मैं यूँ ही बेचैन सी,
प्यार को लिखने बैठी हूँ...
तुम्हे क्या अच्छा लगेगा...
मैं लिख दूँ यूँ ही कुछ भी...
क्या प्यार में मेरे,
तुम्हे मेरा कुछ भी,
लिखना सच्चा लगेगा....
मैं तो आसमान से सितारे,
तोड़ लाने की बाते करुँगी,
मैं तो तुम्हारा हाथ थाम,
कर उड़ जाने की बाते करुँगी..
मैं तो तुम्हे ही सफ़र,
तुम्हे ही मंजिल समझे बैठी हूँ...
तुम्हे क्या मेरा,
ये दीवानापन अच्छा लगेगा...
क्या प्यार में मेरे,
तुम्हे मेरा कुछ भी,
लिखना सच्चा लगेगा....
मैं तो झल्ली,मुस्कराती सी..
तुम्हारी समझदारी से कोसो दूर,
हर लम्हे में प्यार को सजाने,
तुम्हारे साथ...
वलेंटाइन-डे मनाने बैठी हूँ,
तुम्हे क्या मेरा,
ये पागलपन अच्छा लगेगा....
क्या प्यार में मेरे,
तुम्हे मेरा कुछ भी,
लिखना सच्चा लगेगा....!!!
प्यार को लिखने बैठी हूँ...
तुम्हे क्या अच्छा लगेगा...
मैं लिख दूँ यूँ ही कुछ भी...
क्या प्यार में मेरे,
तुम्हे मेरा कुछ भी,
लिखना सच्चा लगेगा....
मैं तो आसमान से सितारे,
तोड़ लाने की बाते करुँगी,
मैं तो तुम्हारा हाथ थाम,
कर उड़ जाने की बाते करुँगी..
मैं तो तुम्हे ही सफ़र,
तुम्हे ही मंजिल समझे बैठी हूँ...
तुम्हे क्या मेरा,
ये दीवानापन अच्छा लगेगा...
क्या प्यार में मेरे,
तुम्हे मेरा कुछ भी,
लिखना सच्चा लगेगा....
मैं तो झल्ली,मुस्कराती सी..
तुम्हारी समझदारी से कोसो दूर,
हर लम्हे में प्यार को सजाने,
तुम्हारे साथ...
वलेंटाइन-डे मनाने बैठी हूँ,
तुम्हे क्या मेरा,
ये पागलपन अच्छा लगेगा....
क्या प्यार में मेरे,
तुम्हे मेरा कुछ भी,
लिखना सच्चा लगेगा....!!!
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, " टेंशन नहीं लेने का ... मस्त रहने का - ब्लॉग बुलेटिन " , मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteतुम्हे क्या मेरा,
ReplyDeleteये पागलपन अच्छा लगेगा....!!
वारि जाऊँ इस दीवानगी पर। सुंदर रचना।
ReplyDeleteकिसी के प्यार में दीवानापन ही......उसे अपना बना सकता है |
ReplyDeleteशुभकामनायें |
बहुत सुन्दर
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