यादे कुछ खुबसूरत लम्हों की साथ रहती है,
वो यादे अपनी जिंदगी की कही पीछे छोड़ आये है.!
वो लम्हे जब कुछ जायदा नही,
थोड़े में ही खुश हो जाया करते थे...!
दोस्तों के साथ बैठे तो कभी बाते खत्म न होती थी,
दिन गुजर जाया करते थे..!
न डर था कुछ खोने का,
सिर्फ विश्वास था दूर आंसमा में उड़ जाने का..!
हर रोज़ खुली आखो में एक नया सपना सजाया करते थे,
कही देखते आंसमा में टूटते तारे को आखे बंद करके मेरा सपना पूरा हो जाये,ये दुआ माँगा करते थे..!
पर जैसे- जैसे मंजिल की तलाश में आगे बढे,
वो लम्हे खुशियों के,वो बाते सखियों की,कही छुट गयी..!
हर कड़ी उन सपनो की आखो में टूट गयी..!
नही पता था जिस तारे से हम अपने सपने को पूरा करने की दुआ कर रहे थे,
वो खुद किसी का सपना बन कर टूट रहा है,
हम आगे बड़े जा रहे है जाने किस मंजिल की तलाश में,ये जानते हुए की पीछे कही कुछ छुट रहा है....!!
hiii.....very nice.....
ReplyDeletekash hm bachhe hi hote.......
very nice poem
ReplyDeleteplease contact me at
aprnatripathi@gmail.com
बहुत सुंदर रचना.... अंतिम पंक्तियों ने मन मोह लिया...
ReplyDeletesanjay bhaskar
sanjay.kumar940@gmail.com
Nhi aati, to barso tak nhi aati
ReplyDeletemagar jab yaad aate hai,vo pal to bhut yaad aate hai..!!!
very nice
bahut sundar
ReplyDeleteनही पता था जिस तारे से हम अपने सपने को पूरा करने की दुआ कर रहे थे,
ReplyDeleteवो खुद किसी का सपना बन कर टूट रहा है,
सच्चाई को कहती सुन्दर रचना
बहुत ही भावपूर्ण रचना बधाई
ReplyDeleteनही पता था जिस तारे से हम अपने सपने को पूरा करने की दुआ कर रहे थे,
ReplyDeleteवो खुद किसी का सपना बन कर टूट रहा है,bahut khoobsurat...
bhaavpoorn rachna.
ReplyDeleteनही पता था जिस तारे से हम अपने सपने को पूरा करने की दुआ कर रहे थे,
ReplyDeleteवो खुद किसी का सपना बन कर टूट रहा है,
हम आगे बड़े जा रहे है जाने किस मंजिल की तलाश में,ये जानते हुए की पीछे कही कुछ छुट रहा है....!!
बहुत सुंदर...
touching....
ReplyDeleteA toast those memories never faint !!!
Thanks for sharing !!!
bahut sunder ...wah
ReplyDeletebahut sunder ..wah
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