Monday 25 January 2021

कुछ बिखरी पंखुड़ियां.....!!! भाग-46

441.
कभी मुझे जो जानना चाहना....तो मुझे पढ़ लेना फुरसत में......

442.
जब किसी अपने को आपकी तकलीफ महसूस होना खत्म हो जाये,
तो समझ लेना चाहिये,
कि अब उस रिश्ते की सभी जरूरते खत्म हो गयी है....

443.
तुम मेरे साथ कुछ इस तरह रहो,हर कोई हमारे साथ जैसे ही साथ रहना चाहे..

444.
फुरसुतो के पल भी....बहुत फुरसत से मिले हमको....

445.
रिश्ते बहुत नाजुक होते है...हर कोई सही होता है...फिर भी कुछ गलत होता है...बस हम सबको खुश करने के लिए उनके हिसाब से रिश्तो को संजोने चलते है...गलती शायद यही हो जाती है..जब कि हमे हमेशा अपने ही तरीके और अपने उसूलो पर रिश्तो को निभाना चाहिए...खुद ओर यकीन करना चाहिए...बस...

446.
हमारा रिश्ता इतना सच्चा और गहरा हो जाये...
कि ग़र तुम मुझे सच बता ना पाओ,
तो झूठ भी कहना मुश्किल हो....

447.
मायका कभी नही छूटता ना ही कभी पराया होता है...बस बेटियां शादी होते ही मान लेती है कि वो घर अब नही रहा उनका वो पराई हो गयी है....
अरे पागलो...बेटियों का घर तो हमेसा बेटियों का ही होता है...क्यों कि बेटियों से ही वो घर होता है...,वो घर तो बेटियों को ही पहचानता है...तुम्हारे हर खुशी-गम के पलों को संजोए हुए है,पूरे अधिकार  से हर पल तुम्हारा इंतजार करता है...अपने मन मे कभी ये ना लाना की कुछ पराया हो गया... शादी हो जाने से बेटियां कभी  परायी नही होती है...समझी.................

448.
इस फाल्गुन मुझ पर रंग सभी तुम्हारे नाम के होंगे....

449.
जहां से सफर शुरू किया था वही तुम मिल गए हमसफर बन कर.....

450.
अब तो है तुमसे हर खुशी अपनी,,....☺☺☺☺कुछ एहसास कहे नही जाते सिर्फ समझे जाते है...वही सारे अहसास तुम्हारे है....


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