अब दूरिया कुछ कम होने लगी है,
पहले उनकी नजर हमे देखती थी,
अब कुछ हमशे कहने लगी है
इन हवाओ मे उनकी सांसो की खुशबू का अहसास होने लगा है,
इस तरह छाया है उनकी बातो का जादू कि हर लम्हा खास होने लगा है...!!!
फिर कोई ख्याब देखने का अहसास चाहिये,
जिससे प्यार मिले ऐसा कोई आस-पास चाहिये,
जिंदगी तेरी बातो मेँ कुछ खास चाहिये,
कुछ पल ऐसे हो जिँदगी मे,
जो कुछ और पल जीने की सांसे दे जाये,
ऐसा विश्रवास चाहिये,
जिँदगी फिर तेरी आंखो मेँ कुछ खास चाहिये..!!!
"इस तरह छाया है उनकी बातो का जादू कि
ReplyDeleteहर लम्हा खास होने लगा है...!!!"
आपके हर लम्हे की खासियत इसी तरह बनी रहे.
आमीन!
नए बिम्बों का बड़ी ही खूबसूरती से भावाभिव्यक्ति में प्रयोग किया है रचना जी....बहुत अच्छी कविता.”
ReplyDeleteपर हर मोङ पर किसी साथी की जरुरत होती है,
ReplyDeleteइस बात से हम इंकार नही कर सकते है.....!!!
भावनाओं की काव्यमय प्रस्तुति अच्छी बन पड़ी है.
very very nice.....
ReplyDeleteजिँदगी फिर तेरी आंखो मेँ कुछ खास चाहिये..!!!
भावनाओं की काव्यमय प्रस्तुति अच्छी बन पड़ी है|धन्यवाद|
ReplyDeleteवाह क्या बात है
ReplyDeleteजिँदगी फिर तेरी आंखो मेँ कुछ खास चाहिये
बहुत खूब
jo kuch aur pal jeene ki sanse de jaye
ReplyDeleteaisa vishwas chahiye..
Zindgi teri ankho me fir kuch khas chahiye..!!!
bhut khubsurat...
पर यादो के सहारे जिँदगी नही गुजार सकते है,
ReplyDeleteशत प्रतिशत सत्य लेकिन हम है जान कर भी अनजान बने है सारगर्भित रचना , आभार......
पर हर मोङ पर किसी साथी की जरुरत होती है,
ReplyDeleteइस बात से हम इंकार नही कर सकते है.....!!!
बहुत सुन्दर रचना !
बहुत ही उम्दा.
ReplyDeleteअच्छे विचार.
उनकी बातो का जादू कि हर लम्हा खास होने लगा है...!!!
ReplyDeletekya baat hai...bahut pyareee rachna..!
प्रिय सुषमा जी
ReplyDeleteसादर सस्नेहाभिवादन !
आपकी रचनाओं में गहरी भावाभिव्यक्ति होती है , जिसमें जीवन की सच्चाई होती है ।
हर मोङ पर किसी साथी की जरुरत होती है,
इस बात से हम इंकार नही कर सकते ………!
बहुत बहुत मंगलकामनाएं हैं …
♥ नव संवत्सर की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !♥
- राजेन्द्र स्वर्णकार
Congrats on INDIAS CRICKET WORLD CUP VICTORY
ReplyDeletesundr rchna
ReplyDeletebhut 2 bdhai
charcha mnach pr sneh dene ke liye hardik aabhar
Nice thoughts
ReplyDeleteनिरंतर की कलम से .....
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निरंतर कह रहा .......
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Nirantar's........(English Poems
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अपनी अपनी बातें..........
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पर हर मोङ पर किसी साथी की जरुरत होती है,
ReplyDeleteइस बात से हम इंकार नही कर सकते है.....!!!
सुषमा जी उम्दा भाव ,सुन्दर सार्थक रचना -बधाई हो - आइये आपका हार्दिक स्वागत है हमारे ब्लॉग पर - हम आप के सुझाव व् समर्थन की भी आस लगाये हैं
एक बात कहूँगा कानपुर में हिंदी तो अच्छी बोली जाती है -थोडा शुद्ध बनायें न जैसे -
दूरियाँ, हमसे, साँसों, बातों, आँखों , है को भी हैं लिखें जहाँ जरुरत हो
सुरेन्द्र कुमार शुक्ल भ्रमर५
प्रतापगढ़ उ.प्र.
bhot khub ,bhavneye marmikta sea obhre hea...
ReplyDeleteilmashama blog