अब तो गुलाब का रंग और भी सुर्ख लाल लगने लगा है........तुम्हारे साथ हर बात अच्छी लगती है..........हर मौसम खुबसूरत लगता है..............हैरान हूँ मैं कि ........जब से तुमसे मिली हूँ..तब से आज तक में तुम्हे क्या पसंद है.........बस यही याद रह गया है...........मैं तो ऐसी न थी फिर ये क्या हो गया है......क्या कोई इस तरह मेरे ख्यालो में छा सकता है.........इस तरह भी क्या कोई किसी को खुद में सामिल कर ले कि.......खुद को भुला सकता है...................!!!
आहुति
इश्क जो कराये कम....
ReplyDeleteखुद को न भुलाया तो क्या प्यार किया????
अनु
aapka khato ka silsila sammohit krta hai..
ReplyDeleteप्रेम की पराकाष्ठा ....सुंदर अभिव्यक्ति ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर व् भावात्मक .सराहनीय अभिव्यक्ति मीडियाई वेलेंटाइन तेजाबी गुलाब आप भी जाने संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें कैग
ReplyDeleteHey There. I found your blog using msn. This is a really well written article.
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बहुत खूब!
ReplyDeleteसादर
.तुम्हारे साथ हर बात अच्छी लगती है..........हर मौसम खुबसूरत लगता है..........
ReplyDeleteयही तो जादू है इस साथ का ...
बहुत ही भावप्रद खत है आपके,आभार.
ReplyDeleteमेरे ब्लोग्स संकलक (ब्लॉग कलश) पर आपका स्वागत है,आपका परामर्श चाहिए.
"ब्लॉग कलश"
एक खूबसुरत प्रयास, धन्यवाद।
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बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें
ReplyDeleteप्यार रामा में है प्यारा अल्लाह लगे ,प्यार के सूर तुलसी ने किस्से लिखे
प्यार बिन जीना दुनिया में बेकार है ,प्यार बिन सूना सारा ये संसार है
प्यार पाने को दुनिया में तरसे सभी, प्यार पाकर के हर्षित हुए हैं सभी
प्यार से मिट गए सारे शिकबे गले ,प्यारी बातों पर हमको ऐतबार है
सुन्दर :))
ReplyDelete:)sundar
ReplyDeletesundar :))
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