एक शाम कुछ भीगी सी हवाओ मे कुछ नमी हो,
कोई एक ऐसा हो मेरे साथ जिसके होने का अहसास ही उस शाम को खास बना रहो,
उसका हाथ मेरे हाथ मे हो और बारिश ना थमने का नाम ले हम चल रहे हो,
साथ मेरे गिरने से पहले वो मुझको थाम ले...!!
मेरा हाथ उसके हाथो मे हो वो बारिश जिँदगी की पहली बारिश लग रही हो,
वो बूँदे मुझे नही मेरे मन को भिगो रही हो,
उस बारिश मे हम दूर कही चले जा रहे हो,
हमे पता भी ना हो कि हम कहाँ जा रहे,
वो मुझे अपनी दिल की बात बता रहा हो,
मै उसे अपनी दिल की बात बता रही हूँ.....!
बाते करते करते हम एक पल के लिए खामोश हो जाये,
फिर हमारी खामोशी भी बाते कर रही हो,
मेरी नजरे उसकी तरफ देख कर कुछ सवाल कर रही हो उसकी नजरे मेरे सवालो का जवाब दे रही हो...!!
उस पल दर्द जाने कहाँ गुम हो गये हो,
धङकने भी धङकना भूल गयी हो,
वो पल जैसे ठहर सा गया हो,
जिँदगी उस पल जैसे थम गयी हो,
दिल कहे शाम यूँ ही ठहर जाये इन पलो मे पूरी जिँदगी गुजर जाये...!!!
काश!
एक शाम कुछ भीगी सी हो,
हवाओ मे कुछ नमी हो.....!!!
" कभी कभी एक लम्हा जिँदगी भर नही गुजरता तो कभी एक लम्हे मे जिँदगी गुजर जाती है"
very nice...
ReplyDeletehii...Kash ek sham sach me aesi hi ho jaye to kya baat ho....very very nice...
ReplyDeletevery nice
ReplyDeletebhut khubsurat hogi vo sham...
" कभी कभी एक लम्हा जिँदगी भर नही गुजरता तो कभी एक लम्हे मे जिँदगी गुजर जाती है"
ReplyDeleteआपकी इस पंक्ति ने सब कुछ कह दिया है... यूँ ही लिखते रहिये....मेरी शुभकामनायें...
एक नज़र के लिए उम्रभर, उम्रभर के लिए फिर वही नज़र...
कोमल सी ख्वाहिश को ले सुन्दर भावाभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अहसास. हर लम्हा बेशकीमती है चाहें वो गुजर जाये य न भी ......
ReplyDeletekomal bhaavo se bhari sunder nirmal abhivyakti.
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