Monday 23 January 2017

मेरे शब्द भी तो तुमसे ही है....!!!

आखिर तुमने आज कह ही दिया,
कि तुम मुझे क्यों लिखती हूँ,
मैंने पूछा फिर क्या लिखूं...
तुमने कहा...
तुम देखो तुम्हारे आस-पास,
बहुत कुछ है लिखने को.... सूरज,चाँद,तारे,फूल,बारिश,शामें,राते...
सब कुछ तो तुम्हारे लिए इनको लिखो...
मैं हँस पड़ी....
मेरा तो सब कुछ तुमसे ही है...
तुम हो तो मुझे....
दिन,रात,पहर,शामें महसूस होते है...
जो तुम नही तो,
बारिश तो होती है, पर मुझे भिगोती नही है...
कैसे लिख दूँ....
तुमसे परे कुछ भी...
कि मेरे शब्द भी तो तुमसे ही है....!!!

3 comments:

  1. आपकी इस प्रस्तुति की लिंक 26-01-2017को चर्चा मंच पर चर्चा - 2585 में दिया जाएगा
    धन्यवाद

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  2. बहुत सुन्दर

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