Wednesday 1 February 2017

फिर वही गुलाबो के महक...फिर वही फरवरी है....!!!

जब तुम्हारा दर्द मेरी आँखों से बहने लगा,
तब लगा सिर्फ दिल ही नही,
मन भी जुड़ गया है तुमसे...
और जब चंचल मन,
दौड़ता-भागता मन,
कही किसी पर ठहर जाये तो,
बात सिर्फ दिल से दिल की नही रह जाती,
जिंदगी  से साँसों की,और
साँसों की तुमसे हो जाती है..
मेरी साँसों में तुम्हारी खुश्बु बिखरी,
कि फिर वही माह-ए-फरवरी है...

2 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 03 फरवरी 2017 को लिंक की गई है.... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. जब हम एक दूसरे को समझने लगते हैं। तो अहसास अपने आप जुड़ जाते हैं। प्यार वह नहीं जो अपने चहाने बाले की खुशी में खुश रहना सिखाएं, प्यार हैं वह उसकों दर्द हो और हमारी आँख से आँसू आएं।
    प्रेम से भरी एक अच्छी कविता के लिए.......... आपको बधाई

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