Wednesday 8 February 2017

फिर वही गुलाबो की महक.. फिर वही माह-ए-फरवरी है...!!

ये सात दिन जिंदगी सात,
इंद्रधनुष के रंगों की तरह रहंगे...
कुछ खास हुआ हो या नही,
हम सात दिन साथ थे,
इससे ज्यादा कुछ और,
खास नही होगा...
सात दिनों का साथ,
सात कसमो सा रहा,
सात रातो साथ,
तुम्हारे सात सपने,
हमने निभायी इन सात दिनों में,
साथ-साथ सभी रसमें....
ये साथ दिन हमारे साथ के,
सात फेरो सा रहे,
जिनमे कभी तुम आगे चलते रहे,
कभी मैं दो कदम पीछे हो कर,
तुम्हारी ढाल बनती रही...
ये सात दिन जिंदगी के साथ,
सात जन्मों से रहे,
मैंने तुम्हे जी लिया,
इन सात दिनों में,
सात जन्मों का साथ...
फिर वही गुलाबो की महक..
फिर वही माह-ए-फरवरी है...!!

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