते...
उस कशिश को कम नही होने देना है.....!!
उन पलों को सम्हाल कर रखना है...
जिन पलो में...,
सामिल थी इंद्रधनुष से रगों की चाहते तुम्हारी,
ख़ामोशी और मेरी कभी न खत्म होने वाली बाते..
उन बातो दोहराते रहना है......!!
उन पलों को सम्हाल कर रखना है.....
जिन पलो में...
तुम्हारा इनकार के साथ इकरार छिपा था,और..
मेरा इकरार के साथ इंकार शामिल था...
उसी हां ना में अभी कुछ दिन....और...
खुद उलझा कर रखना है........!!
उन पलों को सम्हाल कर रखना है...
जिन पलों में...
सामिल था हमारा वो सबसे नजरे बचा कर,
इक-दुसरे की आखों में देखना...
वो कुछ न कह कर हमारा समझ लेना....
अभी कुछ और उन आखों को पढना है ....
उन पलों को सम्हाल कर रखना है........!!!
जिन पलों में..
मैंने तुम्हे हँसते मुस्कारते देखा...
जिन पलों में...
मेरे कदमो से तुम्हारे कदमो को मिलाते देखा....
उन कदमो के निशानों को न मिटने देना है..!!
उन पलो को सम्हाल कर रखना है....
जिन पलो में..
थी तुम्हारी आखों की वो शरारते....
मेरे होटों पे अनकही सी शिकायते...
उस कशिश को कम नही होने देना है.....!!
उन पलों को सम्हाल कर रखना है...
जिन पलो में...,
सामिल थी इंद्रधनुष से रगों की चाहते तुम्हारी,
ख़ामोशी और मेरी कभी न खत्म होने वाली बाते..
उन बातो दोहराते रहना है......!!
उन पलों को सम्हाल कर रखना है.....
जिन पलो में...
तुम्हारा इनकार के साथ इकरार छिपा था,और..
मेरा इकरार के साथ इंकार शामिल था...
उसी हां ना में अभी कुछ दिन....और...
खुद उलझा कर रखना है........!!
उन पलों को सम्हाल कर रखना है...
जिन पलों में...
सामिल था हमारा वो सबसे नजरे बचा कर,
इक-दुसरे की आखों में देखना...
वो कुछ न कह कर हमारा समझ लेना....
अभी कुछ और उन आखों को पढना है ....
उन पलों को सम्हाल कर रखना है........!!!
आपकी कविताओं का वही रंग इतने दिनों बाद भी बरकरार है.. भावों को बख़ूबी बयान किया है आपने!!
ReplyDeleteवो मुझे उड़ती पतंगों के बहाने देख ना
ReplyDeleteआते रहना शाम को रोज़ाना छत पर याद है...
सम्हले रहेंगे सभी पल स्मृतियों में...
ReplyDeleteसुन्दर !!
अनु
वाह बहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर.....
ReplyDeleteबढ़िया रचना व प्रस्तुति , सुषमा जी धन्यवाद !
ReplyDeleteनवीन प्रकाशन -: बुद्धिवर्धक कहानियाँ - ( ~ सच्चा साथी ~ ) - { Inspiring stories -part - 6 }
~ ज़िन्दगी मेरे साथ -बोलो बिंदास ! ~( एक ऐसा ब्लॉग जो जिंदगी से जुड़ी हर समस्या का समाधान बताता हैं )
सुंदर भाव
ReplyDeleteसुंदर भाव
ReplyDeletebahut bahut sundar rachna aur sanjoye huye pal ..!
ReplyDeleteप्रेक के गहरा भाव लिए ..
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना ...
गहरी छुअन
ReplyDeleteयही पल फिर किसी वर्तमान को रंगीन बना देंगे। बहुत भावभीनी रचना।
ReplyDeleteBahut hi sundar rachna hai.
ReplyDeleteहमेशा की तरह खूबसूरत भाव ... बहुत सुन्दर
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