मैंने फिल्मो में अक्सर देखा था.........की हिरोइन को उसका हीरो हर जगह दिखने लगता है ....!!
यह बाते... मुझे सिर्फ किताबो में ही अच्छी लगा करती थी ........!!
पर आज ....जब मैं हर चेहरेमें तुम्हारा चेहरा देखने लगती हूँ..!!
तो यह मेरा पागलपन लगता है...... न जाने कब हर चेहरा बहुत जाना पहचाना सा, तुमसे मिलता जुलता सा लगने लगने लगता है..... यह पागलपन भी अपना अच्छा लगने लगता है......!!
मेरी आँखे हर तरफ तुम्हे ढूढ़तीहैं...... तुम्हे देखना चाहती हैं.......
कहीं कंही से हर चेहरा तुम जैसा लगता है ....!!
आहुति
सुखद पागलपन ||
ReplyDeleteyahi pyar hai......
ReplyDeleteचाशनी से ख़त
ReplyDeleteइसी को प्यार कहते हैं ....:-))
ReplyDeleteशुभकामनायें!
nice one.
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