Wednesday, 13 February 2013

तेरवां ख़त .......Valentine special..........

अब तो गुलाब का रंग और भी सुर्ख लाल लगने लगा है........तुम्हारे साथ हर बात अच्छी लगती है..........हर मौसम खुबसूरत लगता है..............हैरान हूँ मैं कि ........जब से तुमसे मिली हूँ..तब से आज तक में तुम्हे क्या पसंद है.........बस यही याद रह गया है...........मैं तो ऐसी न थी फिर ये क्या हो गया है......क्या कोई इस तरह मेरे ख्यालो में छा सकता है.........इस तरह भी क्या कोई किसी को खुद में सामिल कर ले कि.......खुद को भुला सकता है...................!!!
                                                                                    आहुति 

13 comments:

  1. इश्क जो कराये कम....
    खुद को न भुलाया तो क्या प्यार किया????

    अनु

    ReplyDelete
  2. aapka khato ka silsila sammohit krta hai..

    ReplyDelete
  3. प्रेम की पराकाष्ठा ....सुंदर अभिव्यक्ति ...

    ReplyDelete
  4. Hey There. I found your blog using msn. This is a really well written article.
    I'll be sure to bookmark it and return to read more of your useful info. Thanks for the post. I'll certainly
    return.

    My web page ... vji

    ReplyDelete
  5. .तुम्हारे साथ हर बात अच्छी लगती है..........हर मौसम खुबसूरत लगता है..........
    यही तो जादू है इस साथ का ...

    ReplyDelete
  6. बहुत ही भावप्रद खत है आपके,आभार.
    मेरे ब्लोग्स संकलक (ब्लॉग कलश) पर आपका स्वागत है,आपका परामर्श चाहिए.
    "ब्लॉग कलश"

    ReplyDelete
  7. एक खूबसुरत प्रयास, धन्यवाद।

    MY BLOG
    http://yuvaam.blogspot.com/p/blog-page_9024.html?m=0

    ReplyDelete
  8. बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें

    प्यार रामा में है प्यारा अल्लाह लगे ,प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखे
    प्यार बिन जीना दुनिया में बेकार है ,प्यार बिन सूना सारा ये संसार है

    प्यार पाने को दुनिया में तरसे सभी, प्यार पाकर के हर्षित हुए हैं सभी
    प्यार से मिट गए सारे शिकबे गले ,प्यारी बातों पर हमको ऐतबार है

    ReplyDelete