जब तुम खुद को बिल्कुल खाली समझना,
जब तुम्हे लगे कि जैसे,
कुछ है ही नही तुम्हारे लिये..
तब तुम मुझे पढ़ना,
मुमकिन है तुम्हे सब कुछ अपना ही सा लगे....
जब तुम्हे लगे कि,
कुछ नही रहा संजोने के लिये,
जब तुम हालातो से मजबूर बिखर जाओ,
तो मुझे पढ़ना...
खुद को मेरे शब्दों में समेट कर,
संजो कर रखा हुआ पाओगे..
जब तुम्हे लगे तुम खुद को,
कही रख कर भूल गए हो,
तो मुझे पढ़ना,
तुम्हारी खुद से मुलाकात हो जायेगी....
तुम खुद को इन पन्नो में ही कही पाओगे...
जब तुम्हे कुछ बेचैन कर दे,
लगे कुछ अधूरा सा रह गया है,
तब तुम मुझे पढ़ना,
और मेरी लिखी हर रचना के अंत में,
क्रमशः......कुछ लिखा रह गया है...
तुम्हे उन्हें लिख कर पूरा कर देना...
तुम्हे पूर्ण जीवन मिल जएगा...!!!
Friday 24 February 2017
तब तुम मुझे पढ़ना...!!!
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बहुत खूब
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 26 फरवरी 2017 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
ReplyDelete