कुछ देर और ठहरो साथ मेरे...
अरसे बाद कुछ लिख रही हूँ मैं....!
कुछ दूर और चलो साथ मेरे,
सदियों से मंजिलो की तलाश में...
भटक रही हूँ मैं....!
कुछ पल और थाम लो हाथ मेरा,
कि फिर एक बार गिर कर..
सम्हाल रही हूँ मैं.......!
कुछ और ख्वाब देख लो तुम साथ मेरे,
कि अरसे से एक ख्वाब के लिए जाग रही हूँ मैं.....!
कुछ दूर और समेट लो मेरे वजूद को,
कि फिर प्यार में.....
टूट कर बिखर रही हूँ मैं...!!!
अरसे बाद कुछ लिख रही हूँ मैं....!
कुछ दूर और चलो साथ मेरे,
सदियों से मंजिलो की तलाश में...
भटक रही हूँ मैं....!
कुछ पल और थाम लो हाथ मेरा,
कि फिर एक बार गिर कर..
सम्हाल रही हूँ मैं.......!
कुछ और ख्वाब देख लो तुम साथ मेरे,
कि अरसे से एक ख्वाब के लिए जाग रही हूँ मैं.....!
कुछ दूर और समेट लो मेरे वजूद को,
कि फिर प्यार में.....
टूट कर बिखर रही हूँ मैं...!!!
Nice lines sushma!!!
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteसुंदर भाव, मन को छू जाती पंक्तियाँ... इस खूबसूरत रचना के लिए बधाई स्वीकारें..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना ...सुन्दर भाव
ReplyDeleteभ्रमर५
har shabd bahut sundar.
ReplyDeletekhaaskar-
कुछ दूर और समेट लो मेरे वजूद को,
कि फिर प्यार में.....
टूट कर बिखर रही हूँ मैं...!!!
बहुत भावभीनी रचना।
ReplyDeleteकल 30/मई /2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद !
खुद ही बिखरे वजूद को समेटना पड़ता है जब वह किसी की उम्मीद में बिखरा हो
ReplyDeleteअच्छी कृति
खुद ही बिखरे वजूद को समेटना पड़ता है जब वह किसी की उम्मीद में बिखरा हो
ReplyDeleteअच्छी कृति
बहुत सुन्दर..
ReplyDeleteकुछ और ख्वाब देख लो तुम साथ मेरे,
ReplyDeleteकि अरसे से एक ख्वाब के लिए जाग रही हूँ मैं.....!
bahut sunder bhav
badhai
rachana
bhavpurn- utam-***
ReplyDeleteblog ka name bhi bhut appealing hai
बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteलाजवाब प्रस्तुति...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@बधाई/उफ़ ! ये समाचार चैनल
नयी पोस्ट@बड़ी दूर से आये हैं
प्रेक का मीठा सा एहसास लिए ...
ReplyDeleteभावमय प्रस्तुति ...
bahut sundar rachna ............badhai
ReplyDeleteप्रेम से लबालब सुंदर रचना .....शुभकामनायें|
ReplyDeletebahut sundar aurbhaavpoorrn abhihvyakti ji
ReplyDeleteबधाई स्वीकार करे और आपका आभार !
कृपया मेरे ब्लोग्स पर आपका स्वागत है . आईये और अपनी बहुमूल्य राय से हमें अनुग्रहित करे.
कविताओ के मन से
कहानियो के मन से
बस यूँ ही
बहुत खूब.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
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