आज शाम से ही कुछ कमी सी लग रही है.......तुम हो मेरे साथ फिर भी एक दुरी सी लग रही है...........कभी-कभी तुम ख्यालो में तो होते हो..
पर बहुत सारे सवालो के साथ जिनका जवाब मैं खुद से ही पूछती हूँ....
और कोई जवाब न मिलने पर......खुद ही उदास हो जाती हूँ....
तुमसे निकल कर कुछ और सोच ही नही पाती.......
इस तरह खुद में तुमको शामिल किया है.......की अब अपनी खुद को पहचाना भी मुस्किल हो गया है.......कुछ इस तरह से........................अपनी सुबहो में तुमको शामिल कर लिया है अपनी शामो को तुम्हारे नाम कर दिया है .........!!!
आहुति
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार (11-02-2013) के चर्चा मंच-११५२ (बदहाल लोकतन्त्रः जिम्मेदार कौन) पर भी होगी!
सूचनार्थ.. सादर!
कुछ इस तरह से तुमको खुद में शामिल कर लिया है की तुमसे अलग कुछ और सोच ही नहीं पाती ...यु ही कभी जब हो जाता है दिल उदास महसूस करती हु तुझे अपने आस पास ..... भावुक प्रस्तुति
ReplyDeleteजब तुममे शामिल है वो तब कमी कैसी.........
ReplyDeleteचौदवें ख़त तक सब ठीक हो जाएगा देखना...
:-)
अनु
प्यारा एहसास
ReplyDeleteहर लम्हों को बड़े जतन से सजाया है आपने
सिलसिला चाहत का
ReplyDeleteवाह ..वाह ...बहुत खूबसूरत ख्याल ...सुन्दर शब्द संयोजन।
ReplyDeletesuperb.
ReplyDeletehttp://madan-saxena.blogspot.in/
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प्रेम के एहसास को संजोए जीवा ही तो सच्चा वेलेंटाइन है ...
ReplyDeleteYe man bhee kitana ajeeb hai kitana aashankit rahata hai.
ReplyDeletejab subah sham men shamil hain wo to door ho ya pas kkya frk padta hai.
वाह!
ReplyDeleteइस तरह खुद में तुमको शामिल किया है......
ReplyDeleteकी अब अपनी खुद को पहचाना भी मुस्किल हो गया है......
कुछ इस तरह से.......................
अपनी सुबहो में तुमको शामिल कर लिया है
अपनी शामो को तुम्हारे नाम कर दिया है
BEAUTIFUL LINES WITH SILENT EMOTIONS AND FEELINGS