Monday 25 January 2021

कुछ बिखरी पंखुड़ियां.....!!! भाग-47

451.
मैं कुछ लिखूं और तुम पढ़ लो...
और पढ़ कर समझ भी लो..
 इतना तो आसान नही है जीवन....

452.
खूबसूरत सी कुछ बाते थी,
जो तुम्हारे साथ और भी खूबसूरत हो गयी...

453.
बहुत छोटी-छोटी बातों से जिंदगी खुश हो जाती है.
बड़ी बातें तो कोई फर्क नही लाती है.
कोई छोटी सी बात भी बहुत बड़ी हो जाती है...

454 .
इतनी ठंड कि कुछ याद ही नही रहा शिवाय इसके कि दिसम्बर बहुत ठंडा गुजरा....

452.
मैं तो सिर्फ तुम्हे अपनी रचनाओं में ही,
बेहद सरल मानती रही.. वास्तविकता तो ...
तुम बहुत संजीदा हो,उलझे हो...
तुम्हे सरल ना बना कर,
मैं खुद तुम्हारे लिए खुद को सरल बनाती रही...
तो तुमने कभी संजीदा लिया ही नही मुझे...

453.
मेरे साथ मेरे शब्द भी....
बाँवरे हो गये है,
मैं कुछ भी लिखूं,
ये तुम्हे ही लिखते है....
मैं तो थी ही,मेरे शब्द भी...
तुम्हारे हो गये है...

454.
कभी-कभी ऐसा भी लगता है कि...
मेरे मन की बाते कोई लिख दे..
और मैं पढ़ कर कहूँ की तुमने तो मेरे मन की बात कह दी...

455.
रंग,रूप,शक्ल,सूरत हमेशा आपके व्यक्तित्व और सीरत पर भारी पड़ जाता है...मैं आज तक समझ नही पायी,कि महंगे कपड़े,जेवर,इतने मायने कब हो जाते है,किसी का व्यहवार कोई महत्व ही नही रखता है..क्या आपके व्यक्तित्व, आपकी सोच ...इन सब बातों से ज्यादा खूबसूरत नही लग सकती है....खूबसूरत लग्न,दिखावा इतना जरूरी है....???

456.
कुछ पल सदा के लिए होते है...जैसे कि तुम्हारा साथ....☺

457.
सुख हो ना हो...
सुकून होना बहुत जरूरी है....☺

458.
आपके लिए decision के साथ लोग साथ खड़े तो हो सकते है...पर आपके लिए decision ले नही सकते है...तो शुरुआत खुद ही करनी होती है....

459.
मैं हर बार उसे उम्मीद नई बांध कर,खुद टूट जाती हूँ....

560.
प्यार वक़्त के साथ बदलता है,या वक़्त प्यार के साथ बदलता है...साथ रहने की बाते,वादे,सब किताबी हो गई....प्यार तो अब just pretical हो गया है...

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